28 अगस्त को रोहतक जेल में अदालत स्थापित करने का आदेश
सभी 31 मृतक बाहर के राज्यों से आये थे , एक भी स्थानीय नहीं
डीजीपी ने कहा , इस घटना में हरियाणा पुलिस की कोई गलती नहीं
मुख्य सचिव ने कहा, स्पॉट से भागने वाले ड्यूटी मजिस्ट्रेट के खिलाफ होगी कार्रवाई
चंडीगढ़ : हरियाणा के डीजीपी बीएस संधू ने कहा है कि साध्वी रेप मामले में शुक्रवार को सीबीआई की विशेष अदालत में आए फैसले के बाद पंचकूला में हुई हिंसा के मामले में पुलिस की कोई गलती नहीं है. उन्होंने कहा कि किसी भी जगह से हरियाणा पुलिस नहीं भागी है. स्थिति को नियंत्रित करने के लिए आर्मी का कहीं भी उपयोग नहीं किया गया. सभी मृत 31 व्यक्तियों में कोई भी पंचकूला का नहीं है. आगामी 28 अगस्त को सजा मुक़र्रर करने के लिए आदालती कार्रवाई पंचकुला में नहीं होगी. इसके लिए रोहतक जेल में ही अदालत स्थापित करने का निर्णय लिया गया है. इस आशय का आदेश उच्च न्यायालय की ओर से जारी किया गया है .
हरियाणा के मुख्य सचिव डी एस ढेसी और डी जी पी बी एस संधू ने चंडीगढ़ में एक संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस कर प्रदेश में कानून व्यवस्था की स्थिति की साड़ी जानकारी दी. मीडिया ने उन पर सवालों का बौछार क्र दिया और कई बार दोनों ही अधिकारी असहज दिखे. डी जी पी ने दावा किया कि कोर्ट का फैसला आने के बाद हिंसा हुई है उससे पूर्व नहीं. उन्होंने कहा इस मामले में पुलिस ने अच्छी तरह काम किया औऱ इसकी मोनेटरिंग उन्होंने खुद की है. इस पूरे ऑपरेशन की जिम्मेदारी उनकी है थी.
उन्होंने बताया डेरा समर्थकों से एक ए के-47, दो मोजर राइफल, 5 पिस्टल और मैगजीन बरामद की गई है.
डीजीपी ने कहा कि कभी कभी ज्यादा भीड़ की वजह से पुलिस को पीछे हटना पड़ता है. मगर इस मामले में पुलिस ने कोई नाकामी नहीं बरती.
उन्होंने कहा कि उन्होंने खुद पूरे ऑपरेशन को लीड किया था और इसमें हालात को संभालने के लिए पुलिस की तरफ से पूरी कोशिश की गई. वहीं हरियाणा के गृह सचिव रामनिवास ने हरियाणा पुलिस औऱ सुरक्षाबलों की पीठ थपथपाई .
गृहसचिव रामनिवास ने कहा है कि अगर मुस्तैदी न दिखाई जाती तो हालात हाथ से निकल सकते थे. सुरक्षाबलों ने महज साढ़े 3 घंटों में ही हालात को काबू कर लिया था वरना हालात और भी ज्यादा खराब हो सकते थे.
प्रेस कांफ्रेंस में मुख्य सचिव व डीजीपी की मुख्य बातें :
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देश द्रोह के दो मामले दर्ज किये गए है.
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जांच चल रही है , जाँच के आधार पर नाम का खुलासा किया जाएगा
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मुख्य सचिव ने कहा कि राम रहीम को कोई वीआईपी सुविधा नहीं दी जा रही है.
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उन्हें सुरक्षा कारणों से हेलिकप्टर से ले जाया गया था .
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सड़क से ले जाना जनहित में ठीक नहीं था .
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राम रहीम को सोनारिया जेल में ही रखा गया है .
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राम रहीम को साधारण कैदी की तरह ही रखा गया है .
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उसके कमरे में कोई एसी नहीं है
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उकसे कमरे में कोई आर ओ नहीं है.
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उसकी जेड प्लस सुरक्षा स्वतः समाप्त हो गयी है .
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डी जी पी संधू ने कहा कि मारे गए 31 लोगों में कोई भी पंचकुला का नहीं है.
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सभी मृतकों की पहचान की जा रही है .
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सभी बाहर से आये थे .
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पुलिस ने एफ्फेक्टिव एक्शन लिया इससे ही तीन घंटे में ही स्थिति पर काबू पाया जका सका .
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श्रधालुओं व पुलिस के बीच कई जगह संघर्ष हुआ .
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जब रेप मामले के अभियुक्त डेरा प्रमुख राम रहीम को दोषी करार देने के बाद जेल ले जाने का समय आया तब उनके समर्थकों ने राम रहीम की व्यक्तिगत गाडी में ही उन्हें ले जाने के लिए दबाव डाला .
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लेकिन वहाँ मौजूद आई जी ने उन्हें ऐसा करने से मना किया
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इस पर राम रहीम के समर्थकों की आई जी से कहासुनी हुई.
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डीजीपी ने आई जी को राम रहीम समर्थकों द्वारा थप्पड़ मारने की घटना से इनकार किया .
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डी जी पी ने कहा कि कोर्ट तक आने की जिम्मेदारी स्वयं राम रहीम की थी इसलिए वे खुद की गाडी से आये थे .
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लेकिन जब उसे दोषी करार दिया गया तब पुलिस की गाडी में जेल ले जाने का नियम है इसलिए आई जी ने वही किया.
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डी जी पी ने कहा कि उसके साथ एक महिला थी लेकिन उसे जेल में जाने की अनुमति नहीं दी गयी
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उक्त महिला उसकी गोद ली हुई बेटी थी.
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मुख्य सचिव ने कहा कि अम्बाला में जेल है लेकिन वहां उसे रखा जाना सुरक्षा के लिओहाज से ठीक नहीं होता इसलिए रोहतक ले जाया गया.
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उसे सुरक्षा कारणों से हेलीकाप्टर से ले जाया गया .
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इस हेलीकाप्टर की फीस हरियाणा सरकार ने दी है
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सिरसा में डेरा से गोली से चली या नहीं इसकी जांच की जा रही है .
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मुख्य सचिव ने कहा कि ड्यूटी से ड्यूटी मजिस्ट्रेट भाग रहे थे या नहीं इसकी जांच की जायेगी .
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मुख्य सचिव ने कहा कि अगर किसी ने कोताही बरती है तो उसके खिलाफ कार्रवाई होगी .
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बल प्रयोग में केवल हरियाणा पुलिस और बीएस ऍफ़ का उपयोग किया गया.
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आर्मी का उपयोग नहीं किया गया.
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आर्मी को केवल सुरक्षा की दृष्टि से फ्लेग मार्च करवाया गया .