गुरुग्राम। गुरुग्राम सांस्कृतिक गौरव समिति द्वारा नवरात्र के शुभ अवसर पर आयोजित दो दिवसीय व्याख्यानमाला के आठवें दिन *नारी मुक्ति नहीं नारी शक्ति* विषय पर बोलते हुए राष्ट्र सेविका समिति की प्रांत प्रचारिका सुश्री तारा दीदी ने कहा कि भारत में स्त्री और पुरुष एक गाड़ी के दो पहिए हैं। उनमें से किसी को भी परिवार से मुक्ति का अधिकार नहीं है। पाश्चात्य संस्कृति का अपनाना देश और परिवार के लिए अत्यंत हानिकारक है। स्त्री को बाजारवाद का हिस्सा न तो बनना चाहिए और ना ही किसी को बनाने का हक है। भारत में स्त्री के प्रति अत्यंत आदर का भाव है। घर घर में मां सीता होंगी तो ही राम जन्म ले पाएंगे। अतः नारीका सुसंस्कारित व शक्तिशाली होना आवश्यक है।
मंच पर आसीन लघु उद्योग भारती के अध्यक्ष व एचएसआईडीसी के पूर्व निदेशक श्री दीपक जैन ने कहा कि गुरुग्राम सांस्कृतिक गौरव समिति का यह उपक्रम समाज का कल्याण करने वाला है। गुरुग्राम सांस्कृतिक गौरव समिति एकलव्य तीर्थ का निर्माण कर भारत की ऐतिहासिक धरोहरों को संरक्षित करने का महत्वपूर्ण कार्य कर रही है।
*गुरुग्राम मेरा मैं गुरुग्राम का* मिशन के माध्यम से गुरुग्राम को स्वच्छ व स्वस्थ रखने का कार्य बहुत ही सराहनीय है। इस अवसर पर गुडगांव इंडस्ट्रियल एसोसिएशन के अध्यक्ष श्री जगन्नाथ मंगला ने कहा कि इस भागदौड़ के युग में नारी की भूमिका अत्यंत महत्वपूर्ण है। परंतु भारत के परिवारों की समस्याएं भारतीय तरीकों से ही सुलझेगी। पाश्चात्य का अंधानुकरण करने से भारतीय परिवार सुरक्षित नहीं रह सकते। हमें सीता, सावित्री, गार्गी, मैत्रेई, अपाला, चेन्नम्मा जैसी भारतीय नारियों का अनुसरण करना ही होगा।
कार्यक्रम की प्रस्तावना रखते हुए गुरुग्राम सांस्कृतिक गौरव समिति के अध्यक्ष अजय सिंहल ने कहा कि स्त्रियों को यदि आगे बढ़ना है तो भारत में महान नारियों का अतीत उनको देखना ही होगा। विदेशों की नकल कर बाजारवाद का हिस्सा बन नारी शक्तिशाली नहीं बन सकती। आज के व्याख्यान के आयोजक श्रीमती प्रिया सोनिया भाटिया ने मंच आसीन अतिथियों का अभिनंदन किया। इस अवसर पर प्रख्यात बाल गायक सत्यम उपाध्याय ने अपनी प्रस्तुतियों से सभी को आनंदित कर दिया।