गुडग़ांव, 1 फरवरी : केंद्रीय वित्तमंत्री निर्मला सीतारमन ने वर्ष 2020-21 का संसद में बजट पेश किया। उद्योगपतियों को केंद्र सरकार से मध्यम एवं लघु उद्योगों के लिए राहत की उम्मीद थी, लेकिन ऐसा कोई विशेष प्रावधान नही किया गया। उक्त बात उद्योगपतियों का प्रतिनिधित्व करने वाली एनसीआर चैम्बर आफ कामर्स एण्ड इण्डस्ट्री के अध्यक्ष एचपी यादव ने कही।
उन्होंने कहा कि संस्था द्वारा लगातार सरकार से लघु तथा मध्यम उद्योगों के लिए माल एवं सेवा कर (जीएसटी) तथा व्यवसायिक ऋ णों पर ब्याज की दरों में 2 प्रतिशत छूट की मांग की गई थी, लेकिन बजट में ऐसा कुछ नहीं दिया गया। हितेन्दर मेहता ने कहा कि विवाद से विश्वास तक योजना के तहत को 30 जून तक जारी रखने की घोषणा से उद्योगों तथा व्यवसायिक सस्थाओं को राहत मिलेगी। कृषि उत्पादों के परिवहन के लिए विशेष रेल का प्रावधान किया गया है। इसी प्रकार लघु तथा मध्यम उद्योगो के उत्पादो के परिवहन का भी
प्रावधान किया जाना चाहिए था।
स्टीयरिंग कमेटी के चेयरमैन रविन्द्र बंसल ने कहा कि बजट मे 100 नए हवाई अड्डो का प्रावधान किया गया है, जो सराहनीय कदम है, लेकिन पूर्व मे घोषित 100 स्मार्ट शहरों के बारे मे कोई प्रावधान नही है। घोषणाओं के साथ उस पर अमल होना भी आवश्यक है। केन्द्रीय सार्वजनिक क्षेत्र के प्रतिष्ठानों द्वारा एमएसएमई को लंबित भुगतान 10 अक्तूबर 2019 तक किया जाए लेकिन अनेकों प्रतिष्ठानो द्घारा उक्त घोषणा पर अमल नही किया जा रहा है। बजट मे परिवहन संरचना के विकास के लिए लगभग 1.5 लाख करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया हैै। उम्मीद है कि उपरोक्त राशि का कु छ भाग औद्योगिक क्षेत्रो के स्थानीयपरिवहन व्यवस्था के सुधार हेतु आबंटित किया जाएगा।
बीआर सचदेवा ने कहा कि सूक्ष्म लघु तथा मध्यम उद्योगो के ऋणों को पुर्नगठित करने एवं उन्हे एनपीए न घोषित करने की योजना को
मार्च 2021 तक बढाए जाने से उद्योगों को लाभ होगा। आयकर से राहत एक सराहनीय कदम है, जिससे आयक रदाताओ को थोड़ी राहत मिलेगी, लेकिन सूक्ष्म लघु तथा मध्यम उद्योगों को भी आयकर मे कम से कम 2 प्रतिशत की छूट का प्रावधान किया जाना चाहिए। सरकार द्घारा साव्रिन वेल्थ फंड मे निवेश पर 100 प्रतिशत कर छूट करने से आधारभूत संरचनाओ के विकास मे गति आएगी।