लोकसभा चुनाव में मनी, मसल और मिस इनफार्मेशन पर चुनाव आयोग की रहेगी कड़ी नजर

Font Size

सुभाष चौधरी/The Public Worod

नई दिल्ली। देश के मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार ने आज निर्वाचन आयोग में आयोजित पत्रकार वार्ता में लोकसभा चुनाव 2024 के साथ चार राज्यों की विधानसभा चुनाव एवं 26 विधानसभा क्षेत्र में उपचुनाव करने की घोषणा की। उन्होंने चुनाव की तारीखों का ऐलान करने के क्रम में लगभग ढाई माह के अंतराल में होने वाले मतदान से लेकर मतगणना की प्रक्रिया के लिए चुनाव आयोग की तैयारी के बारे में विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने कहा कि इस बार चुनाव में चुनाव आयोग का 4m पर सर्वाधिक फोकस रहेगा। उन्होंने एक तरफ युवा मतदाताओं से मतदान करने की अपील की तो दूसरी तरफ राजनीतिक दलों और चुनाव में शामिल होने वाले अन्य संगठन ओं व सरकारी एजेंसियों को किसी भी प्रकार की गैरकानूनी गतिविधि मैं शामिल होने के प्रति सख्त चेतावनी दी। उन्होंने कहा कि निर्वाचन आयोग का मसल पावर मनी पावर मिस इनफॉरमेशन और अन्य गैरकानूनी गतिविधियों पर कड़ी नजर रहेगी और सख्त कार्रवाई की जाएगी। इस अवसर पर चुनाव आयुक्त सुखवीर सिंह संधू और ज्ञानेश कुमार भी मौजूद थे।

मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार ने बताया कि इस बार लोकसभा की कुल 543 सीटों के लिए चुनाव कराए जाएंगे जिसकी चुनावी प्रक्रिया पर कड़ी नजर रखने के लिए 2100 केंद्रीय ऑब्जर्वर नियुक्त किए जाएंगे। उन्होंने चुनावी प्रक्रिया के गिरते स्तर को लेकर चिंता जताई और खासकर राजनीतिक दलों के लिए विशेष एडवाइजरी गाइडलाइंस जारी की है। सभी ऑब्जर्वर्स और सभी जिले के कलेक्टर एवं पुलिस अधीक्षक को सभी उम्मीदवारों के लिए समान अवसर मुहैया कराने का निर्देश दिया गया है।

मुख्य चुनाव आयुक्त ने बताया कि इस बार 20 से 22 वर्ष की उम्र के कुल 19 करोड़ युवा मतदाता है इनमें से 13.4 लाख ऐसे मतदाता है जो 1 अप्रैल 2024 को 18 साल के होने वाले हैं। उन्होंने स्पष्ट किया कि ऐसी युवा मतदाताओं के नाम भी एडवांस एप्लीकेशन के रूप में इलेक्टरल रोल में शामिल कर लिए गए हैं जो 1 अप्रैल 2024 को 18 वर्ष की होने वाले हैं। देश की चुनावी इतिहास में इस प्रकार की व्यवस्था पहली बार की गई है।

मुख्य चुनाव आयुक्त ने बताया कि इस बार पूरे देश में प्रत्येक भूत को आधारभूत सुविधाओं से लैस किया जाएगा। उन्होंने कहा कि चाहे वह कितने ही पिछले क्षेत्र में हो इलाका पहाड़ी हो या पथरी या मैदानी या फिर जंगली सभी जगह स्वच्छ पानी टॉयलेट एस चाइनीस रैंप हेल्प डेस्क शेड और लाइटों सहित सभी आवश्यक सुविधा उपलब्ध करने को कहा गया है। उन्होंने कहा कि जब इस बार युवा मतदाता बड़ी संख्या में मतदाता सूची में शामिल किए गए हैं और शत प्रतिशत उनके मतदान केदो पर आने की संभावना है इसके लिए पोलिंग स्टेशंस को भी खास तौर से सुविधा संपन्न बनाने पर बोल दिया जा रहा है। उन्होंने कहा कि सभी राज्यों में सभी जिला प्रशंसकों से सभी प्रकार की सुविधा महिया करने को कहा गया है।

मुख्य चुनाव आयुक्त की मुख्य बातें

सभी राज्यों के सभी मतदान केदो पर सभी प्रकार की सुविधा उपलब्ध होगी

इस बार सभी घरों में 12 डी फॉर्म पहुंच जाएंगे जिससे पचासी वर्ष की ऊपर के मतदाताओं का मतदान घर से ही कर कर लाया जाएगा।

इसके अलावा 40% या इससे अधिक विकलांग व्यक्तियों के लिए भी घर पर ही मतदान करने की व्यवस्था कराई जाएगी।

