गुरुग्राम, 30 जनवरी। गुरुग्राम में सरस्वती कुंज कोऑपरेटिव रिहायशी सोसायटी के मामले में एसपी शर्मा कमीशन की सिफारिशों को लागू करने को लेकर प्रदेश के सहकारिता विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव संजीव कौशल ने आज गुरुग्राम पहुंचकर उपायुक्त अमित खत्री तथा अन्य संबंधित अधिकारियों के साथ बैठक की।
बैठक की अध्यक्षता करते हुए श्री कौशल ने कहा कि राज्य सरकार ने एसपी शर्मा कमीशन की सिफारिशों को मान लिया है, इसलिए अब इन सिफारिशों को लागू करवाना बोर्ड ऑफ एडमिनिस्ट्रेटरस की जिम्मेदारी है। बोर्ड ऑफ एडमिनिस्ट्रेटर्स के अध्यक्ष उपायुक्त अमित खत्री हैं तथा सदस्यों में अतिरिक्त उपायुक्त प्रशांत पवार, एचसीएस अधिकारी अमरदीप जैन तथा सहकारिता विभाग के डिप्टी रजिस्ट्रार ऋषि कुमार शामिल है।
श्री कौशल ने कहा कि कमीशन की सिफारिशों में जिन लोगों को सरस्वती कुंज कोऑपरेटिव रिहायशी सोसाइटी के नॉन बोनाफाइड सदस्य पाया गया है, उन्हें कमीशन की हिदायतो के अनुसार बोर्ड ऑफ एडमिनिस्ट्रेटरस नोटिस जारी करते हुए उन द्वारा जमा करवाई गई राशि वापिस लौटाएगा। इस दौरान यदि कोई नॉन बोनाफाइड सदस्य यह क्लेम करता है कि उसने ज्यादा राशि जमा करवाई है तो ऐसे में बोर्ड ऑफ एडमिनिस्ट्रेटर्स एक कमेटी गठित करते हुए मामले की जांच करके फैसला लेगा।
श्री कौशल ने कहा कि बोर्ड ऑफ एडमिनिस्ट्रेटर्स इस रिहायशी सोसाइटी की पूरी जमीन की मलकीयत राजस्व रिकार्ड में अगले 15 दिन में सोसायटी के नाम करवाना सुनिश्चित करें। इस सोसाइटी की गुरुग्राम में 97.5 एकड़ तथा 72 एकड़ की पहचान हो चुकी है। श्री कौशल ने कहा कि बोर्ड आफ एडमिनिस्ट्रेटर्स इस सोसाइटी की प्रदेश तथा देश के अन्य शहरों में संपत्ति का पता लगाएं। एक शिकायतकर्ता ने श्री कौशल के सामने पेश होकर दावा किया कि इस सोसाइटी की गुरुग्राम के अलावा हरियाणा प्रदेश तथा देश के अन्य शहरों में भी प्रॉपर्टी है।
बैठक में श्री कौशल ने बोर्ड ऑफ एडमिनिस्ट्रेटर्स को आदेश दिए कि यह मामला हल होने तक डीटीपी की मदद से वहां पर अवैध निर्माण पर प्रतिबंध लगाएं। साथ ही उन्होंने कहा कि कमीशन ने जिन लोगों को सोसायटी का बोनाफाइड सदस्य पाया है, यदि कोई और कानूनी अड़चन ना हो तो उन्हें एनओसी जारी कर दें । उन्होंने कहा कि टाउन एंड कंट्री प्लानिंग विभाग द्वारा इस सोसाइटी की जो लेआउट प्लान अप्रूव की गई थी उसे आधार मानते हुए प्लाटों का डिलीनेशन अर्थात चित्रण कर ले।
बैठक में बिजली निगम के अधिकारियों ने बताया कि इस सोसाइटी पर बिजली संबंधित कार्यों जैसे सब स्टेशन आदि स्थापित करने के लिए 26.52 करोड़ रुपए बकाया है जो सोसाइटी को दक्षिण हरियाणा बिजली वितरण निगम में जमा करवाने हैं। यह भी बताया गया कि रिन्यूअल फीस जमा नहीं करवाने के कारण इस सोसाइटी का लाइसेंस भी रद्द कर दिया गया है। अब बोर्ड ऑफ एडमिनिस्ट्रेटर्स इस मामले को टाउन एंड कंट्री प्लानिंग विभाग के साथ टेक अप करेगा और लाइसेंस को रिन्यू करवाएगा तथा सोसाइटी की तरफ लायबिलिटीज का पता लगाएगा। यह कार्य 15 दिन में किया जाएगा । बताया गया कि लाइसेंस रिन्यूअल के लिए 46 करोड़ रुपये की फीस टाउन एंड कंट्री प्लानिंग विभाग में जमा करवाई जानी थी, जो नहीं करवाई गई, जिसके कारण लाइसेंस का रिन्यूअल अटक गया।
बैठक में बताया गया कि 40 लोगों ने बिना किसी प्रकार की अदायगी किए अपने पक्ष में प्लॉट की रजिस्ट्री करवाई है, जिस पर एसीएस श्री कौशल ने उन्हें नोटिस देकर 3 सप्ताह में कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं। इन लोगों ने बाद की तिथि के चेक दिए थे जो बाद में बाउंस हो गए।
बैठक में एसीएस श्री कौशल ने इस मामले में दर्ज 17 क्रिमिनल केसों की भी स्टेटस रिपोर्ट मांगी। बैठक में बताया गया कि इन सभी एफआईआर पर कोर्ट में चालान पेश कर दिए गए हैं। इनमें ज्यादातर मामले धोखाधड़ी और जालसाजी के हैं। श्री कौशल ने यह भी कहा कि इस सोसाइटी के समस्त बैंक खातों की अच्छे सीए से फॉरेंसिक ऑडिट भी करवाएं।
इस मामले में राज्य सरकार की तरफ से एक महीने में पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय में यह जवाब दिया जाना है कि एसपी कमीशन की रिपोर्ट पर ग्राउंड पर क्या मोडेलिटीज वर्कआउट की गई हैं। मामले में अगली तारीख 26 फरवरी लगी हुई है। सोसाइटी के कुछ लोग उच्च न्यायालय में गए हुए हैं।