गुरुग्राम में दमदमा झील, गांव कासन के तालाब और लेजर वैली को किया जाएगा साफ

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निरंकारी मिशन द्वारा ‘प्रोजेक्ट अमृत’ के अंतर्गत रविवार को ‘स्वच्छ जल, स्वच्छ मन‘ परियोजना का दूसरा चरण शुरू

गुरुग्राम, 23 फरवरी ।प्रोजेक्ट अमृत के अंतर्गत ‘स्वच्छ जल, स्वच्छ मन’ परियोजना के दूसरे चरण का आयोजन 25 फरवरी, 2024, दिन रविवार को सतगुरु माता सुदीक्षा जी महाराज एवं निरंकारी राजपिता रमित जी के पावन सान्निध्य में शुरू होने जा रहा है।

संत निरंकारी मण्डल के सचिव एवं समाज कल्याण प्रभारी जोगिन्दर सुखीजा ने जानकारी देते हुए बताया कि ‘स्वच्छ जल, स्वच्छ मन’ के आदर्श वाक्य से प्रेरणा लेते हुए यह परियोजना समूचे भारतवर्ष के लगभग 1500 से भी अधिक स्थानों के 900 शहरों के 27 राज्यों और केन्द्रशासित प्रदेशों में एक साथ आयोजित की जायेगी। इस अभियान का मुख्य उद्देश्य जल निकायों को संरक्षित करने के विकल्पों के विषय में जनमानस को जागृत करना है ताकि आने वाली पीढ़ियों को एक स्वस्थ भविष्य दिया जा सके।

गुरुग्राम में दमदमा झील, गांव कासन के तालाब और लेजर वैली को किया जाएगा साफ 2

बाबा हरदेव सिंह जी महाराज की प्रेरणात्मक शिक्षाओं का अनुसरण करते हुए संत निरंकारी मिशन द्वारा स्वच्छता अभियान के उपलक्ष्य में संस्कृति मंत्रालय, भारत सरकार के सहयोग से ‘प्रोजेक्ट अमृत’ का आरम्भ वर्ष 2023 में किया था। इस परियोजना का मुख्य उद्देश्य जल निकायों का संरक्षण, उनकी स्वच्छता एवं स्थानीय जनता के बीच ‘जागरूकता अभियान’ के माध्यम से उन्हें प्रोत्साहित करना है। इस परियोजना के अंतर्गत संपूर्ण भारतवर्ष के विभिन्न स्थानों के समुद्री तटों, नदियों, झीलों, तालाबों, कुओं, झरनों इत्यादि जैसे जल निकायों की स्वच्छता पर ध्यान केन्द्रित किया गया और उन स्थलों की सफाई भी की गई। पर्यावरण संरक्षण हेतु चलाये गये इस परियोजना की समाज के हर वर्ग द्वारा प्रशंसा एवं सराहना की गई और यह कार्यक्रम पूर्णतः सफल रहा।
‘अमृत परियोजना’ के अंतर्गत गुरुग्राम में दमदमा झील, गांव कासन के तालाब और लेजर वैली को साफ किया जाएगा। यहां सभी स्वयंसेवको द्वारा पूरे उत्साह के साथ सफाई की जायेगी। दिल्ली के लगभग सभी क्षेत्रों के घाटों की भी स्वच्छता की जायेगी जिनमें अशोक विहार का संजय झील, कैनल सोर यमुना, आई. टी. ओ का छट घाट, निगम बोध घाट, भलस्वा झील, यमुना का सुर घाट और राम घाट, कालिंदी कुंज घाट इत्यादि स्थान प्रमुख है।

दिल्ली में इस अभियान को ‘आओ सवारें, यमुना किनारे’ के नारे द्वारा विस्तृत किया जा रहा है जिसमें निरंकारी मिशन के युवागण, दिल्ली, इंद्रप्रस्थ एवं जे एन यू विश्वविद्यालय के विभिन्न कॉलेज संस्थानों में जाकर जल संरक्षण पर गीतों की प्रस्तुति, जल जनित रोगों के प्रति जागरूकता को ग्रुप सांग, सेमिनार एवं सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म के माध्यम से जनमानस को जागृत एवं प्रोत्साहित कर रहे हैं।
संत निरंकारी मिशन सामाजिक एवं कल्याणकारी गतिविधियों में निरंतर अपनी सक्रिय भूमिका निभाते हुए वृक्षारोपण, रक्तदान शिविर, स्वच्छता अभियान, तलासरी बांध परियोजना, वननेस वन, पर्यावरणीय मुद्दों के विषय में जागरूकता इत्यादि जैसी योजनाओं को क्रियान्वित रूप में संचालित कर रहा है। निसंदेह निरंकारी मिशन की ऐसी कल्याणकारी योजनाएं पर्यावरण संरक्षण एवं धरती को सुंदर बनाने हेतु एक प्रशंसनीय एवं सराहनीय कदम है जिस पर चलकर धरती को ओर अधिक स्वच्छ, निर्मल एवं सुंदर बनाया जा सकता है।

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