उन्होंने कहा कि मतदाता सूची तैयार करने में सभी राजनीतिक दलों का सहयोग लिया जाता है इसलिए उसमें किसी भी प्रकार की गड़बड़ियों की आशंका नहीं रहती है।

देश में किसी भी चुनाव में महिला मतदाताओं की भूमिका को महत्वपूर्ण बताते हुए चुनाव आयोग ने कहा कि 12 राज्यों में महिला और पुरुष मतदाताओं में बड़ा अंतर देखा गया है।

देश के 12 राज्यों में प्रति हजार पुरुष मतदाताओं की तुलना में महिला मतदाताओं की संख्या 1000 से ज्यादा है।

इस बार 85 लाख महिला मतदाता मतदाता सूची में नए जोड़े गए हैं।

5 से 6 लाख ऐसी युवा मतदाता है जो 1 अप्रैल 2024 को 18 वर्ष के हो जाएंगे और उन्हें भी मतदान का अधिकार मिल जाएगा।

चुनाव आयुक्त ने 4m की चर्चा करते हुए कहा कि मसल पावर मनी पावर मिस इनफॉरमेशन और एममसी सी पर इस बार चुनाव आयोग की विशेष नजर रहेगी।

उन्होंने कहा की सभी राज्यों की प्रशासनिक प्रमुखों के साथ लगातार बैठकों के दौरान मसल पावर और मनी पावर के दुरुपयोग को लेकर सख्त निर्देश दिए गए हैं।

उन्होंने कहा कि देश के कुछ राज्य ऐसे हैं जहां मनी पावर का बहुत ज्यादा दुरूपयोग होने की आशंका रहती है उन पर चुनाव आयोग की कड़ी नजर रहेगी।

कुछ ऐसे भी राज्य है जहां चुनावी हंस हिंसा अक्सर देखने को मिलती है इसलिए उन पर विशेष फोकस किया जाएगा। उन्होंने कहा कि पुलिस प्रमुखों को सख्त चेतावनी दी गई है कि चुनावी हिंसा किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं की जाएगी और इस प्रकार की घटनाओं को चुनाव आयोग बहुत कड़ाई से निबटेगा।

सभी जिले में चुनाव नियंत्रण कक्ष स्थापित किया जाएगा जहां 24 घंटे 1 वरिष्ठ अधिकारी तैनात रहेंगे। आम लोगों की संपर्क और शिकायतों या सुझाव के लिए नंबर जारी किए जाएंगे।

जिले के जिलाअों पाइपों और पुलिस अधीक्षकों को नॉन बेलेबल वारंट पर तत्काल एग्जीक्यूट करने को कहा गया है।

जिले में अपराधियों पर अंकुश लगाने की दृष्टि से हिस्ट्री सीटर पर भी कार्रवाई करने का निर्देश दिया गया है।

इंटर स्टेट और इंटरनेशनल बॉर्डर्स पर केंद्र और राज्य सरकार की एजेंसी को सतर्क रहने का निर्देश दिया गया है।

बॉर्डर के इलाके में ड्रोन चेकिंग की व्यवस्था भी की गई है जबकि किसी प्रकार की अवैध गतिविधि और अवैध सामान की आवाजाही पर अंकुश लगाने का निर्देश दिया गया है।

सभी राज्य सरकारों से 3 साल से अधिक समय से एक पद पर नियुक्त अधिकारियों का तत्काल तबादला करने को कहा गया है।

चुनाव की प्रक्रिया में किसी भी राज्य में ठेके पर या स्वयंसेवी के रूप में नियुक्त किए गए कर्मियों को तैनात नहीं करने का निर्देश दिया गया है।

डबल वोटिंग या बोगस वोटिंग के प्रति भी संबंधित रिटर्निंग अधिकारियों को सख्त कार्रवाई करने को कहा गया है।

चुनावी हिंसा की दृष्टि से सभी राजनीतिक दलों और प्रत्याशियों के लिए भी चेतावनी जारी की गई है।

चुनाव में धन बल के दुरुपयोग को लेकर मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार ने कहा कि पिछले विधानसभा चुनाव के दौरान 11 राज्यों में 3400 करोड रुपए नगद बरामद किए गए थे जिस मामले में सख्त कार्रवाई की गई है।

उन्होंने कहा कि कुछ खास राज्यों में धन बल का उपयोग ज्यादा होता है। ऐसे राज्यों की भौगोलिक परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए वहां के जिला प्रशासन को सतर्क रहने को कहा गया है।

