-हिसार में स्थापित होगा उड्डयन महाविद्यालय
-शिक्षा क्षेत्र को 21,187.46 करोड़ रुपये आवंटित किए
नई दिल्ली,23 फरवरी ; हरियाणा सरकार ने वर्ष 2024-25 के बजट में शिक्षा क्षेत्र को 21,187.46 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं। जो चालू वर्ष के 18,344.29 करोड़ रुपये के संशोधित अनुमानों की तुलना में 15.49 प्रतिशत की वृद्धि है। मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने आज बतौर वित्त मंत्री विधान सभा में 2024-25 का बजट पेश किया। उन्होंने बताया कि नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 भारत को एक वैश्विक ज्ञान समाज के विकास के लिए मूलभूत आधार प्रदान करती है। स्कूल शिक्षा के प्रारंभिक वर्षों में सीखने की दक्षता में सुधार नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के प्रमुख तत्वों में से एक है। निपुण हरियाणा मिशन का उद्देश्य नवीन शिक्षण-अध्ययन सामग्री का उपयोग करके सभी छात्रों को ग्रेड 3 तक सक्षम बनाना है। अब तक मिशन को ग्रेड 3 स्तर पर लागू किया गया है। शैक्षणिक सत्र 2024-25 से इसमें ग्रेड 4 और 5 को शामिल कर के इसका विस्तार किया जाएगा।
मनोहर लाल ने बताया कि गुरुग्राम में फ्लाइट सिम्युलेटर प्रशिक्षण केंद्र स्थापित हो रहा है, जिससे हरियाणा उड्डयन प्रशिक्षण के केंद्र के रूप में उभरेगा। उड्डयन के सभी तत्वों के साथ उच्च शिक्षा के लिए हिसार में एक उड्डयन महाविद्यालय स्थापित किया जाएगा। यह कॉलेज गुरु जंभेश्वर विश्वविद्यालय से सम्बद्ध होगा और महाराजा अग्रसेन हिसार हवाई अड्डे के पास स्थित होगा।
उन्होंने बताया कि सभी सरकारी आदर्श संस्कृति वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालयों में चरणबद्ध तरीके से ई-लाइब्रेरी स्थापित की जाएंगी। पहले चरण में प्रत्येक खण्ड में ऐसे हर स्कूल को एक बार 25 लाख रुपये की राशि आवंटित की जाएगी। ई-पुस्तकालय छात्रों को ज्ञान के भंडार तक पहुंच प्राप्त करने और सीखने के परिणामों में सुधार करने में सक्षम बनाएंगे। सरकार ने 16 जनवरी, 2024 से मुफ्त छात्र परिवहन सुरक्षा योजना का कार्यान्वयन शुरू कर दिया है। यह योजना कक्षा 1 से 12 तक के सभी विद्यालयों के लिए उपलब्ध है, जहां उनके घर से स्कूल की दूरी एक किलोमीटर से अधिक है। यह योजना प्रारंभ में प्रत्येक जिले के एक खण्ड में लागू की जा रही है और इसका विस्तार अन्य खण्डों में भी किया जाएगा।
मनोहर लाल ने बताया कि कॉलेज के विद्यार्थियों को रोजगार सक्षम बनाने के लिए राजकीय महाविद्यालयों में 50 से अधिक रोजगारोन्मुखी पाठ्यक्रम प्रारंभ किये गये हैं। उच्च शिक्षण संस्थानों ने छात्रों की रोजगार क्षमता में सुधार के लिए विभिन्न उद्योगों के साथ 300 से अधिक समझौता ज्ञापनों पर हस्ताक्षर किए हैं। महाविद्यालयों, बहुतकनीकियों और औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थानों सहित सभी संस्थानों में सौर ऊर्जा आपूर्ति की जाएगी।