31 अक्तूबर, 2018 आवेदन की अंतिम तिथि
चंडीगढ़, 3 सितम्बर : भारत के निर्वाचन आयोग के निर्देशानुसार हरियाणा में फोटोयुक्त मतदाता सूचियों का विस्तृत पुनरीक्षण अभियान चलाने के लिए कार्यक्रम जारी किया है। हरियाणा के मुख्य निर्वाचन अधिकारी, अंकुर गुप्ता ने यह जानकारी देते हुए बताया कि पहली सितम्बर, 2018 को मतदाता सूचियों के प्रारूप का प्रकाशन होने के साथ ही पहली सितम्बर, 2018 से 31 अक्तूबर, 2018 तक दावे और आपत्तियां दायर किये जा सकेंगे।
सभी बूथों पर 22 व 23 सितम्बर, 2018, 13 व 14 अक्तूबर, 2018 को विशेष अभियान चलाया जाएगा।
उन्होंने बताया कि दावे और आपत्तियों का निपटान 30 नवम्बर, 2018 से पहले किया जाएगा। डाटाबेस का अद्यतन और पूरक सूची का मुद्रण 3 जनवरी, 2019 से पहले किया जाएगा। मतदाता सूचियों का अंतिम प्रकाशन 4 जनवरी, 2019 को किया जाएगा।
उन्होंने बताया कि इस पुनरीक्षण का मुख्य उद्देश्य फोटोयुक्त मतदाता सूचियों को त्रुटि रहित तैयार करना व पात्र व्यक्तियों जिनके नाम मतदाता सूची में दर्ज होने से रह गए हों, को दर्ज करना है। इसके अतिरिक्त, पहली जनवरी, 2019 को 18 साल की आयु पूरी करने वाले युवा के नाम फोटोयुक्त मतदाता सूची में शामिल करना तथा उन पात्र व्यक्तियों के नाम मतदाता सूची में दर्ज करना, जिनके नाम किसी कारणवश पहले मतदाता सूची में दर्ज नहीं हुए। वर्तमान मतदाता सूची से मृतक या स्थान छोडक़र चले गए मतदाताओं के नाम सूची से हटाना शामिल है। उन्होंने बताया कि जिन मतदाताओं के नाम व अन्य विवरण पहली सितम्बर, 2018 को प्रकाशित प्रारूप मतदाता सूची में अशुद्ध है, ऐसे मतदाता पहली सितम्बर से 31 अक्तूबर, 2018 तक शुद्धि के लिए अपना दावा बीएलओ/निर्वाचक पंजीयन अधिकारी/जिला निर्वाचर अधिकारी के पास निर्धारित प्रोफार्मा में प्रस्तुत कर सकते हैं।
उन्होंने बताया कि राज्य की सभी 90 विधानसभा निर्वाचन क्षेत्रों की मतदाता सूचियों के सम्बंध में दावे और आपत्तियां पहली सितम्बर से 31 अक्तूबर, 2018 तक प्राप्त किये जाएंगे। प्राप्त दावे और आपत्तियों का निपटान 30 नवम्बर, 2018 तक किया जाएगा।
उन्होंने बताया कि राज्य में इस समय कुल 19,424 मतदान केन्द्र स्थापित हैं, जिन पर अलग-अलग अधिकारी/कर्मचारी को बीएलओ नियुक्त किया गया है। बीएलओ द्वारा प्राप्त फार्म संख्या 6, 6ए, 7, 8 तथा 8ए इत्यादि के साथ संलग्न आवेदक के रिहयशी प्रमाण की मौके पर जांच करने उपरांत अपनी रिपोर्ट सीधे ई.आर.ओ/ए.ई.आर.ओ. को प्रस्तुत की जायेगी । इसी आधार पर ई.आर.ओ. आवेदक द्वारा दिए गए दावे/आपत्ति पर अपना अंतिम निर्णय लेने के उपरांत मतदाता सूची में नाम दर्ज करने, हटाने और शुद्धि करने जैसी भी स्थिति हो, पर कार्यवाही की जाएगी।
सभी पार्टियों के प्रतिनिधियों से अनुरोध किया गया है कि वे बी.एल.ए. फार्म-1 में अपने-अपने राजनीतिक दल के लिए सभी मतदान केन्द्रों पर बीएलए नियुक्त करने का कष्ट करें ताकि त्रुटि रहित शुद्ध मतदाता सूची तैयार की जा सके।