धनबल के दुरुपयोग पर अंकुश लगाने के लिए केंद्र की एजेंसी और राज्य सरकारों की विभिन्न एजेंटीयों के साथ बैठक की गई है।

चुनाव के दौरान मुफ्त में पैसे शराब सारी कपड़े या अन्य लुभाने सामान बांटने के प्रति भी प्रशासन को सख्त रुख अख्तियार करने को कहा गया है।

चुनाव आयोग ने कहा कि कई बार कुछ राज्यों में वालिद से प्रत्येक मतदाताओं को पैसे ट्रांसफर करने की घटना सामने आई थी जिसको लेकर डिजिटल माध्यम पर भी जिला प्रशासन कंट्रोल रूम को नजर रखने को कहा गया है।

देश के सभी एयरपोर्ट्स और ऐसे जिले जहां हेलीकॉप्टर के प्रचलन की व्यवस्था है उसे पर भी कड़ी नजर रखने का निर्देश दिया गया है।

सड़क मार्ग और रेल मार्ग की भी चेकिंग के लिए संबंधित क्षेत्र की स्थानीय पुलिस एवं रेलवे प्रोटेक्शन फोर्स के साथ जीआरपी को भी सक्रिय रहने को कहा गया है। उन्होंने कहा कि सड़क मार्ग से नगदी की आवाजाही होने की ज्यादा आशंका रहती है।

चुनाव के दौरान एवं अफवाह फैलाने की गतिविधियां बढ़ाने की चर्चा करते हुए मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार ने कहा कि इस बार ऐसी गतिविधियों पर नजर रखने के लिए निर्वाचन आयोग से लेकर जिला स्तर तक व्यवस्था की गई है।

झूठी सूचना देने या अफवाह फैलाने वालों पर कार्रवाई करने के लिए जिला प्रशासन को अधिकृत किया गया है।

सोशल मीडिया पर नजर रखने के लिए सभी जिले में नियंत्रण कक्ष स्थापित किए जाएंगे।

मीडिया में प्रकाशित होने वाली खबरों और विज्ञापन को लेकर सभी राज्यों में राज्य स्तर पर मीडिया मॉनिटरिंग कमेटी जबकि जिला स्तर पर भी जिला मीडिया मॉनिटरिंग कमेटी का गठन किया गया है।

झूठी खबरे का प्रतिरोध करने के लिए निर्वाचन आयोग से और राज्य स्तर पर भी वेबसाइट लांच कर जानकारी दुरुस्त करने की व्यवस्था की जा रही है।

चुनाव आयोग ने कहा कि चुनावी प्रक्रिया का गिरता स्तर हम सबके लिए चिंता का विषय है इसलिए राजनीतिक दलों के लिए खास एडवाइजरी तैयार की गई है।

सभी राज्य दलों की स्टार प्रचारकों को चुनाव आयोग की गाइडलाइंस महिया करने और उसके अनुरूप ही चुनाव प्रचार करने को कहा गया है।

गणेश पद भाषण और धार्मिक भावना भड़काने वाले भाषण के साथ-साथ मिसालीडिंग तथ्यों का उल्लेख करने से बचने की सलाह जारी की गई है।

आयोग ने कहा कि चुनाव प्रचार की दौरान अभद्र भाषा का प्रयोग करने से बचना चाहिए और किसी भी प्रकार की शिकायत मिलने पर सख्त कार्रवाई की जाएगी।

मीडिया के प्रतिनिधियों से भी अपनी खबरों के प्रशासन में तथ्यों की जांच परख करने की अपील की गई।

चुनाव प्रचार में सभी राजनीति दलों को बच्चों और दिव्यांग व्यक्तियों का उपयोग नहीं करने का निर्देश दिया गया है।

पूरे देश में चुनाव कराने के लिए चुनाव आयोग ने 2100 ऑब्जर्व्स नियुक्त किए हैं।

सभी केंद्रीय पर्यवेक्षकों को सभी राजनीतिक दलों एवं प्रत्याशियों के लिए समान अवसर महिया करने का निर्देश दिया गया है।

चुनाव आयोग द्वारा नियुक्त किए गए केंद्रीय पर्यवेक्षक सभी जिले में केंद्रीय सुरक्षा बलों की तैनाती और चुनाव व्यवस्था पर कड़ी नजर रखेंगे।

सभी मतदाताओं से शत प्रतिशत मतदान करने की अपील की गई।

सभी राजनीतिक दलों से एथिकल पॉलीटिकल डिसकोर्स अपने को कहा गया है।

चुनाव प्रचार की दौरान एक दूसरे पर व्यक्तिगत हमला नहीं बोलते और गाली गलौज वाली भाषा का उपयोग नहीं करने की एडवाइजरी जारी की गई है।

You cannot copy content of this page