ड्यूटी में कोताही बरतने पर 3 कर्मचारी निलंबित

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चंडीगढ़ :  हरियाणा सरकार ने विभिन्न मामलों में कोताही बरतने पर कुल 3 कर्मचारियों को निलंबित तथा एक कर्मचारी का तबादला किया है। मुख्यमंत्री के अतिरिक्त प्रधान सचिव डॉ. राकेश गुप्ता ने आज फतेहाबाद में आयोजित मंडल स्तरीय बैठक में विभिन्न योजनाओं की समीक्षा के दौरान यह जानकारी देते हुए बताया कि भिवानी के पीएनडीटी के एक मामले में केस की गलत ढंग से पैरवी करने पर भिवानी के एडीए एचएच मलिक तथा भिवानी के ही बालाजी डायग्नोस्टिक सैंटर के एक अन्य मामले में निम्न स्तर की जांच करने पर एसआई रामनिवास को तुरंत प्रभाव से निलंबित किया गया है।

 

आंगनवाड़ी केंद्रों के संचालन की सही प्रकार से निगरानी न करने पर जिला हिसार के खंड आदमपुर के कोहली सर्कल में कार्यरत सुपरवाइजर ओमवती को भी तुरंत प्रभाव से निलंबित किया गया है। फतेहाबाद के एक अन्य मामले में सीएचसी जाखल में कार्यरत स्टाफ नर्स निर्मला देवी का तबादला नागरिक हस्तपाल मांडीखेड़ा (नूंह) कर दिया गया है। 

डॉ. गुप्ता ने कहा कि भिवानी के तोशाम एसडीजेएम कोर्ट में 3 मार्च, 2016 को पीसी व पीएनडीटी एक्ट के तहत दर्ज हुई एफआईआर नंबर 62 के संबंध में केस की पैरवी करने वाले एडीए एचएस मलिक यदि सही प्रकार से पैरवी करते तो इस मामले में आरोपी बरी नहीं होते। उन्होंने कहा कि इस प्रकार के मामलों में आरोपियों के छूट जाने से पीसी व पीएनडीटी एक्ट के तहत की गई सारी मेहनत बेकार हो जाती है और कार्रवाई करने वाले अधिकारियों व कर्मचारियों का मनोबल भी टूटता है।  एक अन्य मामले में आंगनवाड़ी केंद्रों के संचालन की सही प्रकार से निगरानी न करने पर हिसार जिला के खंड आदमपुर के कोहली सर्कल में कार्यरत सुपरवाईजर ओमवती को भी तुरंत प्रभाव से निलंबित करते हुए डॉ. गुप्ता ने कहा कि सरकार की इस प्रकार की महत्वाकांक्षी योजनाओं का लाभ आमजन को मिलना चाहिए। इसके साथ ही, इनके क्रियान्वन की जिम्मेवारी भी संबंधित अधिकारियों व कर्मचारियों को सही ढंग से निभानी चाहिए। फतेहाबाद के एक अन्य मामले में सीएचसी जाखल में कार्यरत स्टाफ नर्स निर्मला देवी का तबादला नागरिक हस्तपाल मांडीखेड़ा (नूंह) कर दिया गया है। यह स्टाफनर्स पहले भी निलंबित की गई थी और जब यह दोबारा बहाल हुई तो भी इनके विरूद्ध लगातार प्रशासन को शिकायतें मिल रही थी, इसलिए इनका तबादला नूंह किया गया। डॉ. गुप्ता ने चेतावनी दी कि सरकार की योजनाओं को पलीता लगाने वाले अधिकारियों व कर्मचारियों को किसी भी सूरत में बख्शा नहीं जाएगा। 

मुख्यमंत्री के अतिरिक्त प्रधान सचिव ने पुलिस और स्वास्थ्य विभाग को दवाओं की दुकानों पर बिकने वाले नशे पर और अधिक सख्ती बरतने के निर्देश देते हुए कहा कि एक टीम वर्क के रूप में कार्य करते हुए इस पर काबू किया जाए। उन्होंने अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिए कि नशाखोरी करने वाले लोगों के खिलाफ दर्ज मुकद्मों की पैरवी भी कानूनी रूप से मजबूत तरीके से की जाए ताकि वे बच न सकें। लिंगानुपात में हुए सुधार की प्रशंसा करते हुए डॉ. गुप्ता ने सभी कहा कि अधिकारी इस दिशा में और अधिक मेहनत करें और हरियाणा का लिंगानुपात 950 तक पहुंचाएं। डॉ. गुप्ता ने कहा कि पिछले दो वर्ष में प्रदेश में लिंगानुपात में सुधार आया है, जिसकी प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने भी तारीफ की है। उन्होंने कहा कि हमारा मकसद सिर्फ बेटी बचाने से ही नहीं है, बल्कि हमें उसके स्वास्थ्य और शिक्षा पर भी गंभीरता से कार्य करना है। डॉ. गुप्ता ने सभी सीएमओ का स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार लाने के भी निर्देश दिए। 

उन्होंने अधिकारियों को स्कूल से ड्रॉप आऊट बच्चों की पहचान करने के लिए विशेष अभियान चलाने के निर्देश देते हुए कहा कि वे घर-घर जाकर शत-प्रतिशत स्कूल दाखिले करवाना सुनिश्चित करें। इसके साथ ही उन्होंने बच्चों के लर्निग लेवल में सुधारने करने की दिशा में कार्य करने के निर्देश  दिए। डॉ. गुप्ता ने सरकार द्वारा दिए गए लक्ष्यों के अनुसार गांवों में ठोस व तरल कचरा प्रबंधन की दिशा में किए गए कार्यों की समीक्षा भी की। उन्होंने शहरों को खुले में शौचमुक्त (ओडीएफ) करने के लिए उठाए गए कार्यों की समीक्षा करते हुए बताया कि जिला फतेहाबाद के परिषद व पालिका 31 मार्च, 2017 तक ओडीएफ घोषित हो जाएगी। इसके अलावा, जींद जिला के सभी शहर 30 जून और जिला भिवानी तथा हिसार के सभी शहर 31 मई, 2017 तक ओडीएफ घोषित हो जाएंगे।

इस अवसर पर मुख्यमंत्री के ओएसडी अमरजीत सिंह, फतेहाबाद के उपायुक्त एनके सोलंकी, जींद के उपायुक्त विनय सिंह, सिरसा की उपायुक्त शरणदीप कौर, हिसार के उपायुक्त निखिल गजराज, भिवानी के उपायुक्त अशंज सिंह सहित मंडल के सभी अतिरिक्त उपायुक्त, मुख्यमंत्री सुशासन सहयोगी व विभागाध्यक्ष मौजूद थे।

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