नई दिल्ली । प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की बलांगीर जिले की निर्धारित यात्रा से दो दिन पहले अस्थायी हेलिपैड तैयार करने के लिये पेड़ों को काटने की वजह से रविवार को विवाद पैदा हो गया। बलांगीर के संभागीय वन अधिकारी समीर सत्पथी ने कहा कि पूर्व अनुमति लिए बिना अस्थायी हेलिपैड तैयार करने के लिए जिले में रेलवे स्टेशन ग्राउन्ड के निकट कई पेड़ काटे गए हैं। इस संबंध में जांच के आदेश दे दिए गए हैं। वहीं, केंद्रीय पेट्रोलियम मंत्री और भाजपा के वरिष्ठ नेता धर्मेंद्र प्रधान ने दावा किया कि जो लोग प्रधानमंत्री की यात्रा से डरे हुए हैं, वे वन अधिकारियों का ‘गलत इस्तेमाल’ करते हुए झूठा अभियान चला रहे हैं।
गौरतलब है कि धमेंद्र प्रधान का नाता वैसे तो ओडिशा से है लेकिन इस समय वे मध्यप्रदेश से राज्यसभा सांसद हैं। दावा किया जा रहा है कि बलांगीर के वेस्टर्न ओडिशा टाउन में 1 हजार पेड़ काटे गए। ये पेड़ इंडियन रेलवे ने अर्बन प्लांटेशन प्रोग्राम के तहत 2016 में 2.25 हेक्टेयर जमीन पर लगाए गए थे। हेलिपैड बनाने के लिए इनमें से 1.25 हैक्टेयर जमीन के पेड़ों को काटा गया है।
नियमानुसार इन पेड़ों को काटने से पहले रेलवे से परमिशन लेना होता है लेकिन यहां ऐसा कुछ नहीं किया गया। इसलिए विवाद का माहौल बन गया है। इस मामले में रेलवे का कहना है कि प्रधानमंत्री की सुरक्षा की दृष्टि से तुरंत पेड़ों को काटना जरूरी था। इसलिए ऐसा किया गया। गौरतलब है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ओडिशा के बलांगीर के दौरे पर 15 जनवरी को जा रहे हैं पहले वह 16 जनवरी को बलांगीर जाने वाले थे। बाद में ये तारीख बदलकर 15 हो गई।