कुंडली-गाजियाबाद-पलवल मार्ग में लगा ब्रेक

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दूसरे दिन धरना जारी

मिट्टी व पानी देने से किसानों ने किया इंकार, कांग्रेस विधायक ने दिया समर्थन

फरीदाबाद  : ईस्टर्न पेरीफेरल (कुंडली-गाजियाबाद-पलवल) के लिए फरीदाबाद की सीमा के गांव फज्जूपुर-शाहाजहांपुर के बीच बने यमुना पुल पर चढऩे-उतरने की मांग को लेकर किसानों का दूसरे दिन भी धरना जारी रहा। जिसके चलते अब इस कार्य पर ब्रेक लगने की संभावना अधिक प्रबल होती दिखाई दे रही है। क्योंकि पुल को बनने में प्रयोग होने वाली मिट्टी और पानी के लिए किसानों ने इंकार कर दिया है। वहीं दूसरे तरफ धरने के दूसरे दिन कांग्रेस के तिगांव विधायक ने किसानों को समर्थन दें, संभव मदद का आश्वासन दिया। वहीं धरने के दूसरे दिन करीब एक दर्जन से अधिक ग्राम पंचायतों ने धरने पर बैठे किसानों को समर्थन दिया।
नहीं देने देंगे मिट्टी पानी 
किसान वक्ताओं में धरने के दूसरे दिन किसान संघर्ष समिति के बनैर तले धरना दिया। जिसके लिए सैकड़ों की संख्या में एकत्र हुए किसानों के बीच अलग-अलग गांवों के किसानों को शामिल कर 31 किसानों की एक कमेटी का गठन भी किया। जिसकी कमान राजेश भाटी को सौंपी गई। जिसके बाद धरना करने वाले किसानों एकजूट होकर रविवार को पुल के प्रयोग में लाई जाने वाली मिट्टी व पानी रोकने के लिए किसानों से बातचीत की। जहां किसानों ने धरना देने वाले किसानों आश्वासन दिया कि वह किसानों के साथ रहेेंगे।
धरने के लिए किसान कर रहे है मदद :
धरना में होने वाले खर्चे के लिए किसान खुले दिन से मदद कर रहे हैं। जिस क्रम में किसान बगैर किसी मांग और दवाब के चलते अपनी मर्जी से चंदा दे रहे हंै, ताकि अगर यह संघर्ष लम्बा चले तो इसमें किसी प्रकार की अर्थिक परेशानी से न गुजरना पड़े। ग्रामीणों का यह कदम धरना

देने वाले किसान नेताओं का हौसल्ला बढ़ा रहा है।

नहीं दबेगी किसानों की आवाज

तिगांव क्षेत्र के कांग्रेस विधायक ललित नागर गांव शाहाजहांपुर-फैज्जूपुर में धरना पर बैठे किसानों के बीच पहुंचे। जहां उन्होंने किसानों को संबोधित करते हुए उनकी हर संभव मदद का आश्वासन देते हुए कहा कि किसानों की आवाज को दबाया नहीं जा सकता। वहां किसानों के साथ थे हैं और रहेंगे।

क्या है मांग

किसानों में अपनी मांग रखते हुए गांव चांदपुर के किसान सूरजपाल भूरा ने बताया कि कुंडली-गाजियाबाद-पलवल के लिए फरीदाबाद की सीमा के गांव फैज्जूपुर-शाहाजाहपुर में यमुना पर पुल बनाया जा रहा है। इस पुल से आने-जाने के लिए आसपास के गांवों के लोगों के लिए कोई भी रास्ता नहीं है। केजीपी पर चढऩे के लिए मोहना मार्ग पर गांव मौजपुर के पास रास्ता बनाया गया है। जबकि पुल के आसपास के करीब दो दर्जन से अधिक गांवों के किसान यमुना पार अपने खेतों पर आने-जाने के लिए इस पुल और मार्ग का उपयोग करना चाहते हैं। लेकिन कोई भी किसानों की इस मांग को मानने के लिए तैयार नहीं है। जिसके लिए किसान सभी दरवाजे खटखटा चुके हैं,लेकिन उसकी सुनाई नहीं हुई। राष्ट्र्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचआइए) के अधिकारी किसानों की इस बात को मानने के लिए तैयार नहीं है। जिसके कारण ही किसानों ने धरना जैसा कदम उठाया है।

ये रहे मुख्य वक्ता :

धरना के दूसरे दिन आसपास ग्राम पंचायत प्रतिनिधियों के साथ सुभाष, रघुराज,धर्मवीर,भामरी, नाहरसिह, ताराचंद,राजू,अमरसिंह,सुंदर,अशोक,राकेश,हरकिशन, वीरेन्द्र के अलावा नंबरदार इंद्रजीत,चरण,धर्म, चैयरमैन नानक,ओमी व सूरजपालभूरा,तनुज एडवोकेट विक्रम,ओमप्रकाश दिन ने किसानों को संबोधित किया।

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