नई दिल्लीः- डॉ. तेजस्विनी गुहा द्वारा लिखित पुस्तक ‘‘हमारा विश्वास हमारी प्रथाए! विज्ञान की कसौटी पर’’ का विमोचन किया गया। विमोचन के अवसर पर डॉ. तेजस्विनी गुहा ने कहा कि आज विज्ञान का युग है पश्चिमी जगत विज्ञान की भाषा ही समझता है, अतः भारतीय अस्थाओं और मूल्यों को आधुनिक विज्ञान की कसौटी पर खरा साबित करना समय की मांग है। आज इन मूल्यों की न केवल भारत बल्कि संपूर्ण विश्व की शांति के लिए, पर्यावरण संरक्षण, स्वयं मानव व ग्रह पृथ्वी के संरक्षण के लिए आवश्यक है।
डाॅ. तेजस्विनी गुहा ने कहा कि मैं इस पुस्तक को लिखूं और भारत के प्राचीन मूल्यों, विज्ञान की कसौटी पर खरा साबित करते हुए आधुनिक समाज के सामने पेश करूं, इसकी प्रेरणा मुझे सुप्रसिद्ध वैज्ञानिक डाॅ. ए.पी.जे. अब्दुल कलाम की पुस्तक से मिली। खासकर उनकी इस अभिव्यक्ति से कि अब हमें गुलामी के दिनों की मानसिकता त्याग देनी चाहिए क्योंकि प्रेरणा मिली किन्तु विचारों को कलमबद्ध करने की ऊर्जा मुझे देश के रक्षा मंत्री श्री राजनाथ सिंह जी के उस वक्तव्य से मिली जिससे उन्होंने कहा था कि वे भारत को विश्व गुरु के रूप में देखना चाहते हैं।
युवा भारत के इन मूल्यों को विश्व के सामने रखना है, इनके वैज्ञानिक आधार के प्रति लोगों को सजग करना है। आज के युवाओं में भी आत्मविश्वास और देशाभिमान जागाना है ताकि अपनी क्षमता के अनुरूप भारत विश्व गुरु के रूप में उभर सकें। इसी उद्देश्य से यह पुस्तक लिखी गई है। डाॅ. तेजस्विनी की पुस्तक पेन डाउन प्रेस द्वारा प्रकाशित की गई है, जिसका मूल्य 299 रुपये है।
पेन डाउन प्रेस के सीईओ दिनेश वर्मा ने कहा कि मैं डाॅ. तेजस्विनी जी को उनकी पुस्तक के विमोचन की शुभकामनाएं देता हूं और उनके द्वारा लिखित सभी लेख काफी रोचक है, जो लोगों को काफी पसंद आएगें।