के.आर. मंगलम विश्वविद्यालय में दो-दिवसीय अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन हंगामेदार रहा !

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शोध-पत्रों पर गंभीर चर्चा हुई

जे.एन.यू. के शतेंद्र शर्मा का दावा ”वैदिक ज्ञान की ओर लौटेगा आधुनिक विज्ञान“

माॅस्को स्टेट यूनीवर्सिटी के प्रो. सर्गेई एरिमिनने की भारतीय ज्ञान-विज्ञान की सराहना

के.आर. मंगलम विश्वविद्यालय में दो-दिवसीय अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन हंगामेदार रहा ! 2गुड़गांव, 18 अगस्त : के.आर. मंगलम विश्वविद्यालय में चल रहे दो-दिवसीय अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन का आज दूसरा और अंतिम दिन काफी हंगामेदार रहा। इसमें देश-विदेश से आए 200 से अधिक शोधार्थियों, वैज्ञानिकों, विशेषज्ञों और प्रोफेसरों ने अपने शोध-पत्र दुनिया के सामने प्रस्तुत किए। शोध-पत्रों पर काफी गंभीर चर्चा हुई। जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय के इंस्ट्रूमेंटेशन सेंटर के निदेशक एवं डी.आर.डी.ओ. के पूर्व वैज्ञानिक प्रो. शतेंद्र शर्मा ने कहा कि ‘आधुनिक विज्ञान धीरे-धीरे वैदिक ज्ञान की ओर बढ़ रहा है और अब वो दिन दूर नहीं जब वैदिक ज्ञान और आधुनिक विज्ञान के बीच की सीमा-रेखा समाप्त हो जाएगी।’

उन्होंने कहा कि ‘दुनिया में अब लोग मानने लगे हैं कि भारत में दुनिया को राह दिखाने की शक्ति है।’ उन्होंने विदेश में हुए एक शोध का जिक्र करके कहा, ‘स्पीकर के ऊपर एक साफ कागज पर रेत रखने के बाद जब ऊँ की ध्वनि बजाई जाती है, तो श्री यंत्र जैसी रूपरेखा उभरकर आती है। वैज्ञानिकों को इस पर और अधिक शोध करने की आवश्यकता है। यहां तक कि सूर्य से निकलने वाली ध्वनि भी ऊँ की ही है जिसका पता हाल ही में नासा के वैज्ञानिकों को चला।’

समापन समारोह में माॅस्को स्टेट यूनीवर्सिटी के प्रो. सर्गेई एरिमिन ने भारतीय वैज्ञानिकों के शोध की सराहना की और कहा, ‘दुनिया हमेशा से भारतीय ज्ञान को गंभीरता से लेती रही है और आज के दौर में भारत में इतनी क्षमता है कि वह दुनिया को नई राह दिखा सके।’ उन्होंने जोर देकर कहा कि ‘सरकार को उच्च शिक्षा और शोध पर ज्यादा खर्च करना चाहिए, तभी भारत भविष्य में दुनिया की अगुवाई कर पाएगा।’ उन्होंने प्रो. शतेंद्र शर्मा की प्रशंसा की और कहा, ‘भारत और रूस विज्ञान के क्षेत्र में मिलकर प्रगति करना चाहते हैं। ऐसे में, इस अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन का आयोजन विज्ञान को एक नया आयाम देगा।’के.आर. मंगलम विश्वविद्यालय में दो-दिवसीय अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन हंगामेदार रहा ! 3

सम्मेलन की आयोजक डाॅ. दिलराज एवं डाॅ. ज्योत्सना ने सम्मेलन में आए सभी वैज्ञानिकों के प्रति आभार प्रकट किया और कहा कि ‘इस अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन का उद्देश्य दुनिया में विज्ञान के क्षेत्र में हो रही प्रगति पर चर्चा करना है। आज विज्ञान के क्षेत्र में जिस तेजी से प्रगति हो रही है इस तरह की प्रगति पिछले हजारों साल के इतिहास में नहीं देखी गई। इस तरह के आयोजन समय-समय पर होते रहने चाहिए।’
सम्मेलन के समापन समारोह में के.आर. मंगलम विश्वविद्यालयकेकुलपति प्रो. आर.के. मित्तल ने कहा, ‘इस सम्मेलन की सफलता हमारे लिए हर्ष का विषय है और हम भविष्य में ज्ञान, विज्ञान व कला के क्षेत्र में और अधिक अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलनों का आयोजन करेंगे ताकि समाज के सभी वर्गों का स्तरोन्नयन हो और देश की चहुंमुखी प्रगति में हम योगदान दे सकें।’

मिडिल इस्ट काॅलेज, ओमान के डाॅ. प्रकाश कुमार ने ई-लर्निंग पर जोर दिया। जे.एन.यू. की डाॅ. प्रतिमा ने नैनो साइंस व नैनो टेक्नोलाॅजी पर अपना शोध पत्र प्रस्तुत किया। सम्मेलन के अंत में सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन किया गया जिसमें विदेशों से आए वैज्ञानिकों व अकादमिशयनों को भारतीय संस्कृति की एक झलक देखने को मिली। सभी लोगों ने कार्यक्रम की भूरि-भूरि सराहना की।

के.आर. मंगलम विश्वविद्यालयकेरजिस्ट्रार डाॅ. दिवाकर पडलिया ने अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन में आए देश-विदेश के वैज्ञानिकों, अकादमिशियनों, शोधार्थियोंका धन्यवाद ज्ञापन किया और विश्वास जताया कि सम्मेलन से निकले निष्कर्ष समाज और देश दोनों को प्रगति की राह दिखाएंगे। उन्होंने विज्ञान को लोगों के सामूहिक विकास के साथ जोड़ने की पैरवी की।

इस अवसर पर एन.आई.टी. दिल्ली के प्रो. अजय कुमार, सी.एस.आई.आर.-सी.ई.ई.आर.आई. के पूर्व निर्देशक प्रो. चंद्रशेखर, माॅस्को स्टेट यूनीवर्सिटी के प्रो. सर्गेई एरिमिन, वाटर सिस्टम्स एन.एस.एफ. इंटरनेशनल, यू.एस.ए. के डाॅ. रिचर्ड एंड्रयू, बी.डी.एम. साउथ एशिया के डाॅ. बी.बी. सिंह, एन.आई.एस.सी.ए.आई.आर.-सी.एस.आई.आर. के मुख्य वैज्ञानिक डाॅ. आर.एस. बेनीवाल, डी.आर.डी.ओ. के वैज्ञानिक डाॅ. नारायण पानीगढ़ी, जे.एन.यू. के प्रो. कृष्ण कुमार, भारत सरकार के विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग के वैज्ञानिक डाॅ. बिपिन जोशी, नोवा साउथर्न यूनीवर्सिटी की डाॅ. एलिसिया फर्नांडीज भी उपस्थित रहे।

साथ ही, सम्मेलन में के.आर. मंगलम विश्वविद्यालयकेमैनेजमेंट की डीन प्रो. विजय कुमार दूबे, इंजीनियरिंग के डीन डाॅ. बृजेश कुमार, मेडिकल एंड एप्लाइड साइंस के डीन डाॅ. अरुण गर्ग, ह्यूमैनिटीज विभाग की डीन डाॅ. ओम्ना एंटनी समेत अनेक गणमान्य उपस्थित थे।

Suvash Chandra Choudhary

Editor-in-Chief

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