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दृष्टि बाधित बच्चे भी जानते हैं पर्यावरण का महत्व, जिनकी आंखें हैं वो क्यों नहीं : स्वामी सहजानंद नाथ –
अंध महाविद्यालय में आयोजित बीट प्लास्टिक पॉल्यूशन सेमिनार में बोले स्वामी सहजानंद नाथ –
हिसार, 27 मई 2018: आज प्लास्टिक रक्तबीज नामक राक्षस का रूप ले चुका है जो दिन-प्रतिदिन हमारी पृथ्वी विकराल रूप लेता जा रहा है और यह एक ऐसा राक्षस है जो किसी भी तरीके से समाप्त नहीं होता न ही यह गलता है और न ही नष्ट होता है और हमारे पर्यावरण को घातक नुकसान पहुंचाता रहता है। यह बात मैय्यड़ स्थित अंतर्राष्ट्रीय महामृत्युंजय संस्थान के चेयरमैन स्वामी सहजानंद नाथ महाराज ने ‘बीट प्लास्टिक पॉल्यूशन’ विषय पर आयोजित सेमिनार में कही। इस कार्यक्रम का आयोजन अंध महाविद्यालय हिसार में रेड क्रॉस द्वारा आयोजित किया गया जिसकी अध्यक्षता जिला प्रशिक्षण अधिकारी सुरेंद्र श्योराण व सचिव रविंद्र लोहान ने की। कार्यक्रम में अंध महाविद्यालय के छात्रों के साथ-साथ अनेक युवाओं ने भी भाग लिया।
स्वामी सहजानंद नाथ ने अंध महाविद्यालय के बच्चों से प्लास्टिक व पर्यावरण को लेकर अनेक सवाल किए जिसकाउन्होंने बड़ी ही जागरुकता के साथ सटीक जवाब दिया। स्वामी सहजानंद नाथ ने कहा कि जब ये दृष्टि बाधित बच्चे पर्यावरण के प्रति इतने जागरुक हैं तो हमारी आंखें होते हुए भी हमें पर्यावरण की दिन-प्रतिदिन बिगड़ती तस्वीर नजर क्यों नहीं आ रही। उन्होंने मिशन ग्रीन फाउंडेशन के तहत पर्यावरण के लिए पेड़ों के महत्व को बताया कि वृक्ष को धरा का आभूषण क्यों कहा जाता है। वृक्ष हमारी पृथ्वी को न केवल हरा-भरा और सुंदर बनाते हैं बल्कि हमें जीवनोपयोगी वायु ऑक्सिजन भी प्रदान करते हैं और ये पर्यावरण में संतुलन बनाए रखने में अहम योगदान देते हैं।
स्वामी जी ने कहा कि इस समय पृथ्वी व पर्यावरण को सबसे भारी नुकसान बड़े स्तर पर किया जाना वाला प्लास्टिक का उपयोग पहुंचा रहा है। इसलिए हमें प्लास्टिक का उपयोग कम से कम या करना ही नहीं चाहिए। यदि हम पर्यावरण व प्रकृति की उपेक्षा यूं ही करते रहे तो आने वाले समय में हमें इसके गंभीर परिणाम भुगतने पड़ेंगे। इसलिए हर व्यक्ति को पर्यावरण संरक्षण में अपना भरपूर योगदान देना चाहिए और प्लास्टिक का उपयोग न करके अधिक से अधिक पेड़ लगाने चाहिएं।
इस अवसर पर दृष्टि बाधित बच्चों के लिए प्रश्नोत्तरी प्रतियोगिता का भी आयोजन किया गया। कार्यक्रम में मुख्य रूप से विपिन कुमार, नरेश कुमार, प्रबंधक संस्थान व सभी स्टाफ सदस्या उपस्थित रहे। कार्यक्रम में फस्र्ट-एड का प्रशिक्षण प्राप्त कर रहे 190 बच्चों ने भाग लिया।