अदालत ने की बिजली निगम की अपील खारिज

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बिजली निगम उपभोक्ता को करेगा 6 लाख 28 हजार 600 रुपए का भुगतान
उपभोक्ता बिजली निगम के खिलाफ करेगा मानहानि का मुकदमा दायर

गुडग़ांव, 1 फरवरी : बिजली निगम की अपील पर सुनवाई करते हुए अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश विजय जेम्स की अदालत ने उपभोक्ता के पक्ष में निचली अदालत के फैसले को बरकरार रखते हुए बिजली निगम की अपील खारिज कर दी है। अब बिजली निगम को उपभोक्ता द्वारा जमा कराया गया 6 लाख 28 हजार 600 रुपए का जुर्माना 12 प्रतिशत ब्याज दर से भुगतान करना पड़ेगा।

उपभोक्ता के अधिवक्ता क्षितिज मेहता से प्राप्त जानकारी के अनुसार डीएलएफ फेस 2 के आर्यवीर आर्य के आवास पर लगे बिजली के मीटर को बिजली निगम द्वारा वर्ष 2016 की 17 जून को चैक किया गया था। निगम ने उपभोक्ता पर आरोप लगाया गया था कि उसके आवास पर जो बिजली का मीटर लगा है, वह बिजली निगम का नहीं है। जबकि उपभोक्ता ने बिजली निगम से आग्रह किया कि बिजली निगम के कर्मचारियों ने ही यह मीटर लगाया है, लेकिन बिजली निगम ने उसकी एक नहीं सुनी और उस पर 6 लाख 28 हजार 600 रुपए का जुर्माना लगा दिया था। कहीं बिजली का कनेक्शन न कट जाए, इस भय से उपभोक्ता ने जुर्माने की धनराशि का भुगतान कर सिविल जज की अदालत ने बिजली निगम के खिलाफ केस दायर कर दिया था।

गत वर्ष 17 जुलाई को सिविल जज सुषमा की अदालत ने बिजली निगम की दलीलों को खारिज करते हुए उपभोक्ता के पक्ष में फैसला दिया था और बिजली निगम को आदेश दिए थे कि उपभोक्ता द्वारा जमा कराई गई धनराशि का भुगतान 12 प्रतिशत ब्याज दर से किया जाए। बिजली निगम ने गत वर्ष ही निचली अदालत के फैसले को जिला एवं सत्र न्यायालय में चुनौती दी थी। अदालत ने अब अपना फैसला सुना दिया है। उपभोक्ता का कहना है कि वह अब बिजली निगम के खिलाफ मानहानि का मुकदमा भी अदालत में दायर करेगा।

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