कोडरमा, चाईबासा व बोकारों में तीन मेडिकल कॉलेज को केंद्र की मंजूरी : रघुवर दास

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मुख्यमंत्री ने रांची सदर अस्पताल के 200 शैय्या के मातृ शिशु वार्ड का किया उद्घाट्न

दिसंबर 2018 तक 300 बेड इसमें और बढ़ाये जायेंगे

झारखण्ड राज्य को मेडिकल हब के रूप में विकसित करना हमारी प्राथमिकता

रांची :  झारखंड राज्य के मुख्यमंत्री  रघुवर दास ने कहा कि गरीबों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधा उपलब्ध कराना हमारी सरकार की प्राथमिकता है। हमारी सरकार ने स्वास्थ्य सुविधा में सुधार के लिए कई प्रभावकारी कदम उठाया है। इसी का प्रतिफल है कि आज रांची में 200 बेड वाले सदर अस्पताल का उदघाटन किया गया। दिसंबर 2018 तक 300 बेड इसमें और बढ़ाये जायेंगे। श्री दास आज रांची सदर अस्पताल में 200 शैय्या के मातृ-शिशु वार्ड का उदघाटन करने के बाद लोगों को संबोधित कर रहे थे।

श्री दास ने कहा कि जिला अस्पतालों को भी आधुनिक बनाने की दिशा में काम किया जा रहा है ताकि गांव के लोगों को इलाज के लिए रिम्स या सदर अस्पताल न जाना पड़े। स्वास्थ्य उपकेंद्रों को भी सुदृढ़ किया जा रहा है। आजादी के 70 साल तक झारखंड में तीन मेडिकल कॉलेज थे। हमारी सरकार ने ढाई साल में 500-500 बेड की क्षमता वाले तीन और मेडिकल कॉलेज बनाने की शुरुआत कर दी है। ये दुमका, पलामू और हजारीबाग में बन रहे हैं। भारत सरकार ने कोडरमा, चाईबासा और बोकारों में तीन मेडिकल कॉलेज की स्वीकृति प्रदान कर दी है। आनेवाले तीन सालों में झारखंड में नौ मेडिकल कॉलेज हो जायेंगे। देवघर में एम्स दो वर्षों में शुरू हो जायेगा। टाटा ट्रस्ट के साथ रांची में कैंसर अस्पताल के निर्माण का काम भी जल्द शुरू होगा।

मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में मातृ और शिशु मृत्यु दर ज्यादा है, इसे कम करने के लिए चिकित्सक प्रतिदिन 5-10 गरीब मरीजों का मुफ्त में इलाज करें। साथ ही प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी की अपील के अनुरूप हर माह की नौ तारीख को समाजसेवा करें और दिनभर गर्भवती महिलाओं और बच्चों का निशुल्क इलाज करें। स्वस्थ झारखंड बनाने में चिकित्सकों की भूमिका अहम है। स्वस्थ झारखंड से ही हम सबल झारखंड बना सकते हैं।

श्री दास ने कहा कि राज्य के चिकित्सा क्षेत्र में वर्षों से नियुक्तियां नहीं हुई थी। इस कारण डॉक्टर के साथ साथ अन्य मेडिकल स्टाफ की भी हमारे राज्य में भारी कमी है। हमारी सरकार ने जरूरत को समझते हुए चिकित्सकों की बहाली शुरू की है। अब तक 536 चिकित्सकों की नियुक्ति की जा चुकी है। गांव के बीएससी पास छात्रों को बेसिक मेडिकल कोर्स कराया जा रहा है, ताकि वे स्वास्थ्य उपकेंद्र में छोटे-मोटे इलाज कर सकें। 2019 तक पहला बैच जमीनी स्तर पर काम करने लगेगा। जल्द ही नर्सों की भरती की प्रक्रिया शुरू की जायेगी। इसमें एएनएम को प्राथमिकता दी जायेगी।

 

उन्होंने कहा कि झारखंड को हमें मेडिकल हब के रूप में विकसित करना है। इससे न केवल लोगों को अच्छी चिकित्सा सुविधा मिलेगी, बल्कि बड़ी संख्या में रोजगार का भी सृजन होगा। सरकार इसके लिए मेडिकल आधारित स्कील डेवलेपमेंट करेगी। साथ ही ए0टी0आइ0 भवन में वर्तमान सभी मेडिकलकर्मियों को 15-15 दिनों का प्रशिक्षण दिया जायेगा। उन्होंने कहा कि राज्य में जल्द ही व्यापक रूप से 108 एंबुलेंस सेवा शुरू की जायेगी। ये आधुनिक उपकरणों से लैस होंगी। पूरे राज्य में 359 एंबुलेंस रहेगी। दूर दराज के गांवों में भी 10-15 मिनट में एंबुलेंस पहुंच जायेगी और मरीज का इलाज शुरू हो सकेगा।

मुख्यमंत्री ने चिकित्सकों और मेडिकलकर्मियों से संवेदनशील बनने की अपील की। उन्होंने कहा कि मरीजों के साथ अच्छा व्यवहार होने से ही आधी बीमारी ठीक हो जाती है। मरीजों के लिए जेनरिक दवाएं लिखें। इससे डॉक्टरों को दुआएं मिलेंगी। स्वच्छता पर जोर देते हुए उन्होंने कहा कि अस्पताल साफ-सुधरा होना चाहिए। इससे संक्रमण का खतरा कम हो जाता है। सरकारी अस्पतालों में भी सभी के लिए अलग-अलग ड्रेस कोड हो, ताकि दूर से ही संबंधित व्यक्ति की पहचान हो सके।

कार्यक्रम में नगर विकास मंत्री  सी0पी0 सिंह, स्वास्थ्य मंत्री  रामचंद्र चंद्रवंशी, कांके विधायक  जीतू चरण राम, स्वास्थ्य विभाग के अपर मुख्य सचिव  सुधीर त्रिपाठी, भवन निगम के प्रबंध निदेशक  सुनील कुमार समेत बड़ी संख्या में अधिकारी, चिकित्सक, पारा मेडिकल कर्मी, गण्यमान्य व्यक्ति उपस्थित थे

Suvash Chandra Choudhary

Editor-in-Chief

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