चंडीगढ़ मेयर मामले में सुप्रीम कोर्ट का ऐतहासिक निर्णय : आप-कांग्रेस प्रत्याशी कुलदीप मेयर घोषित

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रिटर्निंग ऑफिसर अनिल मसीह को अवमानना का नोटिस, चल सकता है मुकदमा 

नई दिल्ली : चंडीगढ़ मेयर विवाद सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को ऐतिहासिक फैसला सुनाते हुए आम आदमी पार्टी-कांग्रेस गठबंधन के उम्मीदवार कुलदीप कुमार को मेयर निर्वाचित घोषित कर दिया.  आर ओ ने जिन 8 वोटों जिन्हें रद्द कर दिया था, उन्हें सही माना. कुलदीप के पक्ष में जो 12 वोट पहले सही बताये गए थे उसे मिलाकर 20 वोट हुए जिससे उन्हें मेयर घोषित किया गया. इस फैसले का देशव्यापी असर होने की उम्मीद है . एक तरफ आम आदमी पार्टी और कांग्रेस पार्टी को भाजपा पर हमला बोलने का बड़ा मौका मिला तो दूसरी तरफ चुनाव में किसी रिटर्निंग ऑफिसर की भूमिका को लेकर यह निर्णय नसीहत देने वाला नजीर बनेगा .

उल्लेखनीय है कि उच्च न्यायालय चंडीगढ के निर्देशन में हुए चंडीगढ़ नगर निगम के मेयर चुनाव के बाद एक वीडियो वायरल हो गया था.  उक्त विडियो में रिटर्निंग ऑफिसर अनिल मसीह आप पार्षदों के लिए डाले गए बैलेट पेपर्स पर निशान लगाते दिख रहा था. उन्होंने 8 बेलेट पेपर पर क्रोस के निशाँ लगा दिए थे साथ ही डबल टिक भी कर दिया . इसको लेकर देश में बड़ी तीव्र प्रतिक्रिया देखने को मिली .

आम आदमी पार्टी और कांग्रेस पार्टी गठबंधन के मेयर प्रत्याशी कुलदीप कुमार ने उच्च न्यायालय में चुनाव के खिलाफ याचिका दायर की लेकिन राहत नहीं मिली. उन्होंने सुप्रीम कोर्ट में अपील की . सुप्रेम कोर्ट ने इया मामले को अति संगीन मानते हुए त्वरित सुनवाई की. सोमवार को इसकी सुनवाई हुई जिसमें सुप्रीम कोर्ट में अनिल मसीह से पूछताछ स्वयं चीफ जस्टिस ने की . अमिल मसीह ने स्वीकार किया कि उसने 8 बेलेट पेपर पर क्रोस के निशान लगाए थे. सुप्रीम कोर्ट ने सभी बलेट पेपर और विडियो सभी आवश्यक कागजात मंगलवार को कोर्ट में पेश करने को कहा था जिसपर आज फिर सुनवाई हुई . चीफ जस्टिस ने बेहद कडा रुख अख्तियार किया और आप – कांग्रेस उम्मीदवार को निर्वाचित घोषित होने का ऐतिहासिक निर्णय सुनाया .

उच्चतम न्यायालय ने चंडीगढ़ महापौर चुनाव के परिणाम को पलटते हुए आम आदमी पार्टी (आप) -कांग्रेस गठबंधन के पराजित उम्मीदवार कुलदीप कुमार को शहर का नया महापौर घोषित किया. न्यायालय ने 30 जनवरी के चुनाव के संचालन में गंभीर खामियां पाए जाने के बाद, निर्वाचन अधिकारी अनिल मसीह, जो भाजपा नेता हैं, के खिलाफ ‘कदाचार’ के लिए मुकदमा चलाने का भी आदेश दिया.

शीर्ष अदालत ने स्पष्ट किया कि वह पूरी चुनावी प्रक्रिया को रद्द नहीं कर रही है और खुद को मतगणना प्रक्रिया में गलत कार्यों से निपटने तक ही सीमित रख रही है, जिसके कारण कुमार के पक्ष में डाले गए आठ मत अमान्य हो गए थे. प्रधान न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पीठ ने कहा कि यह स्पष्ट है कि मसीह ने जानबूझकर आठ मतपत्रों को विरूपित करने का प्रयास किया.

