अंतराष्ट्रीय रेत कला उत्सव के लिए बिहार के सैंड आर्टिस्ट मधुरेन्द्र का हुआ चयन

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मोतिहारी : अंतराष्ट्रीय रेत कला उत्सव में भाग लेने के लिए चंपारण निवासी वर्ल्ड फेमस युवा रेत कलाकार मधुरेन्द्र कुमार तेरहवें अंतराष्ट्रीय रेत कला उत्सव में शामिल होने के लिए 30 नवंबर गुरुवार को दरभंगा एयरपोर्ट से भुनेश्वर के लिए रवना हो गए। श्री मधुरेन्द्र, उड़ीसा सरकार द्वारा कोणार्क के चंद्रबग्घा समुद्र तट पर आयोजित होने वाले पांच दिवसीय अंतराष्ट्रीय उत्सव में अपनी कला का प्रदर्शन करेंगे. यह आयोजन 1 से 5 दिसंबर तक होगा.

अंतराष्ट्रीय रेत कला उत्सव के लिए बिहार के सैंड आर्टिस्ट मधुरेन्द्र का हुआ चयन 2उल्लेखनीय है कि अंतराष्ट्रीय रेत कला उत्सव में बिहार के पूर्वी चंपारण जिला के सिकरहना अनुमंडल अन्तर्गत घोड़ासहन बनकटवा प्रखंड के बिजबनी गांव निवासी मध्यम वर्गीय किसान शिव कुमार साह व गेना देवी के पुत्र युवा सैंड आर्टिस्ट मधुरेंद्र कुमार, देश का प्रतिनिधित्व करेंगे।

इस रेत कला उत्सव में भारत के अलावा अन्य देश के 18 से लेकर 50 वर्ष आयु तक के सैंड आर्टिस्ट भाग ले रहें हैं। रवानगी से पूर्व बुधवार को सैंड आर्टिस्ट मधुरेन्द्र ने दूरभाष पर बताया कि भारत की ओर से अन्य डेलीगेट आर्टिस्ट के अलावा बिहार से एकमात्र चंपारण निवासी मधुरेन्द्र को निमंत्रण मिला हैं। इन्हें ओड़िसा सरकार के टूरिस्म डिपार्टमेंट के डायरेक्टर सह सचिव  विश्वजीत रौत्राय ने ईमेल के जरिये फेस्टिवल में प्रतिभागी बनने का आमंत्रण पत्र भेजा है।

इससे पूर्व अंतर्राष्ट्रीय रेत कला उत्सव 2019 के विजेता रह चुके सैंड आर्टिस्ट मधुरेन्द्र कुमार चुनाव आयोग की ओर से लोकसभा चुनाव 2019, विधानसभा चुनाव 2020 व केंद्र सरकार के स्वच्छ सर्वेक्षण 2022 के  ब्रांड एंबेसडर भी रहे हैं।अंतराष्ट्रीय रेत कला उत्सव के लिए बिहार के सैंड आर्टिस्ट मधुरेन्द्र का हुआ चयन 3

युवा सैंड आर्टिस्ट मधुरेन्द्र राज्य और राज्य के बाहर कई सरकारी आयोजनों , राज्य स्तरीय मेलों, महोत्सवों में सैंड आर्ट और पेंटिंग कला पर अपनी मजबूत पकड़ का शानदार प्रदर्शन कर चुके हैं। जनहित और सामाजिक जागरूकता के साथ साथ ऐतिहासिक धरोहरों की कलाकृति के संदेशपरक व आकर्षक प्रदर्शन के लिए इन्हें राष्ट्रपति सम्मान सहित दर्जनों पुरस्कार  भी मिले हैं. मधुरेन्द्र ,अपनी कला की बदौलत विश्व पटल पर बिहार ही नहीं भारत का गौरव बढ़ाने में महत्वपूर्ण योगदान दे रहें हैं।

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