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नयी दिल्ली। दिल्ली उच्च न्यायालय ने मेट्रो में महिलाओं के लिये मुफ्त सफर के आप सरकार के प्रस्ताव को चुनौती देने वाली याचिका बुधवार को खारिज कर दी।
मुख्य न्यायाधीश डी एन पटेल और न्यायमूर्ति सी हरि शंकर ने याचिका को सुनने से यह कहकर इनकार कर दिया कि इसमें कोई दम नहीं है। पीठ ने याचिकाकर्ता पर भी 10,000 रुपये का जुर्माना भी लगाया।
अदालत ने याचिकाकर्ता की उस अपील को भी खारिज कर दिया, जिसमें किराया कम करने और टिकट की कीमत मौजूदा छह स्लैब के बजाये इसे 15 स्लैब में करने का अनुरोध किया गया था।
पीठ ने कहा, ‘‘किराया तय करना वैधानिक प्रावधान है और यह लागत समेत कई कारकों पर निर्भर करता है जिसे एक जनहित याचिका में निर्धारित नहीं किया जा सकता।’’