विश्व पर्यटन बाजार में शामिल हो रहा है पर्यटन मंत्रालय : 5 से 7 नवंबर तक चलेगा

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नई दिल्ली :  पर्यटन मंत्रालय आज से एक्सेल लंदन में शुरू विश्व पर्यटन बाजार (डब्ल्यूटीएम) में भाग ले रहा है जो 7 नवंबर तक चलेगा। ब्रिटेन, भारत में आने वाले पर्यटकों के लिए दूसरा सबसे बड़ा स्रोत बाजार है। लगभग 19 लाख की बड़ी प्रवासी आबादी के साथ, ब्रिटेन में सबसे ज्यादा भारतीय प्रवासी रहते हैं। पर्यटन मंत्रालय भारत की जीवंत सांस्कृतिक विविधता, पर्यटन उत्पादों और गहन अनुभवों को प्रदर्शित करने के लिए राज्य सरकारों, अंतर्गामी टूर ऑपरेटरों, एयरलाइंस, भारतीय पर्यटन उद्योग के होटल व्यावसायियों सहित लगभग 50 हितधारकों के प्रतिनिधिमंडल के साथ विश्व पर्यटन बाजार, लंदन में भाग ले रहा है। यह पहल देश के भीतरी पर्यटन को बढ़ावा देने और देश को एक प्रमुख वैश्विक पर्यटन स्थल के रूप में स्थापित करने के भारत के रणनीतिक लक्ष्य के अनुरूप है।

 

विश्व पर्यटन बाजार, 2024 में बना भारत मंडप भारत की संस्कृतियों, भाषाओं और परंपराओं की समृद्ध बहुरूपता को प्रदर्शित करता है, जिनमें से प्रत्येक न केवल इसके समृद्ध पर्यटन परिदृश्य में योगदान देता है, बल्कि आध्यात्मिक एवं कल्याण, विवाह, साहसिक कार्य, पर्यावरणीय पर्यटन और स्वादिष्ट भोजन जैसे विशिष्ट पर्यटन अनुभवों की श्रृंखला भी प्रदान करता है। इस वर्ष के भारत मंडप का फोकस एमआईसीई यानी बैठक, प्रोत्साहन, सम्मेलन एवं प्रदर्शनी पर्यटन (बैठक उद्योग या कार्यक्रम उद्योग), महाकुंभ और विवाह पर्यटन है। मंडप में एक विशेष नकली मंडप बनाया गया है, जो भारतीय विवाह का रूप और अनुभव दिलाता है।

 

केंद्रीय पर्यटन मंत्रालय के अलावा, राज्य पर्यटन विभाग, टूर ऑपरेटर, एयरलाइंस, सार्वजनिक उपक्रम आदि सहित कई अन्य हितधारक डब्ल्यूटीएम में बने भारत मंडप में भाग ले रहे हैं। सह-प्रतिभागियों में उत्तराखंड, केंद्र शासित प्रदेश जम्मू एवं कश्मीर, पुदुचेरी, दादरा एवं नगर हवेली और दमन एवं दीव, टूर ऑपरेटर /गंतव्य प्रबंधन कंपनियां, एयरलाइन, रिसॉर्ट और आईआरसीटीसी शामिल हैं। गोवा, ओडिशा, केरल, तमिलनाडु, तेलंगाना, कर्नाटक, राजस्थान, उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश के राज्य पर्यटन विभाग भी अपने विशिष्ट पर्यटन अनुभवों को प्रदर्शित करने और संभावित ग्राहकों तथा भागीदारों से जुड़ने के लिए इस विश्व पर्यटन बाजार में भाग ले रहे हैं। भारत के उच्चायुक्त श्री विक्रम दोराईस्वामी और पर्यटन मंत्रालय की महानिदेशक सुश्री मुग्धा सिन्हा ने संयुक्त रूप से ओडिशा की उपमुख्यमंत्री श्रीमती पार्वती परिदा और तेलंगाना, गोवा तथा उत्तराखंड के पर्यटन मंत्रियों की उपस्थिति में भारत मंडप का उद्घाटन किया।

