पंचायत के बाद नगरपालिका द्वारा लगाए गए स्वागत बोर्डों में धांधली का आरोप

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नगरपालिका द्वारा विकास के लिए आई राशि को स्वागत बोर्डों पर किया जा रहा खर्च।

विजलेंस से जांच कराने की मांग।

 

यूनुस अलवी

मेवात :प्रदेश की भाजपा सरकार व मुख्यमंत्री भ्रष्टाचार को रोकने के लिए बडे-बडे दावे कर रही है, लेकिन पुन्हाना शहर की नगरपालिका इन दावों की जमकर धज्जियां उडा रही है। इन दिनों नगरपालिका द्वारा शहर के विकास के लिए आई राशि का जमकर दुरूपयोग किया जा रहा है। अपने लक्ष्य से भटकते हुए नगरपालिका प्रशासन काम में नहीं बल्कि नाम में विश्वास कर रहा है। नगरपालिका द्वारा स्वागत बोर्डों व पार्षदों के नाम के बोर्डों के नाम पर जनता के खून-पसीने से दिए गए टैक्स के रूप में दी गई राशि को पानी की तरह बहाया जा रहा है। वहीं शहरवासियों सहित भाजपा कार्यकर्ताओं ने नगरपालिका में फैले भ्रष्टाचार की विजलेंस से जांच कराने की मांग की है, ताकि बेलगाम हो रहे अधिकारियों पर लगाम लगाई जा सके।
 
बता दें कि पंचायतों के साथ ही नगरपालिका ने भी स्वागत बोर्डों से लेकर पार्षदों सहित नेताओं के नाम के बोर्ड लगाने के नाम पर भारी धांधली की गई है। सुत्रों के अनुसार स्वागत बोर्डों के लिए प्रति बोर्ड पर करीब 5 लाख और रेजिडेंशियल के एक बोर्ड पर करीब 32 हजार रूपये का भुगतान किया गया है। जबकि जानकारों के अनुसार स्वागत बोर्ड की वास्तविक कीमत करीब सवा दो लाख रूपये की है वहीं रिहाईशी बोर्ड मात्र 13 हजार रूपये बाजार में बन रहा है। सुत्रों के अनुसार नगरपालिका अधिकारियों ने ठेकेदारों से मिलीभगत कर बीच की राशि का बंटरबांट कर भारी धांधली की है। इसके साथ ही ठेकेदारों द्वारा फर्जी बिल दिए गए है। जिनकों बिना जांचे परखें ही नगरपालिका द्वारा भुगतान कर दिया गया है। लोगों का कहना है कि अगर सरकार द्वारा इनकी गहराई से जांच कराई जाए तो इसमें भारी भ्रष्टाचार उजागर होने के साथ ही कईयों को जेल की हवा भी खानी पड सकती है।
 

स्वागत बोर्डाे की जांच शुरू की जाएगी जांच : एसडीएम 

 
मेवात भाजपा जिला अध्यक्ष सुरेंद्र देशवाल का कहना है कि इस मामले को मीडिया द्वारा उठाऐ जाने पर सरकार और प्रशासन ने जांच शुरू कर दी है। उन्होने कहा कि भ्रष्टाचार किसी भी कीमत पर बरदास्त नहीं किया जाऐगा। 
 
 वहीं पुन्हाना के एसडीएम प्रदीप गोदारा का कहना है कि मामला गंभीर है स्वागत बोर्डों के मामले की जांच कराई जाएगी, अगर वास्तविक कीमत से अधिक राशि का भुगतान किया गया है तो इसकी रिकवरी के साथ ही इसमे संलिप्त कर्मचारियों के खिलाफ भी कार्रवाई की जाएगी।

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