Font Size
गुरूग्राम। जिला निर्वाचन अधिकारी एवं उपायुक्त अमित खत्री ने आज कहा कि भारत निर्वाचन आयोग की हिदायत अनुसार लोकसभा चुनाव लड़ने के इच्छुक उम्मीदवारों के लिए जरूरी है कि वे राजनीतिक विज्ञापनों को इलैक्ट्राॅनिक मीडिया तथा सोशल मीडिया में देने से पहले उसे मीडिया सर्टिफिकेशन एवं माॅनीटरिंग कमेटी (एमसीएमसी) के सामने प्रस्तुत कर उसे चलाने की अनुमति लेंगे।
भारत निर्वाचन आयोग के हवाले से उपायुक्त ने बताया कि 9-गुड़गांव संसदीय क्षेत्र के लिए मीडिया सर्टिफिकेशन एवं माॅनीटरिंग कमेटी का गठन किया जा चुका है। गुड़गांव संसदीय क्षेत्र के रिटर्निंग अधिकारी एवं उपायुक्त गुरूग्राम इस कमेटी के चेयरमैन हैं। कमेटी के अन्य सदस्यों में अतिरिक्त उपायुक्त मोहम्मद इमरान रजा , रेवाड़ी की एसडीएम श्रीमति अल्का चैधरी, नूंह के एसडीएम वी एस हुड्डा , गुरूग्राम में द हिंदू के विशेष संवाददाता अशोक बेरवाल, गुरूग्राम में डीईटीसी एक्साईज श्रीमति स्नेहलता, नूंह अमर उजाला के पत्रकार शेरसिंह डागर, नूंह के जिला सूचना एवं जनसंपर्क अधिकारी सुरेश कुमार गुप्ता, रेवाड़ी के जिला सूचना एवं जनसंपर्क अधिकारी जयपाल यादव , रेवाड़ी के पत्रकार महेश वैद शामिल हैं और गुरूग्राम के सूचना एवं जनसपंर्क विभाग के उप निदेशक आर एस सांगवान को सदस्य सचिव बनाया गया है।
उन्होंने बताया कि 13 अप्रैल 2004 को उच्चतम न्यायालय द्वारा दिए गए फैसले के आधार पर चुनाव आयोग द्वारा जारी हिदायतों के अनुसार कोई भी केबल आॅप्रेटर या टीवी चैनल ऐसा कोई विज्ञापन टेलीकास्ट नही करेगा जो देश के कानून के अनुरूप ना हो तथा जो नैतिकता और शालीनता के खिलाफ हो। इसके अलावा, समाज में घृणा तथा विरोधाभास पैदा करने वाले विज्ञापन भी नही दिखाए जा सकते। यही नही , किसी जाति , धर्म , रंग , राष्ट्रीयता , भारतीय संविधान के प्रावधानों के विरूद्ध तथा ऐसे विज्ञापन जो लोगों को अपराध करने, कानून तोड़ने या ंिहंसा के लिए उकसाने या भड़काने का काम करते हों, भी नही चलाए जा सकते।
श्री खत्री ने कहा कि चुनाव आयोग की हिदायत के अनुसार उपरोक्त सभी प्रकार के मामले में एमसीएमसी कमेटी कार्यवाही करने के लिए अधिकृत है। उन्होंने कहा कि सभी प्रकार के राजनैतिक विज्ञापन आदर्श आचार संहिता के अनुरूप होने चाहिए। उन्होंने कहा कि ऐसे किसी भी विज्ञापन को चलाने के आवेदन पर प्राप्त होने के 24 घंटे के भीतर निपटारा कर दिया जाएगा। उपायुक्त ने बताया कि विज्ञापन सामग्री पर आपत्ति होने पर एमसीएमसी कमेटी उस उम्मीदवार को उसे एडिट करने के लिए भी कह सकती है। उन्होंने कहा कि प्री-सर्टिफिकेशन के लिए उम्मीदवार तथा राजनैतिक दल चलाने से तीन दिन पहले आवेदन करें तो बेहतर होगा। उन्होंने बताया कि यदि कोई उम्मीदवार कमेटी के निर्णय से संतुष्ट नही होता है तो वह 48 घंटे में राज्य स्तरीय एमसीएमसी कमेटी में अपील दायर कर सकता है, जिसका निपटारा राज्य स्तरीय कमेटी द्वारा 96 घंटे में किया जाएगा। फिर भी वह संतुष्ट नही होता है तो फैसला सुनाने के 48 घंटे में भारत निर्वाचन आयोग में अपील दायर कर सकता है। विज्ञापन का खर्च उम्मीदवार के चुनावी खर्च में शामिल कर दिया जाएगा।