मेवात की यूनानी डिस्पेंसरियों में पिछले दो साल से नहीं आई एक भी दवाई

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वर्तमान अधिकारी पूर्व पर लगाते हैं तोहमद 

लोगों में भारी रोष 

यूनुस अलवी
मेेवात: मेवात इलाके में कार्यत यूनानी विभाग कि किसी भी डिस्पेंसरी में पिछले दो साल से दवाईयां ना आने से लोगों में भारी रोष है। लोगों का आरोप है कि जब से कांग्रेस सरकार गई है तभी से मेवात कि किसी भी यूनानी डिस्पेंसरी में कोई दवाई नहीं आई है। दवाईयां ना आने कि वजह से यूनानी दवाईयों का इस्तेमाल करने वाले लोगों को भारी परेशानी उठानी पड रही है। वहीं जिला अयुर्वेदिक अधिकारी जसबीर सिंह अहलावत का कहना है कि अब से पहले के अधिकरियों कि लापरवाही कि वजह से मेवात में दवाईयां नहीं पहुंची है। मेवात के लिये दवाईयों कि सरकार के पास डिमांड भेज दी गई है। जल्द ही दवाईयां यहां के लोगों को मिल जाऐगीं। उनका कहना है कि यूनानी दवाईयों के लिये सरकार बाकायदा बजट देती है और पूरी प्रदेश में यूनानी कि दवाईयां आ रही हैं।
गांव शिकरावा निवासी खुरशीद अहमद, जमशेद और मोलाना मतीन का कहना है कि वे अक्सर यूनानी दवाईयों का ही इस्तेमाल करते हैं क्योंकि अंग्रेजी दवाईयों से नुकसान होने का अंदेशा ज्यादा होता है। उनका कहना है कि काफी समय से यूनानी दवाईयां ना आने से उनको मबजूरी में आयुर्वेदिक या दूसरी दवाईयां लेनी पडती हैं।
प्राप्त जानकारी के अनुसार मेवात जिला के गांव आकेडा, अगौन, उमरा और जहटाना में कुल चार यूनानी विभाग कि डिस्पेंसरी कार्यत हैं। फिलहाल विभाग ने गांव जहटाना कि डिस्पेंसरी को शिकरावा कि पीएचसी में शिफ्ट कर दिया है। कांग्रेस के युवा जिला अध्यक्ष मुबारिक खान, जिला महासचिव मुबीन खां और युवा नेता मकसूद शिकरावा का कहना है कि जब से भाजपा सरकार प्रदेश में आई है तभी यूनानी कि दवाईयां मेवात में बंद कर दी हैं जबकी कांग्रेस सरकार में हर छह माह में दवाईयां भेजी जाती थी। उनका आरोप है कि भाजपा सरकार एक तो पहले ही मेवात के लोगों के साथ भेदभाव कर रही है अब तो उसने मेवात के लोगों के स्वास्थ्य के साथ भी भेदभाव कर रही है।

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