नोएडा : उपराष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू ने कहा है कि भारत में सौर ऊर्जा क्षेत्र में अग्रणी बनने की विशाल संभावना है। वह आज उत्तर प्रदेश के नोएडा में भारतीय बिजली एवं इलेक्ट्रॉनिक्स विनिर्माता एसोएिसशन द्वारा आयोजित इएलईसीआरएएमए 2018 के उद्घाटन सत्र को संबोधित कर रहे थे। इस अवसर पर केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री सुरेश प्रभु एवं अन्य गणमान्य व्यक्ति भी उपस्थित थे।
उपराष्ट्रपति ने कहा कि भारतीय बिजली उपकरण उद्योग सृजन, पारेषण, वितरण एवं संबद्ध उपकरण से निर्मित्त है और यह उद्योग 5 लाख व्यक्तियों को प्रत्यक्ष रोजगार, अन्य 10 लाख लोगों को अप्रत्यक्ष रोजगार एवं पूरी मूल्य श्रृंखला में 50 लाख से अधिक लोगों को रोजगार उपलब्ध कराता है।
उन्होंने कहा कि यह उद्योग आयातों की वजह से कड़ी प्रतिस्पर्धा का सामना कर रहा है और घरेलू उद्योग के लिए समान अवसरों की मांग कर रहा है। उन्होंने कहा कि मुझे भरोसा है कि पावर सेक्टर इस कसौटी पर खरा उतरेगा और गुणवत्ता का अंतरराष्ट्रीय मानक सुनिश्चित करेगा।
उपराष्ट्रपति ने कहा कि सरकार द्वारा उठाए गए विभिन्न कदमों से बिजली प्राप्त करने की सुगमता के विश्व बैंक के सूचकांक में भारत का स्थान सुधर कर 99 से 26 पर आ गया है। उन्होंने कहा कि दिसंबर 2017 तक बिजली की सुविधा से विहीन 18,452 गांवों में से केवल 1370 गांव ही बिजली की सुविधा से वंचित रह गए हैं।
उन्होंने कहा कि ग्लोबल वॉर्मिंग और जलवायु परिवर्तन हमारे जीवन के प्रत्येक पहलू को प्रभावित कर रहे हैं और किसी भी नई नीति में पर्यावरण की सुरक्षा और सतत विकास सुनिश्चित करने की नितांत आवश्यकता है।
उनके अनुसार इलेक्ट्रिक वाहन एवं हाइब्रिड इलेक्ट्रिक वाहन आगे आने वाले वर्षों में ऑटोमोबाइल उद्योग को प्रेरित करेंगे। उन्होंने कहा कि कार्बन डायऑक्साइड उत्सर्जन में कमी लाने के लिए, ई-वाहनों पर काफी बल दिया जा रहा है।