राज्य सूचना आयोग हरियाणा के आदेश पर नगर निगम फरीदाबाद में हुई बैठक
तीन साल तक नगर निगम ने नहीं दिया आरटीआई का जवाब
सीवर पानी के अवैध कनेक्शनों पर नोटिस जारी करेंगे
ओल्ड फरीदाबाद व बल्लभगढ़ मेट्रो स्टेशनों के नक्शे और कम्पलीशन में भी लापरवाही का मामला
फरीदाबाद। नगर निगम फरीदाबाद ने राज्य सूचना आयोग हरियाणा के आदेश दिनांक 22 नवंबर 2019 के अनुसार 6 दिसंबर 19 को यह निर्णय लिया कि सभी एस पी आई ओ कम एक्सईएन अपने अपने क्षेत्र में पड़ने वाले मेट्रो स्टेशन व बदरपुर टोल प्लाजा को उनके द्वारा लगाए गए सीवर पानी के अवैध कनेक्शनों का नोटिस जारी करेंगे। इसी प्रकार सभी असिस्टेंट इंजीनियर ओल्ड फरीदाबाद व बल्लभगढ़ मेट्रो स्टेशनों के नक्शे और कम्पलीशन के लिए भी नोटिस जारी करेंगे। यह निर्णय फरीदाबाद निवासी आरटीआई एक्टिविस्ट अजय बहल के साथ सूचना आयोग और अन्य संबंधित अधिकारियों की मीटिंग में लिया गया। यह कदम लगभग तीन वर्ष पूर्व जनहित के लिए आरटीआई के तहत मांगी गई सूचना के आलोक में उठाया गया है।
एक्टिविस्ट अजय बहाल के अनुसार सभी एसपीओ एक्सईएन अपने – अपने क्षेत्र के अधीन आने वाले नेशनल हाईवे को भी नोटिस जारी कर जवाब तलब करेंगे कि उस नेशनल हाईवे में पड़ने वाले वाले बरसाती पानी के डिस्पोजल की क्या व्यवस्था की गई है ? साथ ही यह भी जानकारी मांगेंगे की ऊक्त पानी को भूमिगत जल संतुलन की दृष्टि आए वाटर हार्वेस्टिंग की व्यवस्था है या नहीं।
क्या है मामला ?
आरटीआई एक्टिविस्ट अजय बहल ने बताया कि उन्होंने वर्ष 2017 में आरटीआई आवेदन के माध्यम से नगर निगम फरीदाबाद से पूछा था कि उनके क्षेत्र में आने वाले सभी मेट्रो स्टेशन, टोल प्लाजा व नवनिर्मित 6 लेन के हाईवे पर वर्षा पानी की निकासी की क्या व्यवस्था है ? उन्होंने यह भी जानना चाहा था कि ऊक्त सार्वजनिक स्थलों पर जहां से हजारों करोड़ की वसूली निजी कंपनियां करती हैं में पीने के पानी के इस्तेमाल के लिए कितने अशीकृत कनेक्शन लिए गए है ? इन सुविधाओं के उपयोग की दृष्टि से ऊक्त स्थानों पर नियमों का पालन किया गया है या नहीं ?
एक्टिविस्ट बहल ने अपने आवेदन के माध्यम से शहर में नए बने गए पुल व बिल्डिंग के कंप्लीशन की जानकारी भी संबंधित प्रमाण व दस्तावेज के साथ मांग की थी।
आश्चर्यजनक तथ्य यह है कि 3 साल बीत जाने पर भी नगर निगम यह जानकारी उन्हें उपलब्ध नहीं करवा पाया था। लेकिन जनहित की लड़ाई लड़ने वाले एक्टिविस्ट अजय बहल ने हार नहीं मानी और लगातार अपने आवेदन के अनुसार जानकारी प्राप्त करने के लिए विभिन्न स्तरों पर प्रयास करते रहे।
अंततः राज्य सूचना आयोग हरियाणा के आदेश पर फरीदाबाद नगर निगम के ओल्ड फरीदाबाद कार्यालय में एक बैठक आयोजित की गई। इस बैठक में यह फैसला लिया गया कि अब नगर निगम सूचीबद्ध तरीके से नेशनल हाईवे और दिल्ली मेट्रो को नोटिस जारी करेगा। वह किसी भी प्रकार की कमी पाए जाने पर आगामी कार्रवाई करेगा।
आर टीआई एक्टिविस्ट की सक्रियता से इस बात का खुलासा हुआ है कि अब तक ऐसे सार्वजनिक प्रोजेक्ट्स और बड़ी निजी कंपनियों के मामले में सरकारी सुविधाओं का उपयोग करने में वर्षों से सरकारी खजाने को चेपा लगाया जाता रहा है। नगर निगम हो या अन्य सरकारी विभाग, सरकारी अधिकारी गैरजिम्मेदाराना व्यवहार करते रहे हैं। साथ ही जलसंरक्षण हो या फिर वाटर हार्वेस्टिंग और अन्य आवश्यक सुविधाएं सभी मामले में नियमों को धता बताया जाता रहा है। यही कारण है कि अजय बहल द्वारा मांगी गई जानकारी उपलब्ध करवाने में निगम के अधिकारी असमर्थ रहे। लेकिन उनकी लड़ाई अब रंग लाने लगी है और निगम के अधिकारियों को अपनी गलती सुधारने को मजबूर होना पड़ रहा है।
माना जा रहा है कि ऐसे बड़े प्रोजेक्ट्स के निर्माण में लगी कंपनियां नियमों का सरेआम उल्लंघन करती रहीं हैं और सरकारी खजाने को नुकसान पहुंचाती रही हैं। इन खामियों को दुरुस्त करने से नगर निगम को करोड़ों की आय हो सकती है।
अजय बहल ने बताया कि इस मामले की अगली सुनवाई राज्य सूचना आयोग के समक्ष 8 जनवरी 2020 को होना निर्धारित है।