गुरुग्राम, 20 मार्च । जलवायु परिवर्तन और पृथ्वी को बचाने के लिए ऊर्जा समिति द्वारा शनिवार 23 मार्च को अर्थ आवर डे मनाया जाएगा। इस दिवस का उद्देश्य जलवायु परिवर्तन के बारे में जागरूकता बढ़ाना है। लोगों को भावी पीढ़ियों के लिए ग्रह की रक्षा करने की प्रतिबद्धता में एकजुट होने के लिए प्रेरित करना है।
ऊर्जा समिति ने आह्वान किया कि स्विच ऑफ करें और शनिवार, 23 मार्च को अपने स्थानीय समयानुसार रात 8:30 बजे पृथ्वी के लिए एक घंटा दें। अर्थ आवर 2024 की थीम “हमारे एक सांझा घर के लिए एकजुट होना” है। हर साल आयोजक उस दिन के लिए एक थीम लेकर आते हैं जो जागरूकता बढ़ाने में मदद करती है और वैश्विक स्तर पर जलवायु परिवर्तन पर बातचीत को बढ़ावा देती है।
ऊर्जा समिति के महासचिव संजय कुमार चुघ ने बताया कि अर्थ आवर एक वार्षिक अंतर्राष्ट्रीय कार्यक्रम है जिसकी शुरुआत 2007 में वर्ल्ड वाइड फंड फॉर नेचर (डब्ल्यूडब्ल्यूएफ) की एक पहल के रूप में हुई थी। तब से, यह पहल एक विश्वव्यापी घटना बन गई है जहां दुनिया भर में लाखों लोग एक घंटे के लिए अपने घरों में गैर-जरूरी रोशनी बंद करके भाग लेते हैं।
यह आयोजन प्रतिवर्ष आयोजित किया जाता है, जो व्यक्तियों, समुदायों और व्यवसायिकों आदि को पृथ्वी के प्रति प्रतिबद्धता के प्रतीक के रूप में एक घंटे के लिए गैर-जरूरी बिजली की बत्तियां बंद करने के लिए प्रोत्साहित करता है। इसमें दुनियाभर के नागरिकों से न सिर्फ एक घंटे के लिए गैरजरूरी लाइट्स को बंद रखने की अपील की जाती है बल्कि सौर ऊर्जा को भी अपनाने की सलाह भी दी जाती है।
उन्होंने बताया कि अर्थ आवर डे मनाने का मुख्य उद्देश्य दुनिया में ऊर्जा की बड़े स्तर पर खपत को बचाना और प्रकृति की सुरक्षा के लिए जलवायु परिवर्तन और सतत विकास पर ध्यान केंद्रित करना है। प्रकृति के नुकसान और जलवायु परिवर्तन की चर्चा पर जल्द से जल्द प्रकाश डालने को लेकर दुनिया भर के लाखों लोगों व कारोबारियों को एक साथ लाना है। प्रकृति को हो रहे नुकसान को देखते हुए अर्थ आवर दुनिया के लोगों को इस मुद्दे पर बोलने के लिए भी एकजुट करता है।
संजय चुघ ने कहा कि हमें अर्थ आवर का हिस्सा बनना चाहिए और स्वयं ही 23 मार्च शनिवार को स्वेच्छा से एक घंटे के लिए बिजली बंद करनी चाहिए। सभी लोग अपने घरों और कार्यालयों में अर्थ आवर के दौरान गैर जरूरी लाइट्स आदि बंद कर दें। बिजली के उपकरणों को स्वयं बंद करें और औरों को भी इसके लिए प्रेरणा दें।
इस अभियान में एक घंटे के लिए बिजली बचा लेने से कोई बड़ा बदलाव तो नहीं हो जाएगा। लेकिन एक दिन लिए ‘ऊर्जा बचाने’ और लोगों की एकजुटता में यह सन्देश देने की कोशिश करते हैं।
उन्होंने लोगों को स्वेच्छा से समय निर्धारित कर एक घंटे के लिए बिजली के अनावश्यक उपकरण आदि बंद करने का आह्वान किया है। विश्व के किसी भी क्षेत्र में रहने वाला व्यक्ति इसमें शामिल होकर अपना योगदान दे सकता है। एक घंटे के लिए स्वयं बिजली उपकरण बंद कर अपना समर्थन अवश्य दें। यह बायोडायवर्सिटी एवं प्रकृति की रक्षा में योगदान होगा।
उन्होंने कहा कि कोशिश करें कि क्लाइमेट में तेजी से हो रहे बदलाव के प्रति लोगों को जागरूक करें। अचानक से बदलते मौसम, तापमान में बढ़ोतरी, अप्रत्याशित वर्षा और बेमौसम आंधी-तूफान आदि संकट की ओऱ से इशारा करते हैं। इसलिए पर्यावरण को बचाने के लिए सभी को मिलकर प्रयास करना होगा। अर्थ आवर इसी दिशा में एक कदम है।
इसके मूल में, अर्थ आवर एक सामूहिक प्रतिबद्धता का प्रतिनिधित्व करता है और एक अनुस्मारक के रूप में कार्य करता है कि हमें भविष्य की पीढ़ियों के लिए अपने ग्रह को संरक्षित करना चाहिए। केवल लाइटें बंद करके और एक घंटे के लिए एक साथ आकर, हम जलवायु परिवर्तन के खिलाफ लड़ाई में सफलतापूर्वक एकजुटता प्रदर्शित कर सकते हैं। इस प्रकार, अधिक टिकाऊ दुनिया और भविष्य के निर्माण के लिए अर्थ आवर महत्वपूर्ण है। आज यह विश्व का सबसे बड़ा पर्यावरण संरक्षण का अभियान है।
अर्थ आवर हर साल मार्च के चौथे शनिवार को एक घंटे के लिए रात 8:30 से 9:30 बजे तक धरती की रक्षा के लिए लाखों लोगों द्वारा स्वयं मनाया जाता है। गत वर्ष, 190 से अधिक देशों और क्षेत्रों में समर्थकों द्वारा हमारे ग्रह को 410,000 से अधिक घंटे दिए गए थे। इस वर्ष, अपने पसंदीदा कार्य के साथ-साथ ग्रह की भलाई में 60 मिनट बिताकर पृथ्वी के लिए सबसे बड़ा घंटा बनाने का प्रयास करें।