नई दिल्ली : भारत चांद की सतह पर इतिहास रचने की दहलीज पर खड़ा है, लेकिन चंद्रमा की सतह से 2.1 किलोमीटर पहले लैंडर विक्रम से आर्बिटर का संपर्क टूट गया। इसके बाद इसरो को सिग्नल मिलना बंद हो गए। इससे इसरो में मौजूद तमाम लोगों के माथे पर चिंता की लकीरे खिंच गई है। हालांकि अभी फाइनल अपडेट का इंतजार है।
इसरो के चेयरमैन के सिवन ने कहा कि लैंडर से आर्बिटर का संपर्क टूटा। लैंड होने की जगह से 2.1 किमी पहले लैंडर से आर्बिटर का संपर्क टूटा। हालांकि अभी डेटा का इंतजार है। इस दौरान वहां मौजूद पीएम मोदी ने इसरो चेयरमैन की पीठ थपथपाई और कहा कि देखिए जीवन में उतर चढ़ाव आते रहते हैं।
ये कोई छोटा अचीवमेंट नहीं है, देश आप पर गर्व करता है। फिर से कम्युनिकेशन शुरू हुआ तो अब भी उम्मीद बची है। मेरी तरफ से वैज्ञानिकों को बधाई, आप लोगों ने विज्ञान और मानव जाति की बहुत बड़ी सेवा की है। मैं पूरी तरह आपके साथ हूं हिम्मत के साथ चलें।
इसके बाद पीएम मोदी ने वहां मौजूद 60 बच्चों के सवालों का भी जवाब दिया और उन्हें अपना लक्ष्य निर्धारित करते हुए धीरे-धीरे उसकी ओर बढ़ने की सीख दी। उन्होंने कहा कि सफलता का कोई शॉर्टकट नहीं होता है।
इससे पहले 1.43 बजे विक्रम लैंडर की सॉफ्ट लैंडिंग की प्रक्रिया शुरू हो गई थी। इसके बाद उसने लैंडिंग का रफ ब्रेकिंग फेज व फाइनल ब्रेकिंग फेज भी सफलता पूर्वक पूरा कर लिया था, लेकिन कुछ देर बाद ही उसका आर्बिटर से सम्पर्क टूट गया। इसके बाद से ही सभी चेहरों पर चिंता की लकीरे खिंच गई।