संगरूर का किसान बना निर्यातक, 14 मीट्रिक टन रेडी-टू-कुक मोटा अनाज ऑस्ट्रेलिया भेजा

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नई दिल्ली : कृषि और प्रसंस्कृत खाद्य उत्पाद निर्यात विकास प्राधिकरण (एपीडा) ने मोटा अनाज आधारित मूल्य वर्धित उत्पादों के विपणन और निर्यात में लगभग 500 स्टार्टअप को सुविधा प्रदान की है। संगरूर के किसान श्री दिलप्रीत सिंह निर्यातक बन गए हैं। उन्होंने 803 अमेरिकी डॉलर कीमत की 14.3 मीट्रिक टन मोटा अनाज की पहली खेप निर्यात की। एपीडा के अध्यक्ष श्री अभिषेक देव ने उनकी पहली खेप को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया।

इस खेप में कोदो मिलेट,  फॉक्सटेल मिलेट, लिटिल मिलेट, ब्राउनटॉप मिलेट और बार्नयार्ड मिलेट से बने रेडी-टू-कुक मोटा अनाज शामिल हैं। इसके अतिरिक्त, रागी, ज्वार, बाजरा, फॉक्सटेल, कोदो, बार्नयार्ड, ब्राउनटॉप, लिटिल और प्रोसो मोटा अनाजों से तैयार आटा भी इस अद्वितीय निर्यात खेप में शामिल है।

सिडनी स्थित आयातक श्री जसवीर सिंह ने भी वर्चुअल फ्लैग-ऑफ समारोह में भाग लिया। उन्होंने इस सहकार्य को आसान बनाने में भरपूर मदद के लिए एपीडा के प्रति हार्दिक आभार व्यक्त किया। वह मोटा अनाज को लेकर आगे व्यापार के अवसरों को बढ़ाने को लेकर आशावादी हैं। उन्होंने भविष्य में इस तरह की और खेपों का आयात जारी रखना सुनिश्चित किया है। किसान के पास शुरू से अंत तक संपूर्ण मूल्य श्रृंखला नियंत्रण होता है जो खरीदारों के लिए आवश्यक होता है। किसान अपने खेतों में बाजरा उगाते हैं, अपनी इकाई में वे इनका प्राथमिक और माध्यमिक प्रसंस्करण करते हैं जिसमें अंतरराष्ट्रीय गुणवत्ता की पैकेजिंग भी शामिल है।

सफलता की यह कहानी इस बात का उदाहरण है कि कृषि क्षेत्र को कैसे बदला जा सकता है। श्री दिलप्रीत जैसे किसान कृषि निर्यात में प्रमुख योगदानकर्ता बन सकते हैं। यह अंतरराष्ट्रीय बाजारों में उतरने वाले स्थानीय किसानों के सशक्तिकरण का प्रतीक है।

2021-22 में मोटा अनाज निर्यात 62.95 मिलियन अमेरिकी डॉलर से बढ़कर 2022-23 में 75.45 मिलियन अमेरिकी डॉलर और अप्रैल-नवंबर 2023 तक 45.46 मिलियन अमेरिकी डॉलर के वर्तमान निर्यात के साथ मोटा अनाज वैश्विक बाजार में लोकप्रियता हासिल कर रहा है। मूल्यवर्धित मोटा अनाज उत्पादों सहित अन्‍य अनाज के निर्यात में यह उल्लेखनीय वृद्धि है। यह पिछले वर्ष की समान अवधि की तुलना में 12.4 प्रतिशत की वृद्धि है।

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