चंडीगढ़, 7 अप्रैल। हरियाणा की मुख्य सचिव केशनी आनन्द अरोड़ा ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि कोरोना वायरस के कम्यूनिटी फैलाव को रोकने के लिए अपने-अपने जिलों में कंटेन्मेंट प्लान तैयार करें और इसे बनाते समय केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा जारी दिशा-निर्देशों की अनुपालना सुनिश्चित की जाए।
मुख्य सचिव ने यह निर्देश आज यहां वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से कोविड-19 के लिए नियुक्त नोडल अधिकारियों के साथ संकट समन्वय समिति की बैठक में दिए।
उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि अपने-अपने जिलों में माइक्रो प्लान तैयार करें और इसे प्रभावी तरीके से लागू करें। इसके तहत समस्त घरों का डोर टू डोर सर्वे करवाया जाए, जिससे यह पता चल सकेगा कि कितने लोगों को क्वारंटीन किया गया है, कितने लोगों को आइसोलेशन में रखा गया है और कितने लोगों की मेडिकल जांच हो चुकी है। इसके साथ ही, आवश्यक वस्तुओं की उपलब्धता एवं आपूर्ति की स्थिति का भी पता लग सकेगा। उन्होंने कहा कि प्रत्येक जिले की विस्तृत डाटा रिपोर्ट तैयार की जाए और इस डाटा को स्वास्थ्य विभाग और पुलिस के अधिकारियों के साथ सांझा किया जाए।
उन्होंने पुलिस विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिए कि जिलों में जो क्षेत्र क्वारंटीन किए गए हैं, ऐसे क्षेत्रों में क्वारंटीन अवधि के दौरान और इस अवधि की समाप्ति की बाद लोगों की मूवमेंट पर नजर रखने के लिए एक सुपरवाइजर अधिकारी लगाया जाए।उन्होंने कहा कि उपायुक्तों को स्थानीय स्तर पर समस्याओं को बारीकी से समझना चाहिए और इसका विश्लेषण करना चाहिए तथा जमीनी स्तर पर हल करना चाहिए।
उन्होंने जिला प्रशासन के अधिकारियों को निर्देश दिए कि वे सुनिश्चित करें कि मुख्य चिकित्सा अधिकारी द्वारा, मेडिकल कॉलेजों और सिविल अस्पतालों में किसी भी आपातकालीन स्थिति से निपटने के लिए वर्तमान योजना के अतिरिक्त अन्य कार्य योजना तैयार की जाए।
उन्होंने निर्देश दिए कि प्रत्येक जिले में चिकित्सा उपकरण जैसे ऑक्सीजन सिलेंडर की आपूर्ति, वेंटिलेटर, पीपीई किट, एन-95 मास्क और सैनिटाइजऱ की उपलब्धता सुनिश्चित की जाए। उन्होंने कहा कि मेडिकल कॉलेज के अधिकारियों की टीमों को हर अस्पताल का दौरा करना चाहिए और वहां की चिकित्सा व्यवस्था की समीक्षा करनी चाहिए।
उन्होंने निर्देश दिए कि प्रत्येक जिले में डाटा एकत्रित करने और रिपोर्ट बनाने का कार्य कुशलता से किया जाए ताकि अधिकारी बारिकी जानकारियों से अवगत हो सकें। उन्होंने निर्देश दिए कि सिविल सर्जनों के साथ एक एचसीएस या अन्य अधिकारी की तैनाती की जाए और इन अधिकारियों को प्रशिक्षित किया जाए ताकि यह कार्य निर्बाध रूप से पूर्ण हो सके।
मुख्य सचिव ने समाज में अफवाह फैलाने वाले और जनता को भ्रमित करने वाली झूठी खबरों पर कड़ी नजर रखने के निर्देश दिए और कहा कि ‘झूठी खबर फैलाने वालों’ के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाए।
बैठक के दौरान मुख्य सचिव को बताया गया कि अब तक प्रदेश में कोरोना के कुल 119 मामले पॉजिटिव पाए गए हैं, जिनमें से 15 मरीज पूरी तरह से ठीक हो चुकें हैं और उन्हें अस्पतालों से छुट्टी दे दी गई है और अब 102 सक्रिय मामले हैं, जबकि राज्य में 2 मौतें हुई हैं।
बैठक में स्वास्थ्य विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव ने बताया कि कोविड के सैंपल की एसआरएल और कोर डायग्नोस्टिक्स सहित दो निजी लैबों में पहले ही शुरू हो चुकी हैं और जल्द ही लाल पैथ लैब में भी शुरू हो जाएगी।
उन्होंने बताया कि कोविड-19 परीक्षण इएसआईसी मेडिकल कॉलेज में लैब में शुरू हो गई है। इसके अलावा, भारत सरकार ने चंडीगढ़ में वैज्ञानिक एवं औद्योगिक अनुसंधान परिषद (सीएसआईआर) लैब को भी मंजूरी दे दी है।