लखनऊ। यूपी में 69000 सहायक शिक्षकों की लिखित परीक्षा के परिणाम घोषित करने पर यथास्थिति याचिकाओं के निस्तारण तक बरकरार रहेगी। अब कोर्ट में प्रतिदिन मामले की सुनवाई होगी। आज तीन घंटे तक सरकार के विशेष अधिवक्ता ने पक्ष रखा। सर्वोच्च न्यायालय के क्वालिटी एजुकेशन सम्बंधी तमाम ऑब्जर्वेशंस के सहारे क्वालिफाइंग मार्क्स तय किये जाने के निर्णय को सही बताया। कल भी सरकार अपना पक्ष रखेगी।
उत्तर प्रदेश में सहायक शिक्षकों के 69 हजार पदों पर भर्ती की परीक्षा के क्वालिफाइंग मार्क्स को हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच में चुनौती दी गई थी। दर्जनों याचियों की ओर से दाखिल अलग-अलग नौ याचिकाओं में सहायक शिक्षक भर्ती परीक्षा 2019 के क्वालिफाइंग मार्क्स को लेकर चुनौती दी गई थी।
इससे पहले कल की सुनवाई के दौरान न्यायालय ने सरकार की ओर से पेश मुख्य स्थाई अधिवकता से पूछा था कि क्या सरकार 7 जनवरी के शासनादेश के बगैर परीक्षा परिणाम घोषित करने को तैयार है।
न्यायालय ने निर्देश प्राप्त कर उसी दिन जानकारी देने को कहा लेकिन अपर महाधिवक्ता व मुख्य स्थाई अधिवक्ता ने बताया कि सरकार से अभी तक उन्हें समुचित निर्देश नहीं मिले हैं और पूरी बात रखने के लिए दो दिन के समय की मांग की गई। जिसके बाद न्यायालय ने यथास्थिति अगली सुनवाई तक बनाए रखने के आदेश दे दिये। जिसके बाद वरिष्ठ अधिवक्ता प्रशांत चंद्रा ने सरकार का पक्ष रखना शुरू किया।
सहायक शिक्षकों के 69 हजार पदों पर भर्ती मामले में हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच के समक्ष राज्य सरकार ने मंगलवार को अपना जवाब दाखिल किया। सरकार की ओर से लिखित परीक्षा के बाद क्वालिफांइग मार्क्स तय करने के अपने निर्णय को सही करार देते हुए कहा गया कि उसकी मंशा क्वालिटी एजुकेशन देने की है और इसके लिए क्वालिटी अध्यापकों की आवश्यकता है।