इस मामले में अनिल मसीह को अवमानना के लिए कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है. पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट के रजिस्ट्रार को 3 हफ्ते में जवाब मांगने को कहा है. सुप्रीम कोर्ट ने ये भी कहा कि अदालत यह सुनिश्चित करने के लिए बाध्य है कि लोकतांत्रिक प्रक्रिया इस तरह के हथकंडों से नष्ट न हो इसलिए हमारा विचार है कि अदालत को ऐसी असाधारण परिस्थितियों में बुनियादी लोकतांत्रिक जनादेश सुनिश्चित करने के लिए कदम उठाना चाहिए. सुप्रीम कोर्ट ने ये भी कहा कि ये अदालत पूरा इंसाफ करने के लिए ड्यूटी बाउंड है, पूरी चुनाव प्रक्रिया को रद्द करना सही नहीं है. कोई भी बैलेट डिफेस नहीं था. पीठासीन अफसर मसीह गलत कार्य का दोषी है.

चीफ जस्टिस ने कहा कि वीडियो देखने के बाद सामने आया है कि रिटर्निंग अफसर अनिल मसीह ने कुछ बैलेट पेपर पर एक खास निशान लगाया था. सभी 8 वोट याचिकाकर्ता उम्मीदवार (कुलदीप कुमार) को गए थे. रिटर्निंग ऑफिसर अनिल मसीह ने वोट को अमान्य करने के लिए निशान लगाए. हमने आरओ को उसके कृत्य में गलत पाए जाने पर गंभीर परिणाम भुगतने की चेतावनी दी थी. पीठासीन अफसर ने स्पष्ट रूप से अपने अधिकार से परे काम किया. बता दें कि 19 फरवरी को मसीह ने कोर्ट में कहा कि उसने डिफेस हुए 8 बैलेट पर निशान लगाया था.

सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट में आज करीब 20 मिनट तक वीडियो चलाया गया .जस्टिस पारदीवाला ने पूछा कि बैलेट पर टिक क्यों किया ? मुकुल रोहतगी ने इस पर जवाब दिया कि उन्होंने आकलन किया कि कुछ बैलेट अवैध थे. वे चोर नहीं हैं. कुछ बैलेट पेपर डिफेस हो चुके थे, इसलिए रिजेक्ट किया गया, लेकिन इस वजह से ऑफिसर को चोर नहीं कहा जा सकता.

जस्टिस पारदीवाला ने कहा कि अनिल मसीह ने सफाई दी थी कि जो मतपत्र खराब हुए, उन पर उन्होंने निशानी बनाई, ये सफाई ठीक नहीं लगती.  हंगामा वहां चुनाव परिणाम की घोषणा के बाद हुआ.

सुनवाई के दौरान वरिष्ठ वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा कि कोर्ट से री काउंटिंग की मांग की गई है. सिंघवी ने आगे कहा कि वे नए सिरे से चुनाव चाहते हैं, क्योंकि वे उस समय का लाभ चाहते हैं, जिसके दौरान उन्होंने संभवतः लोगों को दल-बदल करवाया था. हल्के ढंग से कहें तो घोड़ों की खरीद-फरोख्त… वैसे ये घोड़ों का अपमान करने वाला शब्द है.

गौरतलब है कि चंडीगढ़ मेयर चुनाव में बीजेपी के मनोज सोनकर ने 16 वोटों से निर्वाचित घोषित किया गया था . घोषित परिणाम के अनुसार  आम आदमी पार्टी-कांग्रेस गठबंधन के उम्मीदवार कुलदीप कुमार को 12 वोट मिला बताया गया था . जब रिटर्निंग अधिकारी अनिल मसीह ने गठबंधन सहयोगियों के आठ वोटों को अवैध घोषित कर दिया, तब मामले में विवाद खड़ा हो गया. इसके बाद बैलेट पेपर में छेड़छाड़ करने का मामला टूल पकड़ने लगा और अंततः कोर्ट से राहत मिली .

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