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निर्वाचित पार्षद और मनोनीत पार्षद के बीच जुबानी जंग !
नीना राठी ने दी पालेराम को खुली चुनौती
अनर्गल बयानबाजी कर लोगों को गुमराह करने का लगाया आरोप
कहा पीछे से वार करना पालेराम की पुरानी आदत
बहादुरगढ़ 24 मई : सोनू धनखड़:- नगर परिषद के मनोनीत पार्षद राजपाल शर्मा (पालेराम) के बयान को लेकर वार्ड-30 की पार्षद नीना सतपाल राठी ने कड़ा पलटवार किया है। उन्होंने सवाल किया है कि उन्हें तो वार्ड के लोगों ने चुना है जबकि राजपाल शर्मा तो अपनी जमानत तक नहीं बचा पाए थे। अब विधायक नरेश कौशिक के रहमो करम पर मनोनीत सदस्य बन गए हैं तो उन्हें किसी तरह की चापलूसी व अनर्गल बयानबाजी से बचना चाहिए। नीना राठी ने कहा कि मैंने बी ए, डबल एमए, एलएलबी और पीएचडी कर रखी और उच्च शिक्षित हूँ और मैं पालेराम की तरह झूठी बयानबाजी करने की बजाय अपने वार्ड 30 के विकास का काम करवाने में लगी हुई है। नीना राठी ने कहा कि विधायक द्वारा नप चुनाव में जमानत जब्त होने के बाद भी पालेराम को नगर परिषद में सिर्फ इसलिए पार्षद मनोनित किया है क्योंकि पालेराम का लोगों का विकास कार्योंं से ध्यान हटाने व झूठ बोलने का काफी पुराना अभ्यास है।
नीना राठी ने पालेराम को खुली चुनौती देते हुए कहा कि पालेराम अपने खुले मंच पर आकर अपने विधायक द्वारा वार्ड 30 में कराए गए विकास कार्य गिनवाए तथा वह अपने द्वारा वार्ड 30 में अब तक करवाए गए विकास कार्य गिनवाती हूँ। पार्षद नीना ने कहा कि जब मेरा निवास स्थान ही बहादुरगढ़ में है और लगातार दूसरी बार वार्ड के लोगों ने मुझे चुनकर नगर परिषद भेजा है तो राजपाल शर्मा का मुझे प्रवासी पक्षी की संज्ञा देना अपने आप में हास्यस्पद है।
नीना राठी ने कहा कि मेरे पति सतपाल राठी का जन्म बहादुरगढ़ का ही है और वे अपने वार्ड के एरिया में ही रहते हैं। पालेराम शर्मा की जो हम जो इज्जत करते हैं वह उन्हें हजम नहीं हो रही। वार्ड के विकास और समस्याओं के समाधान को उन्होंने जितना काम अभी तक किया है उतना तो किसी पार्षद की तरफ से नहीं हुआ है। वे हर दिन वार्ड के लिए कोई न कोई कार्य करती है। इसके बावजूद मनोनीत पार्षद का कोई भी आरोप लगाना बुबेनियादी बात है। इससे तो साफ है कि वे अपनो मनोनयन का बदला विधायक की चापलूसी करते हुए उतार रहे हैं।
वार्ड के लोगों ने तो उन्हें इतनी वोट भी नहीं दी कि वे अपनी जमानत बचा पाए और अब पूरे शहर की बातें करते हैं। उनके गृह क्षेत्र में भी उनके परिवार की महिला चुनाव नहीं जीत पाई। यह सब कुछ साबित करता है कि उनके व्यवहार के कारण ही लोगों ने उन्हें नकार दिया। पार्षद नीना ने कहा कि जब राजपाल शर्मा कांग्रेस में थे तो पूर्व विधायक राजेंद्र सिंह जून की बदौलत व सांसद दीपेंद्र हुड्डा के आशीर्वाद से ही पार्षद बने थे और अब उन्हीं पर सवाल उठा रहे हैं। कांग्रेस ने उन्हें बहुत कुछ दिया लेकिन अब भाजपा सरकार के दौरान तो उन्हें अपने क्षेत्र में लड़े दोनों चुनाव में हार का सामना करना पड़ा। वे अनर्गल ब्यानबाजी करके लोगों को गुमराह करने का काम कर रहे हैं लेकिन अब जनता उन्हें भली भांति पहचान चुकी है।