जुरहरा कस्बे में गुर्जर समाज ने मनाई श्री देवनारायण जयंती

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जुरहरा, जिला डीग रेखचंद्र भारद्वाज: शुक्रवार को जुरहरा कस्बे में भगवान श्री देवनारायण की जयंती स्थानीय गुर्जर समाज के द्वारा हर्ष और उल्लास के साथ मनाई गई। भगवान देवनारायण जयंती के अवसर कस्बे के गुर्जर मौहल्ले में भगवान देवनारायण के चित्र के समक्ष दीप-प्रज्ज्वलित करते हुए उनकी पूजा-अर्चना की गई। इस अवसर पर मुख्य रूप से प्रहलाद गुर्जर, भीम गुर्जर, धीरज गुर्जर, हरवीर गुर्जर, धर्मसिंह गुर्जर, गोपाल गुर्जर, रघुवीर गुर्जर, बीजेपी नेता विनोद मानवी व धारासिंह सैनी सहित अन्य लोग मौजूद रहे।

गुर्जर समाज मानता है श्री देवनारायण जी को भगवान विष्णु का अवतार- माघ शुक्ल पक्ष सप्तमी के दिन गुर्जर समाज द्वारा श्री देवनारायण जी की जयंती धूमधाम के साथ मनाई जाती है। गुर्जर समाज श्री देवनारायण को भगवान विष्णु का अवतार मानता है। देवनारायण जयंती के दिन राजस्थान सहित देश में विभिन्न स्थानों पर झांकियां, शोभायात्रा एवं बड़े-बड़े भंडारों का भी आयोजन किया जाता है।

कौन हैं श्री देवनारायण- इनका जन्म एक गुर्जर शासक परिवार में हुआ था जिन्होंने भीलवाड़ा-मेवाड़ में मंडल झील की स्थापना की थी। उन्होंने अपने पराक्रम से अत्याचारी शासकों के खिलाफ कई युद्ध लड़े जिनमें उन्होंने विजय प्राप्त की थी। उनका रुझान आध्यात्मिक होने के कारण उन्होंने लंबी साधना कर कई सिद्धियां हासिल की थीं। अपनी दिव्य शक्तियों के कारण श्री देवनारायण जी ने जन-जन के कल्याण के लिए अनेक कार्य किए जिससे वे देव स्वरूप में बनते गये और गुर्जर समाज में भगवान विष्णु के अवतार के रूप में पूजे जाने लगे। देवनारायण जी ने भाद्रपद शुक्ल सप्तमी को ब्यावर के समीप मसूदा में 31 वर्ष की छोटी सी उम्र अपनी देह त्याग दी थी।

कैसे मनाई जाती है देवनारायण जयंती- सूर्य सप्तमी माघ शुक्लपक्ष सप्तमी के दिन गुर्जर समाज स्नान-ध्यान कर पूरे दिन उपवास रखते हैं। प्रभात फेरियां निकालकर उनके उपदेशों का प्रसारण किया जाता है।

श्री देवनारायण के जनहित में किए गए कार्य- देवनारायण को गुर्जर समाज में भगवान विष्णु के रूप में मान्यता प्राप्त है। जानकारी के अनुसार श्री देवनारायण ने भगवान विष्णु की कठिन तप-साधना से दिव्य ज्ञान हासिल किया जिसका उपयोग उन्होंने लोक कल्याण के लिए किया।

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