नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने राष्ट्रीय पुलिस स्मारक बनने में 70 वर्ष लगने के लिये पूर्व की सरकारों की इच्छाशक्ति पर सवाल उठाया और कहा कि पहले की सरकारों ने दिल से प्रयास किया होता तब यह स्मारक कई वर्ष पहले बन गया होता। राष्ट्रीय पुलिस स्मारक को राष्ट्र को समर्पित करते हुए प्रधानमंत्री ने रविवार को कहा, ‘‘आज मुझे राष्ट्रीय पुलिस स्मारक पर गर्व है, लेकिन कुछ सवाल भी हैं। आखिर इस स्मारक को अस्तित्व में आने में आज़ादी के बाद 70 वर्ष क्यों लग गए।’’
उन्होंने कहा, ‘‘ मैं मानता हूं कि कानूनी वजहों से कुछ वर्ष काम रुका, लेकिन पहले की सरकारों की इच्छाशक्ति होती, उन्होंने दिल से प्रयास किया होता, तो ये स्मारक कई वर्ष पहले ही बन गया होता। लेकिन पहले की सरकारों ने आडवाणी जी द्वारा स्थापित पत्थर पर धूल जमने दी।’’ मोदी ने कहा कि 2014 में जब दोबारा राजग की सरकार बनी तो बजट आवंटन किया और आज ये भव्य स्मारक देश को समर्पित किया जा रहा है।
उन्होंने कहा कि यह उनकी सरकार के काम करने का तरीका है। आज समय पर लक्ष्यों को प्राप्त करने की कार्यसंस्कृति विकसित की गई है। प्रधानमंत्री ने देश की सुरक्षा में समर्पित प्रत्येक व्यक्ति एवं उपस्थित शहीदों के परिवारों को पुलिस स्मृति दिवस पर नमन किया। उन्होंने कहा कि आज का दिन सभी की सेवा के साथ-साथ, आपके शौर्य और उस सर्वोच्च बलिदान को याद करने का है, जो पुलिस और अर्द्धसैनिक बल की परिपाटी रही है।
उन्होंने कहा कि यह उनका सौभाग्य है कि उन्हें राष्ट्र सेवा और समर्पण की अमर गाथा के प्रतीक, इस राष्ट्रीय पुलिस स्मारक को देश को समर्पित करने का अवसर मिला है। मोदी ने कहा कि देश के नक्सल प्रभावित जिलों में जो जवान अभी ड्यूटी पर तैनात हैं, उनसे भी वे यही कहेंगे कि आप बेहतरीन काम कर रहे हैं और शांति स्थापना की दिशा में तेज़ी से आगे बढ़ रहे हैं। उन्होंने कहा कि पूर्वोत्तर में डटे साथियों का शौर्य और बलिदान भी अब शांति के रूप में दिखने लगा है। शांति और समृद्धि का प्रतीक बन रहे पूर्वोत्तर के विकास में उनका भी योगदान है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि आज का यह दिन देश में आपदा प्रबंधन में जुटे, किसी प्राकृतिक संकट के समय या हादसे के समय, राहत के काम में जुटने वाले उन जवानों को भी याद करने का है, जिनकी सेवा की बहुत चर्चा नहीं की जाती। उन्होंने कहा कि बहुतों को तो ये पता तक नहीं होता कि कोई इमारत गिरने पर, नाव हादसा होने पर, आग लगने पर, रेल हादसा होने पर, राहत के काम की कमान संभालने वाले ये लोग कौन हैं।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आपदा मोचन संचालनों में शामिल लोगों का सम्मान करने के लिए नेताजी सुभाष चंद्र बोस के नाम पर एक पुरस्कार देने की घोषणा की। यह पुरस्कार आपदा के समय लोगों की जान बचाने में बहादुरी और साहस का प्रदर्शन करने के कार्य को पहचान देने के लिए प्रति वर्ष घोषित किया जाएगा।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने राष्ट्रीय पुलिस स्मारक पर शहीदों को पुष्पांजलि अर्पित की। उन्होंने हॉट स्प्रिंग्स घटना के तीन जीवित सदस्यों को सम्मानित किया। श्री मोदी ने राष्ट्रीय पुलिस स्मारक के संग्रहालय का भी उद्घाटन किया और आगंतुक पुस्तिका में हस्ताक्षर किए।
इस अवसर पर प्रधानमंत्री ने राष्ट्र की सेवा करने के लिए अपना जीवन न्यौछावर करने वाले पुलिस कर्मियों के साहस और बलिदान को सलाम किया। उन्होंने हॉट स्प्रिंग्स लद्दाख में बहादुरी से लड़ने वाले बहादुर पुलिस कर्मियों के बलिदानों को याद किया और उनके परिवार और प्रियजनों के प्रति सम्मान व्यक्त किया।
राष्ट्रीय पुलिस स्मारक राष्ट्र को समर्पित करने में खुशी जाहिर करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि इस स्मारक की केंद्रीय मूर्तिकला पुलिस बलों की क्षमता, साहस और सेवा भावना का प्रतिनिधित्व करती है। उन्होंने यह भी कहा कि राष्ट्रीय पुलिस स्मारक से जुड़ी हर वस्तु देश के नागरिकों को पुलिस और अर्धसैनिक कर्मियों की बहादुरी के बारे में शिक्षित करेगी। उन्होंने कहा कि वर्तमान में देश जिस शांति, सुरक्षा और समृद्धि का आनंद उठा रहा है वह पुलिस, अर्धसैनिक और सशस्त्र बलों के लगातार प्रयासों के कारण ही संभव हुई है।
प्रधानमंत्री ने राष्ट्रीय आपदा मोचन बलों और राज्य आपदा मोचन बलों के योगदान का भी जिक्र किया और कहा कि पुलिस और अर्धसैनिक बल राष्ट्रीय आपदा मोचन बलों का महत्वपूर्ण अंग है और आपदाओं से निपटने में उनके योगदान बहुत महत्वपूर्ण हैं।
राष्ट्रीय पुलिस स्मारक के बारे में प्रधानमंत्री ने कहा इस स्मारक को एनडीए सरकार ने प्राथमिकता दी और इसे समय पर पूरा किया है। उन्होंने कहा कि यह स्मारक राष्ट्र निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले व्यक्तियों को अधिक से अधिक सम्मान देने के सरकार के दृष्टिकोण को रेखांकित करता है।
प्रौद्योगिकी के महत्व पर जोर देते हुए प्रधानमंत्री ने पुलिस बलों से अपने दैनिक कर्तव्य के निर्वहन में प्रौद्योगिकी और नवाचार को अपनाने का अनुरोध किया। इस संदर्भ में प्रधानमंत्री ने पुलिस बल आधुनिकीकरण योजना (एमपीएफ) का उल्लेख किया जो प्रौद्योगिकी, आधुनिक संचार प्रणालियों और आधुनिक हथियारों के माध्यम से पुलिस बलों का आधुनिकीकरण कर रही है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि पुलिस बलों को पुलिस और समाज के बीच के बंधन को मजबूत करने में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभानी है। इस संबंध में प्रधानमंत्री ने पुलिस बलों से पुलिस स्टेशनों को नागरिकों के अधिक अनुकूल बनाने का आग्रह किया।
राष्ट्रीय पुलिस स्मारक में केंद्रीय मूर्तिकला, कर्तव्य निभाते हुए अपने जीवन का बलिदान करने वाले पुलिसकर्मियों के नाम उत्कीर्ण हुई साहस और वीरता दर्शाने वाली दीवार तथा शहीद पुलिस कर्मियों की यादगार को समर्पित एक आधुनिक संग्रहालय शामिल है।