भारत में कोरोना पोजिटिव लोगों की संख्या 23 हजार के पार : आज 1667 नए पॉजिटिव मामले

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भारत में कोरोना पोजिटिव लोगों की संख्या 23 हजार के पार : आज 1667 नए पॉजिटिव मामले 2सुभाष चन्द्र चौधरी

नई दिल्ली :  केंद्र सरकार देश में  कोविड-19 वायरस के संक्रमण की रोकथाम कीजिए दिन रात काम कर रही है. प्रधानमंत्री से लेकर स्वास्थ्य मंत्री तक,  कैबिनेट सचिव से लेकर गृह सचिव तक और सभी राज्यों के मुख्यमंत्री एवं मुख्य सचिव लगातार समीक्षा बैठक कर रहे हैं  और नित नए उपाय ढूंढने की कोशिश कर रहे हैं.  सरकार की इस अथक कोशिश के बीच भारत में कोरोना अपना पैर लगातार  फैलाते जा रहा है.  आज रात्रि 11:32 बजे तक 1667 नए  कोरोना पॉजिटिव मामले सामने आ चुके हैं.  अब कोरोना वायरस  से संक्रमित  लोगों की कुल संख्या कुल 23 हजार को पार कर चुकी है जिनमें 17306 व्यक्ति अलग-अलग राज्यों में इस महामारी की चपेट में आकर जिंदगी और मौत के बीच संघर्ष कर रहे हैं.  हालांकि बीमारी से निजात पाने वालों की संख्या भी 5000 है.  इस संक्रमण से अब तक कुल 721 लोगों की जान जा चुकी है जिनमें से आज 40 लोगों की मृत्यु  होने की  दुखद खबर है. 

 

महाराष्ट्र तमिलनाडु मध्य प्रदेश गुजरात दिल्ली आंध्र प्रदेश तेलंगाना उत्तर प्रदेश और पश्चिम बंगाल जैसे राज्यों में  कोविड-19 वायरस  से संक्रमित लोगों की संख्या  इस कदर बढ़ रही है की देश के लोगों को आने वाला समय और भी विस्मयकारी होने की आशंका सताने लगी है. महाराष्ट्र और  गुजरात राजस्थान और मध्य प्रदेश की बीच नए मरीजों का खुलासा होने की चिंताजनक स्थिति उत्पन्न हो गई है.

 

 अकेले महाराष्ट्र में आज 778 नए कोरोना पोजिटिव मामले सामने आ चुके हैं जबकि गुजरात में 217 दिल्ली में 128,  मध्यप्रदेश में 100, आंध्र प्रदेश में 80 जम्मू एंड कश्मीर में 27, तमिलनाडु में 54, तेलंगाना में 27, उत्तर प्रदेश में 61, पश्चिम बंगाल में 33 राजस्थान में 76 बिहार में 27 केरल में 10 और कर्नाटक में 18 नए की मिले हैं. 

  पिछले कई दिनों से प्रतिदिन  इसी अनुपात में पॉजिटिव मामले  बढ़ने  से यह बात साफ हो चुकी है की भारत में  कोरोना संक्रमण  का कम्युनिटी ट्रांसमिशन अब होने लगा है.

 

हालांकि देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आह्वान पर गत 22 अप्रैल को घोषित जनता कर्फ्यू के ठीक 1 दिन बाद 24 अप्रैल  रात्रि से लॉक डाउन  लागू होने के बाद संभावना इस बात की थी की पूर्णा संक्रमण को पूरी तरह न्यूट्रलाइज करने में कामयाबी मिल जाएगी.  इसमें कोई दो राय नहीं कि प्रथम 21 दिनों के पहले चरण में इसमें काफी हद तक सफलता मिलती भी दिख रही थी लेकिन दिल्ली स्थित निजामुद्दीन मरकज में तबलीगी जमात की नासमझी ने देश को बेहद नाजुक मोर पर पहुंचा दिया जिसका  दंत लगभग सभी  बड़े और छोटे राज्य  झेल रहे हैं.

 

 महाराष्ट्र की स्थिति विस्फोटक हो चुकी है जहां अब तक 6427  व्यक्ति  कोरोना  पॉजिटिव  घोषित हो चुके हैं जिनमें से 5304 व्यक्ति अस्पताल में भर्ती हैं और 297 लोगों की मृत्यु भी हो चुकी है.  अगर बात की जाए गुजरात की तो यहां  अपेक्षाकृत कुल कोरोना पॉजिटिव मरीजों की संख्या तो कम है लेकिन पिछले कई दिनों से नए मामले लगातार बढ़ते जा रहे हैं.  यहां कुल 2624 लोग बीमारी से ग्रस्त हो चुके हैं जिनमें से 2254 व्यक्ति अस्पताल में ही भर्ती हैं और अब तक 121 लोग अपने प्राण गवा चुके हैं.

 

मध्य प्रदेश भी केंद्र सरकार की सूची में अति संवेदनशील यानी रेड अलर्ट वाले  राज्यों में  खड़े हो चुके हैं.  यहां कुल 1687 लोग संक्रमित हो चुके हैं जिनमें से 1401 व्यक्ति  अस्पताल में हैं और 81 लोगों की मृत्यु हो चुकी है.

 

 केंद्र सरकार ने पश्चिम बंगाल को भी लॉक डाउन की गाइडलाइन का पालन नहीं करने के कारण अति संवेदनशील राज्य मान लिया है जहां संक्रमित लोगों की कुल संख्या 456 है जिनमें से 362 लोग पताल में हैं और पचासी व्यक्ति रिकवर कर चुके हैं जबकि यहां भी 15 लोग मर चुके हैं.  लेकिन केंद्र सरकार की ओर से गठित विशेषज्ञों की टीम के साथ राज्य सरकार के अधिकारियों का और सहयोगात्मक रवैया चिंता पैदा करने वाला है.  केंद्रीय गृह सचिव अजय भल्ला ने पश्चिम बंगाल के मुख्य सचिव राजीव सिन्हा को बेहद सख्त लहजे में पत्र लिखकर केंद्र सरकार की गाइडलाइन का पालन करने और केंद्रीय टीम के साथ सहयोग करने को कहा है.  राज्य के मुख्य सचिव ने अपने प्रत्युत्तर में केंद्रीय गृह सचिव को सहयोग का आश्वासन भी दिया है लेकिन जनहित के मामलों में भी केंद्र सरकार की ओर से सुझाए गए उपायों को राज्य की ओर से प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष तौर पर करने की परिपाटी बेहद खतरनाक परिणाम की ओर इशारा कर रहे हैं.  उम्मीद है कि पश्चिम बंगाल सरकार अपने प्रदेश की जनता के हित में केंद्रीय टीम के अनुभवों का सदुपयोग करेगी.

 

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