तिरुवनंतपुरम । सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बावजूद केरल के सबरीमाला मंदिर में महिलाओं को प्रवेश नहीं मिल रहा है। गुरुवार को भारी सुरक्षा-व्यवस्था के बीच हेलमेट पहनकर सामाजिक कार्यकर्ता रेहाना फातिमा ने एक पत्रकार महिला के साथ मंदिर में दाखिल होने की कोशिश की।
मगर पुजारियों और प्रदर्शनकारियों के भारी विरोध के चलते गर्भगृह से मात्र 18 सीढ़ी दूर रहते ही दोनों महिलाओं को बैरंग लौटना पड़ा। इस घटना के बाद भड़के प्रदर्शनकारी रेहाना फातिमा के घर भी पहुंच गए और उन्होंने घर के बाहर मौजूद गमले आदि तोड़-डाले।
केरल के सबरीमाला मंदिर में 10 से 50 साल की महिलाओं के प्रवेश को लेकर घमासान जारी है। सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद भी अभी तक 10 से 50 साल की महिलाओं को भगवान अयप्पा के दर्शन के लिए सबरीमला मंदिर में प्रवेश करने का मौका नहीं मिला है। कई महिलाएं सबरीमाला पहाड़ी की चढ़ाई कने का प्रयास भी किया तो प्रदर्शनकारियों ने वापस लौटने पर मजबूर कर दिया।
शुक्रवार की सुबह में ही हैदराबाद की महिला पत्रकार ने चढ़ाई शुरू कर दी और प्रशासन ने इस महिला पत्रकार को सुरक्षा भी मुहैया कराई है। हालांकि, शुक्रवार को भगवान अयप्पा मंदिर में माहवारी की उम्र वाली लड़कियों और महिलाओं के प्रवेश का विरोध कर रहे श्रद्धालुओं ने कई जगह विरोध प्रदर्शन किया।
उधर सबरीमाला मंदिर के मुख्य पुजारी बोले- मंदिर बंद नहीं करेंगे, मगर महिलाओं को यहां नहीं आना चाहिए।एक और मैरी स्वीटी नाम की महिला को भी प्रदर्शनकारियों ने मंदिर में जाने से रोका। महिला को वापस जाना पड़ा, उसे पुलिस कंट्रोल रूम ले जाया गया।