चंडीगढ़, 21 मई : हरियाणा का जिला रेवाड़ी प्रदेशभर के अस्पतालों में बच्चों के जन्म के मामलों में रेवाड़ी 98.1 फीसदी के साथ पहले स्थान पर रहा है। रेवाड़ी जिले में 100 में 98 बच्चों का जन्म अस्पतालों में हो रहा है। रेवाडी जिला में वर्ष 2017-18 में 16795 डिलीवरी संस्थागत हुई, जिनमें 7018 बच्चों का जन्म सरकारी अस्पतालों में तथा 9777 बच्चों का जन्म निजी अस्पतालों में हुआ। स्वास्थ्य विभाग का यह प्रयास है कि सरकारी संस्थाओं में प्रसव करवाने को अधिक से अधिक प्रेरित किया जाए।
स्वास्थ्य विभाग समय-समय पर लोगों को प्रेरित करने के लिए अभियान चलाता रहता है। ऑपरेशन से डिलीवरी की सुविधा केवल नागरिक अस्पताल रेवाडी में उपलब्ध है। उन्होंने बताया कि जिला में एक नागरिक अस्पताल रेवाडी व एक नागरिक अस्पताल कोसली में, 5 सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र, 13 प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र, 3 शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र, एक सेक्टर-4 स्थित डिस्पेंसरी व 113 उप स्वास्थ्य केंद्र हैं। सभी सीएचसी व पीएचसी में डिलीवरी की सुविधा है, लेकिन सिजेरियन की व्यवस्था केवल नागरिक अस्पताल रेवाड़ी में ही है।
जननी सुरक्षा योजना के तहत अनुसूचित जाति की महिला को हरियाणा सरकार द्वारा संस्थागत प्रसूति करवाने पर 1500 रूपये की अतिरिक्त सहायता राशि भी प्रदान की जाती है। जननी शिशु सुरक्षा कार्यक्रम के तहत गर्भावस्था व प्रसव के दौरान अस्पताल में रूकने तक मुफ्त खुराक, जरूरत पडने पर नि:शुल्क रक्त की सुविधा, मुफ्त उपचार, प्रसव पूर्व एवं उपरांत (42दिन) तक नि:शुल्क वाहन सेवा, सामान्य प्रसव पर 3 दिन तक 100 रूपये प्रतिदिन डाईट व सिजेरियन प्रसव पर 7 दिनों तक 100 रूपये प्रतिदिन डाईट दी जाती है।
उल्लेखनीय है कि सीएचसी-पीएचसी में सुविधा बढेगी तथा अस्पतालों में डिलीवरी होने के मामले में जिला पहले नंबर पर आना अच्छी खबर है व इससे मातृत्व व शिशु मृत्यु दर में कमी आएगी। नागरिक अस्पताल में ऑपरेशन से डिलीवरी करने की सुविधा मौजूद है। सीएचसी व पीएचसी में सुविधाओं को बढ़ाया जा रहा है ताकि सरकारी अस्पतालों में डिलीवरी की संख्या बढ़ाई जा सके।