श्रावणी मेला महोत्सव-2017 बासुकीनाथ धाम
सभी आवासन केन्द्र भी सी0सी0टी0वी0 कैमरे की निगरानी में
मध्यरात्रि से ही सफाई कर्मी मेला क्षेत्र में रहते हैं तैनात
एनडीआरएफ की टीम शिवगंगा में उपस्थित
वासुकिनाथ धाम में जलार्पण का लाइव दर्शन के लिए नीचे क्लिक करें :
दूमका, 13 जुलाई : गुरुवार प्रातः 4 बजे ही श्रद्धालुओं के लिये बाबा का पट खोल दिया गया। श्रद्धालु झमाझम बारिश में भी पूरे श्रद्धा के साथ बोल बम के नारों के साथ बाबा पर जलापर्ण के लिये कतारबद्ध थे। सुबह से ही शिवगंगा के साथ-साथ पूरे मेला क्षेत्र में श्रद्धालुओं का सैलाब दिखा। बाबा पर जलार्पण करने तक श्रद्धालु पूरी ऊर्जा में थे।सुबह से ही दुमका के पुलिस अधीक्षक मयूर पटेल पूरे विधि व्यवस्था पर अपनी नजर बनाये हुए थे। सभी प्रतिनियुक्त दण्डाधिकारी अपने-अपने कर्तव्य स्थल पर मौजूद थे।पूरे कांवरिया रुट लाइन पर श्रद्धालुओं का सैलाब दिखा। सभी सुरक्षा कर्मी अपने-अपने कर्तव्य स्थल पर मौजूद थे।
श्रावणी मेला के दौरान श्रद्धालुओं के स्वास्थ्य को देखते हुए विभिन्न स्वास्थ्य शिविर लगाये गये हैं। सभी स्वास्थ्य कर्मी सुबह से ही अपने कर्तव्य पर दिखे। श्रद्धालु स्वास्थ शिविर में ईलाज कराते दिखे।सुबह से ही एनडीआरएफ की टीम शिवगंगा में उपस्थित दिखे।श्रद्धालुओं की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए पूरे मेला क्षेत्र को सी0सी0टी0वी के निगरानी में रखा गया है।सूचना एवं जनसम्पर्क विभाग द्वारा बनाये गये निःषुल्क आवासन केन्द्रों में श्रद्धालु विश्राम करते नजर आ रहें थे। निःषुल्क आवासन केन्द्र को साफ सफाई के साथ रखा गया है ताकि श्रद्धालु वासुकिनाथ धाम से एक अच्छा संदेश लेकर जायें। विभाग द्वारा बनाये गये सभी आवासन केन्द्र श्रद्धालुओं से भरा दिखायी दे रहा था। सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए सभी आवासन केन्द्र को भी सी0सी0टी0वी0 कैमरे की निगरानी में रखा गया है।मध्यरात्रि से ही सफाई कर्मी पूरे मेला क्षेत्र को साफ करते दिख रहे थे।
इसी क्रम में सिक्किम से आये परिवार ने बातचीत के दौरान बताया कि वे पिछले 10 वर्षों से वासुकिनाथ धाम आ रहे हैं। लेकिन इस वर्ष की व्यवस्था बहुत ज्यादा ही बेहतर है। उन्होंने बताया कि वास्तव में सरकार द्वारा इस मेले को गंभीरता से लिया जा रहा है जिसका ही यह परिणाम है कि इस वर्ष श्रद्धालुओं की इतनी सुंदर व्यवस्था की गयी है। उन्होंने बताया कि इतने शानदार आवासन केन्द्र कभी नहीं बनाये गये। उन्होंने बताया कि जिला प्रषासन की व्यवस्था को देखकर उनकी जितनी भी तारिफ की जाय कम है। उन्होंने कहा कि इस वर्ष पूरे परिवार के साथ आया हूँ । इस वर्ष की व्यवस्था से हमने मन बना लिया है कि हर वर्ष पूरे परिवार के साथ ही वासुकिनाथ धाम आउँगा।
बिछड़ो को हम मिलाते हैं…
दुमका, 13 जुलाई 2017 : आंखों में आंसू और लोगों से मदद की गुहार लगाते हुई महिला। पिछले तीन दिन पहले अपनों से बिछड़ गयी थी। श्रावणी मेला के दौरान प्रतिनियुक्त सूचना सहायता कर्मी की नजर जब इस महिला पर पड़ी तो महिला ने सारा दर्द कह सुनाया। सर्वप्रथम भूखी महिला को भोजन कराया गया। ततपष्चात सूचना सहायता कर्मी ने महिला के बारे में जिला जनसम्पर्क पदाधिकारी सैयद राशिद अख्तर एवं श्रावणी मेला के दौरान प्रतिनियुक्त जिला जनसम्पर्क पदाधिकारी साहेबगंज प्रभात शंकर को सूचना दी। दोनों पदाधिकाररियों ने मामले को गंभीरता पूर्वक लेते हुए तुरंत मनहार के अनुमंडल पदाधिकारी से बात की एवं स्थानीय थाना प्रभारी का मोबाईल नम्बर लिया। जिला जनसम्पर्क पदाधिकारियों द्वारा स्थानीय मनहार के थाना प्रभारी को पूरे मामले से अवगत कराया गया इसके पष्चात मनहार थाना प्रभारी ने संबंधित पते पर जाकर चंद्रकला देवी के परिजनों से बात की एवं पूरे मामले से अवगत कराया।
गुरुवार तक सूचना सहायता कर्मी द्वारा चन्द्र कला देवी के भोजन से लेकर सुरक्षा का पूरा ख्याल रखने के बाद जब उनके भतीजे रविन्द्र सिंह पहँुचे तो चन्द्रकला देवी के चेहरे पर खुशी का ठिकाना न था। उनके भतीजे ने सूचना सहायता कर्मी को अपना पूरा पता दिया। चन्द्रकला देवी द्वारा अपने भतीजे के साथ जाने के लिये राजी होने पर उन्हें जाने दिया गया।
चंद्रकला देवी ने जाते-जाते कहा आप सबको मेरी उम्र लग जाये।
उन्होंने जिला प्रशासन की इतनी सुंदर व्यवस्था के लिये धन्यवाद दिया।
सूचना एवं जनसम्पर्क विभाग द्वारा बिछड़े को मिलाये जाने का कार्य हर वर्ष किया जाता है। वैसे श्रद्धालु जो वासुकिनाथधाम आने के बाद अपनों से बिछुड़ जाते हैं उनके परिजनांे से मिलाने का कार्य सूचना एवं जनसम्पर्क विभाग द्वारा किया जाता है। सूचना एवं जनसम्पर्क विभाग द्वारा बनाये गये सभी षिविरों में सूचना सहायता कर्मी बिछड़े श्रद्धालुओं को उनके परिजनों से मिलाने का कार्य करते हैं कई बार श्रद्धालुओं को आर्थिक मदद के साथ उन्हें उनके घर तक छोड़ा जाता है। पूरे मेला क्षेत्र में लगे ध्वनि विस्तारक यंत्र एवं अन्य माध्यमों से भी सूचना सहायता कर्मी श्रद्धालुओं को उनके परिजनों से मिलाने का कार्य करते हैं।