लडका पक्ष ने दो लाख का चैक पंचायत को सौंपा
मुफ्तियों ने कहा मोबाईल पर मैसेज भेजने और लडका के हां करने से तलाक हो गया है
यूनुस अलवी
मेवात: मेवात जिले गांव अटेरना कि विवाहिता को उसके पति द्वारा मोबाईल पर एसएसए भेजकर तलाक दिये जाने का मामला सुलझ गया है। बुधवार को गांव जलालपुर में करीब चार घंटे तक चली पंचायत ने लडका पक्ष को 11 लाख रूपये नगद और 20 ग्राम सोना व करीब एक किलो चांदी अदा करने का फरमान सुनाया, जिसको लडका पक्ष ने कबूल करते हुऐ मौके पर ही दो लाख रूपये का चैक पंचायत को सौंप दिया। बाकी के 9 लाख रूपयो में से चार लाख 15 दिन और पांच लाख एक महिने में अदा करने होगें। पंचायत के इस फैंसले मियां-बीवी हमेशा के लिये अब अलग हो गये हैं।
मेवात जिला के गांव अटेरना निवासी एक लडकी कि करबी दो साल पहले पलवल जिले के गांव मलाई निवासी शाकिर के साथ निकाह हुआ था। इस दौरान दंपति के एक बेटी भी पैदा हो गई थी। किसी बात को लेकर पति-पत्नी के बीच मामूली विवाद हो गया जिसके बाद पत्नी अपने मायके के गांव अटेरना आ गई। वह अपने माईके में अपनी एक वर्षीय बेटी साथ पिछले करीब 10 महिने से रह रही थी। अचानक लडकी के पिता के मोबाइल पर एक एसएमएस आया जिसमें शाकिर ने अपनी पत्नी को तीन तलाक लिखकर भेज दिया और कहा अब मेरा और तेरी बेटी को कोई रिश्ता नहीं रहा है। मैसेज आने के बाद लडकी के मायके वाले स्वयं तथा प्रमुख पंचों को लेकर सोमवार को मलाई गांव गये। मलाई में पंचायत ने फैंसला लिय कि पहले तलाक के बारे में इसलाम के जानकारों से जानकारी ली जाये कि मैसेज से तलाक हुई या नहीं हुई उसके बाद ही आगे कोई बात हो सकेगी।
गांव अटेरना शमशाबाद के पूर्व सरंपच एंव आज कि पंचायत में मौजूद रहे हसन ने बताया कि दोनो पक्षों के प्रमुख लोग मंगलवार को मांडीखेडा स्थित इस्लामी मदरसा के संचालक एवं इस्लाम धर्म के जानकार मुफ्ति रफीक से मिले जहां उन्होने दोनो पक्षों कि बात सुनकर अपना फैंसला सुनाया कि तलाक हो चुका है।
हसन ने बताया कि उसके बाद दोनो पक्षों कि गांव जलालपुर में एक पंचायत आयोजित कि गई जिसकी अध्यक्षता जलालपुर के पूर्व सरंपच जब्बार ने की। करीब चार घंटे तक चली पंचायत में फैंसला लिय गया कि लडका पक्ष को 11 लाख रूपये अदा करने होंगें, इसके अलावा 20 ग्राम सोना करीब एक किलो चांदी भी लडकी को देनी होगी। पंचायत ने चार लाख रूपये 15 फरवरी तक और पांच लाख रूपये एक महिने के अंदर तथ जेवर 15 दिन के अंदर अदा करने का भी हुकम सुनाया। पंचायत में फैंसला लिय गया कि एक साल कि जो बच्ची है उसके नाम 2 लाख रूपये बालिग होते तक बैंक में जमा होंगें जिसके साथ बच्ची का दादी और मां का नाम भी शामिल होगा। लडका पक्ष ने पंचायत का फैंसला मानते हुऐ मौके पर ही बिरादरी को दो लाख रूपये का चैक अदा कर दिया और पंचायत द्वारा दिये गये आदेश को समय पर पूरा करने का भरोसा दिया। आखिकर कार पंचायत के फैंसले के बाद दोनो मिंया-बीवी हमेशा के लिये अलग हो गये।
पंचायत में लडका और लडकी के परिजनों के अलावा मजीद सरपंच, आसीन, शेर मोहम्मद, मोटा सरपंच भादस, इब्राहीम, सद्दीक प्रधान, मोहसिन, अबदुल हक और अबदुल रहमान सहित काफी प्रमुख लोग मौजूद थे।