अब गुरुग्राम शहर में खुले में शौच, कोई नहीं करता !

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जिला उपायुक्त विनय प्रताप का दावा 

गुरुग्राम जिला को स्वच्छ दर्पण प्रतियोगिता का पुरस्कार मिला

फरूखनगर, पटौदी व हैलीमंडी नगरपालिका , सोहना नगर परिषद् व नगर निगम क्षेत्र सभी खुले में शौचमुक्त

 
गुरुग्राम, 3 अक्टूबर। भारत सरकार के पेयजल एवं स्वच्छता मंत्रालय द्वारा गुरुग्राम जिला के शहरी क्षेत्र को भी खुले में शौचमुक्त घोषित कर दिया गया है। अब गुरुग्राम जिला के ग्रामीण क्षेत्र के साथ शहरी क्षेत्र भी पूर्णतया: खुले में शौचमुक्त हो गया है। अत: अब पूरा गुरुग्राम जिला में कोई भी व्यक्ति खुले में शौच नहीं करता है. 
 
यह दावा करते हुए इसका श्रेय गुरुग्राम के उपायुक्त विनय प्रताप सिंह ने जिलावासियों को दिया है. उन्होंने कहा है कि आमजन के सहयोग के बिना जिला को खुले में शौचमुक्त नही बनाया जा सकता था। उन्होंने कहा है कि केवल खुले में शौचमुक्त बनाना ही काफी नही है बल्कि हम सभी को इस स्थिति को भविष्य में भी बनाए रखना है ताकि हमारा जिला स्वच्छ व सुंदर बना रह सके। श्री सिंह का मानना है कि गुरुग्राम में भारतवर्ष ही नही विदेशों से भी लोग आते हैं इसलिए अपने शहर को हम स्वच्छ रखें ताकि वे यहां के बारे में अच्छी सोच बना सकें और गुरुग्राम की दुनिया भर में अच्छी छवि बने। 
 
उनके अनुसार गुरुग्राम जिला के ग्रामीण क्षेत्र को प्रधानमंत्री  नरेन्द्र मोदी ने गुरुग्राम में 1 नवंबर को आयोजित हरियाणा स्वर्ण जयंती समारोह में खुले में शौचमुक्त घोषित किया था, जिसके लिए तत्कालीन उपायुक्त टी एल सत्यप्रकाश को प्रधानमंत्री द्वारा सम्मानित भी किया गया था। अब रविवार 2 अक्टूबर को पुन: गुरुग्राम जिला को स्वच्छ दर्पण प्रतियोगिता का पुरस्कार मिला है। गुरुग्राम जिला का ग्रामीण क्षेत्र स्वच्छता के मामले में पूरे प्रदेश में अव्वल रहा है। उन्होंने बताया कि अब ग्रामीण क्षेत्र के साथ जिला की फरूखनगर, पटौदी व हैलीमंडी नगरपालिका , सोहना नगर परिषद् व नगर निगम क्षेत्र के सभी वार्ड भी खुले में शौचमुक्त हो गए है। 
 
उन्होंने बताया कि गुरुग्राम जिला को खुले में शौचमुक्त बनाने के  पहले उन स्थानों की सूची तैयार की गई थी जहां ज्यादातर लोग खुले में शौच के लिए जाते हैं। इन स्थानों पर जिला प्रशासन द्वारा कम्युनिटी टॉयलेट, पोर्टेबल टॉयलेट, पब्लिक टायलेट तथा मोबाइल वैन टायलेट की व्यवस्था की गई। नगर निगम गुरुग्राम के क्षेत्र में रहने वाले 5120 परिवारों को व्यक्तिगत शौचालयों के निर्माण के लिए राशि प्रदान की गई। उन्होंने बताया कि खुले में शौच को लेकर लोगों की मानसिकता में बदलाव लाने के लिए जिला में विभिन्न स्थानों पर जागरूकता अभियान चलाएं गए व होर्डिंग, बैनर, नुक्कड़ नाटकों, वीडियो पै्रजेंटेशनों व पोस्टरों आदि के माध्यम से लोगों को जागरूक किया गया। गुरुग्राम के सभी वार्डों में स्वच्छता दूतों की ड्यूटियां लगाई गई जो सुबह शाम खुले में शौच जाने वाले लोगों को शौचालयों का इस्तेमाल करने के लिए प्रेरित करती थी। 
 
उपायुक्त के अनुसार इस जिला को खुले में शौचमुक्त बनाने के लिए सामाजिक संस्थाओ जैसे आरडब्ल्यूए , एनजीओ, शहर के गणमान्य नागरिकों तथा निगम पार्षदों का सहयोग लिया गया। इन सभी प्रक्रियाओं के पूरे होने के बाद केन्द्रीय शहरी विकास मंत्रालय भारत सरकार के पास ओडीएफ सर्टिफिकेट के लिए आवेदन किया गया। आवेदन के बाद क्वालिटी कंट्रोल ऑफ इंडिया की टीम ने जिला का दौरा कर जिला के खुले में शौचमुक्त होने की पुष्टि की। इन सभी सर्वेक्षण के पश्चात् क्वालिटी कंट्रोल ऑफ इंडिया की टीम द्वारा जिला के शहरी क्षेत्र अर्थात् नगरपालिका, नगर परिषद् तथा नगर निगम क्षेत्र को भी खुले में शौचमुक्त घोषित कर दिया गया है। 
 
उन्होंने जिलावासियों से अपील की है कि वे जिला को स्वच्छ व निर्मल बनाने में अपना योगदान दें। लोग खुले में शौच ना तो स्वयं करें और ना ही दूसरों को ऐसा करने दें। उन्होंने कहा कि गंदगी का सीधे तौर पर हमारे स्वास्थ्य पर असर पड़ता है इसलिए यह जरूरी है कि लोग अपने घरों के आस-पास गंदगी ना फैलाएं और कचरा डस्टबिन में ही डालें। यह एक राष्ट्रव्यापी अभियान है जिसके लक्ष्य को आमजन की भागीदारी के बिना पूरा नही किया जा सकता । देश के प्रधानमंत्री  नरेन्द्र मोदी ने एक स्वच्छ भारत की परिकल्पना की दृष्टि से इसे लागू किया है। उन्होंने इक बात पर बल दिया है कि यह अभियान तभी सफल हो सकता है जब समाज का प्रत्येक व्यक्ति राष्ट्र के प्रति अपनी नैतिक जिम्मेदारी समझेगा। 
 
इस उपलब्धि के लिए उन्होंने गुरुग्राम जिला प्रशासन की टीम को बधाई दी और कहा कि यह उनकी मेहनत व लगन का परिणाम है कि आज गुरुग्राम का ग्रामीण व शहरी क्षेत्र खुले में शौचमुक्त बन गया है। उन्होंने आशा जताई कि वे आगे भी इसी प्रकार पूरी मेहनत से काम करेंगे और लोगों को स्वच्छता बनाए रखने के लिए प्रेरित करेंगे। 

Suvash Chandra Choudhary

Editor-in-Chief

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