नई दिल्ली। चुनावी मौसम में केंद्र सरकार को बड़ी राहत मिली है। चुनाव आयोग की तरफ से मोदी सरकार को मनरेगा मजदूरी की दर बढ़ाने की मंजूरी मिल गई है, हालांकि इसमें शर्त लगाई गई है कि इनका इस्तेमाल चुनाव प्रचार के दौरान नहीं होगा। इसके अलावा सुप्रीम कोर्ट में भी प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना के खिलाफ याचिका भी रद्द कर दी गयी है। इस दोहरे निर्णय से नरेंद्र मोदी सरकार अब चुनाव के दौरान भी जनहित के मुद्दे पर निर्णय ले सकेगी।
बताया जाता है कि केंद्र की मनरेगा योजना के तहत मजदूरी की दरें बढ़ाने के लिए केंद्र सरकार ने चुनाव आयोग से अनुमति मांगी थी। चुनाव आयोग से राहत की खबर आई है। सरकार के इस अनुरोध को स्वीकार कर लिया गया है, बस इसका इस्तेमाल चुनाव प्रचार के दौरान नहीं किया जाएगा। यानी सत्ताधारी दल भाजपा प्रचार में ये कहकर वोट नहीं मांग सकता है कि उन्होंने मजदूरी की दर बढ़ा दी है।
अब एक अप्रैल से मनरेगा योजना के तहत मजदूरी को संशोधित किया जा सकेगा। दरसअल, आचार संहिता लागू होने के चलते मंत्रालय ने आयोग से मनरेगा योजना के तहत मजदूरी को संशोधित करने की मांग की थी।
इसके अलावा खबर है कि सुप्रीम कोर्ट ने किसान सम्मान निधि की राशि किसानों के खाते में डालने के विरोध में डाली गई याचिका को खारिज कर दिया है। इससे मोदी सरकार अब किसानों के खाते में अब 2000 रु डाल सकेगी।