पीएमएलए केस खारिज करने का मामला
नयी दिल्ली। दिल्ली उच्च न्यायालय ने सोमवार को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) से पूछा कि क्या रॉबर्ट वाड्रा की ,अपने खिलाफ धन शोधन मामले को रद्द करने की मांग वाली याचिका सुनवाई करने योग्य है ।
इस मामले में जांच एजेंसी ने वाड्रा से पूछताछ की है।
ईडी ने वाड्रा की याचिका का विरोध करते हुए कहा कि उन्होंने तथ्यों को जानबूझकर छिपाया है इसलिए उन्हें कोई राहत नहीं दी जानी चाहिए।
केंद्र और ईडी की ओर से पेश सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि वाड्रा की याचिका सुनवाई योग्य नहीं है और यह कानून की प्रक्रिया का दुरुपयोग है।
न्यायमूर्ति हिमा कोहली और न्यायमूर्ति विनोद गोयल की पीठ ने जांच एजेंसी से दो सप्ताह के अंदर इस बारे में एक हलफनामा दाखिल करने को कहा कि वाड्रा और उनके सहायक मनोज अरोड़ा की दो अलग अलग लेकिन एक जैसी याचिकाएं सुनवाईयोग्य हैं या नहीं ।
साथ ही अदालत ने मामले की अगली सुनवाई दो मई को तय कर दी।
ईडी का मामला लंदन में 12, ब्रायनस्टोन स्क्वायर में स्थित, 19 लाख पाउंड मूल्य की एक संपत्ति खरीदने में धन शोधन के आरोपों से संबंधित है। इस संपत्ति का कथित स्वामित्व वाड्रा के पास है।
मामले में वाड्रा का प्रतिनिधित्व वरिष्ठ अधिवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी कर रहे हैं।
वाड्रा ने धनशोधन रोकथाम कानून (पीएमएलए) 2002 के कुछ प्रावधानों को असंवैधानिक घोषित किए जाने की मांग भी की है।