 

वर्ष 2023 के दौरान कुल 95 लाख विदेशी पर्यटकों ने भारत का दौरा किया, जिनमें से 9 लाख 20 हजार पर्यटक ब्रिटेन से आए थे। इससे ब्रिटेन, भारत में आने वाले पर्यटकों के लिए तीसरा सबसे बड़ा स्रोत बाजार बन गया। प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने ‘चलो इंडिया’ पहल शुरू की थी जिसका उद्देश्य भारतीय प्रवासियों को अपने गैर-भारतीय मित्रों के बीच भारत का प्रचार करने के काम में शामिल करना था।  पर्यटन मंत्रालय ने चलो इंडिया पोर्टल विकसित किया है, जहां प्रवासी पंजीकरण कर सकते हैं और अपने गैर-भारतीय मित्रों को भारत आने के लिए प्रेरित कर सकते हैं। कार्यक्रम के तहत आने वाले विदेशी मेहमानों को प्रोत्साहन के रूप में निःशुल्क पर्यटक वीजा भी दिया जाता है। इस पहल के जरिए, प्रवासी भारतीय दुनिया को भारत की समृद्ध विरासत तथा विविध संस्कृति दिखाते हुए इसे एक प्रमुख वैश्विक पर्यटन स्थल के रूप में बढ़ावा देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे। इस पहल को बड़े पैमाने पर लागू करने के लिए और ब्रिटेन में दूसरा सबसे बड़ा भारतीय प्रवासी समुदाय होने के मद्देनजर, पर्यटन मंत्रालय डब्ल्यूटीएम, लंदन के दौरान ‘चलो इंडिया’ प्रचार अभियान शुरू कर रहा है।

 

पर्यटन मंत्रालय ने अपनी अन्य पहलों के अलावा, हाल ही में विश्व पर्यटन दिवस, 27 सितंबर 2024 को संशोधित अतुल्य भारत डिजिटल पोर्टल पर ‘अतुल्य भारत कंटेंट हब और डिजिटल पोर्टल’ लॉन्च किया है। अतुल्य भारत कंटेंट हब सरकारी अधिकारियों, राजदूतों, टूर ऑपरेटरों, पत्रकारों, छात्रों, शोधकर्ताओं, फिल्म निर्माताओं, लेखकों और कंटेंट क्रिएटर्स सहित विभिन्न हितधारकों के उपयोग के लिए एक व्यापक डिजिटल संग्रह है। अतुल्य भारत डिजिटल पोर्टल एक पर्यटक-केंद्रित वन स्टॉप डिजिटल समाधान है जिसे भारत आने वाले पर्यटकों के यात्रा अनुभव को पहले से बेहतरीन करने के लिए डिज़ाइन किया गया है।

 

भारत दुनिया की सबसे तेज़ी से बढ़ती प्रमुख अर्थव्यवस्था बना हुआ है। भारत यह सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध है कि इसका निरंतर विकास पथ जलवायु परिवर्तन की चुनौतियों से निपटने के लिए हमेशा तैयार रहे। भारत का लक्ष्य वर्ष 2070 तक नेट-ज़ीरो कार्बन उत्सर्जन प्राप्त करना है। जी-20 नेतृत्व वर्ष ने दुनिया के सामने भारत की पर्यटन क्षमता की विविधता और क्षमता को प्रदर्शित किया है। आतिथ्य नेटवर्क और विमानन जैसे पर्यटन बुनियादी ढांचे में सुधार के साथ भारत पर्यटन में छलांग लगाने के लिए तैयार है। साथ ही, भारत टिकाऊ और प्रकृति के अनुकूल, धरती को बिना कोई नुकसान पहुंचाए हरित पर्यटन स्थलों को विकसित करने के लिए जी-20 गोवा रोडमैप के लिए प्रतिबद्ध है

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