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गणतंत्र दिवस पर राष्ट्रीय मुस्लिम मंच झंडा फैराऐगा: खुरशीद राजाका
यूनुस अलवी
मेवात:मुस्लिम राष्ट्रीय मंच की बैठक नूहॅ के ’’दी वेस्टवुड स्कूल’’ में मंच के छात्र व युवा विंग के राष्ट्रीय संयोजक खुर्षीद राजाका की अध्यक्षता में संपन्न हुई। मंच के राष्ट्रीय संयोजक व हरियाणा सरकार में एमडीए के चेयरमैन खुर्शीद राजाका ने कार्यकर्ताआें को सम्बोधित करते हुये कहा कि सभी कार्यकर्ता अपने-अपने गांव व मकानों पर तिरंगा फहराकर २६ जनवरी को गणतंत्र दिवस के जषन को जरूर मनाये क्योंकि आज जरूरत है हम अपने भारत का पुराना इतिहास की जानकारी नई पीढी को बचपन से सीखा सकें ताकि बडा होकर युवा देष निर्माण के लिये काम करने का जज्बा को समझ सके। जिस तरीके से आज पडोसी मुल्क भारत पर बुरी नजर रखे हुए है इसलिए नौजवानों को आगे आकर कटटरता व आतंकवाद जैसी नापाक गतिविधियों को भारत से समाप्त करके भारत को विष्वगुरू बनाने के लिए काम करना होगा। आज कषमीर का नौजवान भी पाकिस्तान व चीन जैसे पडोसी मुल्कों की हरकतों को समझ चुका है और धर्म के नाम पर आतंकवाद को भारत में फैलाने जैसी घिनोनी हरकतों से तंग होकर कषमीरी युवा जागरूक होकर राष्ट निर्माण के कार्य में जुट गया है। जिसकी वजह से कषमीर में पाकिस्तानी घुसपैठिया व आतंकवादी हर रोज मारे जा रहे है या फिर राष्ट्र की मुख्यधारा में षामिल हो रहे है।
खुर्षीद राजाका ने कार्यकर्ताआें को आगाह करते हुए कहा कि कुछ कटटरवादी संगठन मेवात की षांति को भंग करना चाहते है और धर्म के नाम पर लोगों को गुमराह करके तालीम व विकास से दूर रखकर व कानून व्यवस्था बिगाड कर राष्ट्र की मुख्यधारा से काटना चाहते है। लेकिन मुस्लिम राष्ट्रीय मंच समाज विरोधी लोगों के मंसूबों को पूरा नही होने देगा। आज हर व्यक्ति बचपन से ही राष्ट्र की मुख्यधारा से जुडकर, आगे बढें, तभी जिदंगी में कामयाब हो सकेगा। इसलिए देष प्रेम को जगाने के लिए चाहे इस्लामिक मदरसा हो या गुरूकुल, या फिर कोई भी धर्म का प्रचार करने वाली संस्था हा,े सबको २६ जनवरी के मौके पर तिरंगा फहराकर समाज को जागरूक बनाने के लिए काम करना चाहिए ताकि देष को आजादी दिलाने वाले षहीदों को हम याद कर सके। पिछले सैंकडो सालों से मुस्लिम समाज तुष्टीकरण की राजनीति का षिकार होता रहा है जिसकी वजह से मेवात भी तालीम, स्वास्थ्य, नौकरी व आर्थिक संपन्नता से दूर चला गया और देष के सबसे पिछडेे जिलों में षुमार होना चिंता का विषय है। इसलिए मेवात व मुस्लिम समाज के धर्मगुरू, विद्घवान, सामाजिक कार्यकर्ता व सियासी रहनुमा, धर्म जाति व पार्टीबाजी से उपर उठकर मेवात को विकास, तालीम व राष्ट्र की मुख्यधारा से जोडने के लिये काम करें ताकि आने वाले समय में मेवात की नई पीढी भी खुषहाल व कामयाम बन सके।
इस मौके पर हाजी अतरखॉ नंगली, एडवोकेट वसीम राजाका, मास्टर जाकिर, रज्जी भादस, महाबीर सैनी नगीना, उमर मोहम्मद, जाकिर नौसेरा आदि मुख्य रूप से मौजूद रहे।