नई दिल्ली। भारतीय तटरक्षक जहाज समुद्र पहरेदार जो एक विशेष प्रदूषण नियंत्रण जहाज है, अपनी तीन दिवसीय यात्रा पर 25 मार्च 2024 को फिलीपींस की मनीला खाड़ी पहुंच गया है। इस विशेष प्रदूषण नियंत्रण जहाज की यह यात्रा एक व्यापक पहल का हिस्सा है, जिसका उद्देश्य आईसीजी समुद्री प्रदूषण प्रतिक्रिया क्षमताओं का प्रदर्शन करना और फिलीपींस तट रक्षक (पीसीजी) के साथ द्विपक्षीय सहयोग को मजबूत बनाने के साथ-साथ आसियान क्षेत्र में समुद्री प्रदूषण के बारे में चिंताओं और संकल्प को साझा करना है। आईसीजी जहाज आसियान देशों- फिलीपींस, वियतनाम और ब्रुनेई में 25 मार्च से 12 अप्रैल 2024 तक विदेशी तैनाती पर है। आसियान देशों में भारतीय तट रक्षक की यह लगातार तीसरी तैनाती है। इससे पहले वर्ष 2023 में आईसीजी प्रदूषण नियंत्रण जहाजों ने इस पहल के हिस्से के रूप में कंबोडिया, मलेशिया, सिंगापुर, थाईलैंड और इंडोनेशिया की यात्रा की थी।
अपनी तैनाती के दौरान इस जहाज का मनीला (फिलीपींस), हो ची मिन्ह (वियतनाम) और मुआरा (ब्रुनेई) में बंदरगाह निरीक्षण करने का कार्यक्रम निर्धारित है। यह जहाज विशेष समुद्री प्रदूषण नियंत्रण उपकरणों और प्रदूषण प्रतिक्रिया कन्फिग्यरेशन के लिए एक चेतक हेलीकॉप्टर की तैनाती से सुसज्जित है, इसे समुद्र में तेल को फैलने से रोकने, उसे एकत्र करने तथा ऑपरेशन को बढ़ाने के लिए डिज़ाइन किया गया है। भ्रमण वाले बंदरगाहों पर प्रदूषण प्रतिक्रिया प्रशिक्षण और विभिन्न उपकरणों का प्रायोगिक प्रदर्शन किया जाएगा।
इसके अलावा इस जहाज में सरकार की पहल “पुनीत सागर अभियान” में भाग लेने और साझेदार देशों के साथ तालमेल में एक अंतरराष्ट्रीय पहुंच उपलब्ध कराने के लिए 25 राष्ट्रीय कैडेट कोर (एनसीसी) कैडेटों को भी शामिल किया गया है। विदेशी आदान-प्रदान कार्यक्रम के हिस्से के रूप में एनसीसी कैडेट, आईसीजी जहाज के कर्मियों, भागीदार एजेंसियों के कर्मियों, भारतीय दूतावास/मिशन कर्मचारियों तथा स्थानीय युवा संगठनों के साथ समन्वय में जहाज के बंदरगाह भ्रमण के दौरान समुद्र तटों की सफाई और इसी तरह की अन्य गतिविधियों में शामिल होंगे।
यह यात्रा फिलीपीन तट रक्षक, वियतनाम तट रक्षक और ब्रुनेई समुद्री एजेंसियों सहित प्रमुख समुद्री एजेंसियों के साथ द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत बनाने में भी उल्लेखनीय महत्व रखती है। भारतीय तटरक्षक ने फिलीपींस और वियतनाम के तट रक्षकों के साथ समुद्री सहयोग बढाने तथा समुद्री सुरक्षा और संरक्षा के लिए एक समझौता ज्ञापन (एमओयू) किया है। इस क्षेत्र में सुरक्षा, संरक्षा और समुद्री पर्यावरण को सुनिश्चित करने के लिए ये संबंध पिछले कुछ वर्षों के दौरान विकसित हुए हैं। इस यात्रा की कार्य सूची में पेशेवर आदान-प्रदान, क्रॉस-डेक यात्राएं, संयुक्त अभ्यास के साथ-साथ क्षमता निर्माण सुविधाओं तक यात्रा सहित आधिकारिक और सामाजिक गतिविधियां शामिल हैं।
आईसीजीएस समुद्र पहरेदार के बारे में कुछ जानकारी:
आईसीजीएस समुद्र पहरेदार आंध्र प्रदेश के विशाखापत्तनम में भारत के पूर्वी तट पर तैनात है, जो उप महानिरीक्षक सुधीर रवींद्रन की कमान में है। पिछले कुछ वर्षों में, समुद्र पहरेदार ने समुद्री प्रदूषण प्रतिक्रिया, आईएमबीएल/ईईजेड निगरानी, अंतरराष्ट्रीय अपराधों को रोकने और समुद्री खोज एवं बचाव (एसएआर) सहित विभिन्न तटरक्षक अभियानों में सफलतापूर्वक भाग लिया है।