गुरुग्राम : दीपावली पर लक्ष्मी पूजा के बाद भी त्यौहारों की धूम कम नहीं हुई। सोमवार को गोवर्धन का पर्व जिले के शहरी व ग्रामीण क्षेत्रों में धूम धाम से मनाया गया। शहर के मंदिरों सिद्धेश्वर मंदिर, घंटेश्वर मंदिर, सेक्टर 4 स्थित श्रीकृष्ण मंदिर, जैकबपुरा स्थित श्रीकृष्ण मंदिर, बाबा प्रकाश पुरी आश्रम, सूर्य विहार स्थित वैष्ण देवी मंदिर, गुफावाला मंदिर आदि में मनाया गया। आयोजकों ने कढ़ी, बाजरा व विभिन्न सब्जियों से अन्नकूट तथा खीर आदि प्रसाद के रुप में वितरित की। मंदिरों में गवर्धन की स्थापना की गई और श्रद्घालुआें द्वारा पूजा—अर्चना भी की गई। काफी लोगों ने अपने घरों में भी गोवर्धन की स्थापना कर पूजा—अर्चना की और अन्नकूट का प्रसाद वितरित किया। सभी मंदिरों में श्रद्घालुआें का तांता लगा रहा। श्रद्घालुआें ने गौवंश की रक्षा करने की शपथ भी ली।
धार्मिक ग्रंथों में भी है उल्लेख
धार्मिक ग्रंथों में उल्लेख है कि इंद्र के प्रकोप से बचने के लिए गोकुल वासियों ने भगवान श्रीकृष्ण से प्रार्थना की थी कि जबरदस्त वर्षा हो रही है, इंद्रदेव उनसे नाराज हैं। उन्हें उनके कोप से बचाया जाए। श्रीकृष्ण जी ने अपनी सबसे छोटी अंगुली पर गवर्धन पर्वत को उठा लिया था और सभी गोकुलवासी अपने पशुआें सहित गोवर्धन पर्वत के नीचे शरण लेने के लिए पहुंच गए थे। तभी से गोवर्धन पर्वत की पूजा भी की जाती है। दूसरे अर्थं में पालतु पशुआें की सुरक्षा व उनकी सलामती के लिए यह पर्व ग्रामीण क्षेत्रों के साथ साथ शहरी क्षेत्रों में भी धूमधाम से मनाया जाता है।
ग्रामीण क्षेत्रों में भी मनाया गया गोवर्धन पर्व
जिले के गांव बोहड़ा कला स्थित महाकाल मन्दिर, पटौदी के डेडावाला मन्दिर, राम मन्दिर, पौराणिक महत्व के इंच्छापुरी शिव मन्दिर, हेलीमंडी के बाबा हरदेवा मन्दिर, विश्वकर्मा मन्दिर टोडापुर, प्रचीन शिव मंदिर, छोटी बाजारी स्थिति बन्दर वाला मन्दिर, जग्गूवाला शिव मन्दिर, हेलीमंडी अनाजमंडी शिव मन्दिर, रामपुर रोड स्थित शिव मन्दिर, श्री श्याम मन्दिर टोडापुर, साई बाबा मन्दिर सहित विभिन्न क्षेत्रों के मन्दिरों में भी गोवर्धन की स्थापना कर अन्नकूट का प्रसाद वितरित किया गया।
फोटो : गोवर्धन पूजा करते व अन्नकूट का प्रसाद वितरित करते श्रद्घालु। फोटो आशिष देगा