-राईट टू सर्विस कमीशन के चीफ कमिशनर टी सी गुप्ता ने की गुरूग्राम के अधिकारियों के साथ बैठक
– प्रबुद्धजनों, आरडब्ल्यूए, निगम पार्षदों तथा एनजीओ के प्रतिनिधियों से मांगे सेवाएं बेहतर करने के सुझाव
गुरूग्राम, 30 अक्टूबर। हरियाणा के राईट टू सर्विस कमीशन के चीफ कमिशनर टी सी गुप्ता ने आज कहा कि मुख्यमंत्री मनोहर लाल के नेतृत्व व कुशल मार्गदर्शन में प्रदेश सरकार व राज्य सेवा अधिकार आयोग का मुख्य ध्येय आम जनमानस तक सरकारी सेवाओं तथा योजनाओं का पूर्ण लाभ समयबद्ध अवधि में पहुंचाना है। सरकारी सेवाओं का लाभ मिलने में लोगों को कोई परेशानी न हो और विभागीय कार्य सुगम व पारदर्शी तरीके से हो। इसी उद्देश्य के साथ वर्ष 2014 में इस आयोग की स्थापना की गई थी। उन्होंने कहा कि इन सेवाओं की प्राप्ति में लोगों को किसी भी प्रकार की समस्या नहीं होनी चाहिए। निर्धारित समय सीमा में लोगों को इन सेवाओं का लाभ नही मिलने पर संबंधित अधिकारियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई अमल में लाई जाएगी।
उन्होंने कहा कि सरकार के विभिन्न विभागों की 656 सेवाएं राईट टू सर्विस एक्ट में नोटिफाइड हैं जिसमें हर सेवा प्रदान करने के लिए समय सीमा निर्धारित की गई है। सरकारी विभागों के अधिकारियों को उस समय अवधि में ही वे सेवाएं आम जनता को देनी हैं। इस दौरान सभी अधिकारी यह ध्यान रखें कि आवेदनों का रिजेक्शन रेट कम हो और पब्लिक सटिसफैक्शन रेट में सुधार हो।
टी सी गुप्ता आज गुरूग्राम में जिला अधिकारियों के अलावा एमिनेंट सिटीजन, एनजीओ, निगम पार्षद, रैजीडेंट वैलफेयर एसोसिएशनों के प्रतिनिधियों की बैठक में बोल रहे थे। यह बैठक गुरूग्राम के सैक्टर 44 स्थित अपैरल हाउस के ऑडिटोरियम में आयोजित की गई थी। इस बैठक में श्री गुप्ता ने बताया कि एक्ट में नोटिफाइड 656 सर्विसिज हैं जो लोगों की आम जिंदगी से जुड़ी हुई हैं। उन्होंने बताया कि इन सेवाओं के बारे में जानकारी वैबसाईट https://haryana-rtsc.gov.in पर उपलब्ध है। सेवाओं के साथ स्कीम की जानकारी भी इस वैबसाईट पर दी गई है। उन्होंने कहा कि नोटिफाइड सेवाओं में और सेवाएं जोड़ने या आयोग के साथ अपने सुझाव अथवा शिकायत सांझा करने के लिए [email protected] पर ई-मेल कर सकते हैं।
टी सी गुप्ता ने बताया कि कमीशन का ध्येय है कि जब तक समस्या का समाधान ना हो तब तक फ़ाइल क्लोज नही करनी। उन्होंने बताया कि किसी शिकायत में कोई अधिकारी काम नही करता है तो आस(ऑटो अपील सिस्टम) पोर्टल को यह कानून अधिकार दिया गया है कि वह शिकायतकर्ता की ओर से अपने स्तर पर अपील उठा सकता है। उन्होंने अंत्योदय सरल पर प्राप्त ऑनलाइन आवेदनों के संदर्भ में रिपोर्ट कार्ड प्रस्तुत करते हुए कहा कि पोर्टल पर 44 लाख 15 हजार 756 आवेदनों में से 43 लाख 81 हजार 484 का निपटान किया जा चुका है। वहीं आस पोर्टल पर 36 एंटिटी की 404 सर्विसेज है। पोर्टल पर 10 लाख 3 हजार 608 अपील में से 9 लाख 30 हजार 472 का निस्तारण किया जा चुका है। उन्होंने बताया कि आरटीएस पोर्टल पर गुरुग्राम 12 वे स्थान पर है। जिला में 2 लाख 53 हजार 27 सेवा आवेदनों में से 2 लाख 47 हजार 790 का तय समय सीमा में निपटान किया गया है।
उन्होंने कहा कि सेवा का अधिकार आयोग का गठन ही आम लोगों की सुविधा व समस्याओं के समाधान के लिए किया गया है। कुछ सेवाओं में प्रथम अपीलीय अधिकारी डीसी तथा एडीसी और एसडीएम होते हैं, जिन्हें स्वयं भी जुर्माना लगाने की शक्ति प्राप्त है। इस प्रकार से मुख्य उद्देश्य आम जनता की समस्याओं का निवारण ही प्राथमिकता है। उन्होंने अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिए कि प्राथमिकता के आधार पर समयबद्ध तरीके से लोगों को सेवाओं का लाभ प्रदान करें। आवेदनों को ठोस कारण के बिना रद्द किये जाने पर भी कड़ा संज्ञान लिया जाएगा। उन्होंने कहा कि सेवाएं प्रदान करने में देरी करने वाले अधिकारी या कर्मचारी पर 20 हजार रूपए तक जुर्माना करने की शक्तियां प्राप्त हैं, जो उसे अपने वेतन से भरना होगा। यही नहीं, पीड़ित आवेदक को भी आयोग 5 हजार रुपये तक का मुआवजा देरी के लिए दे सकता है।
समय पर काम होने से आमजन की विभागों पर बढ़ेगी विश्वसनीयता : डीसी
डीसी निशांत कुमार यादव ने कहा कि आमजन का समय पर काम होने से न केवल विभाग के प्रति विश्वसनीयता बढ़ती है, बल्कि संबंधित अधिकारी व कर्मचारी की भी आमजन के बीच बेहतर छवि बनती है। उन्होंने कहा कि सेवा अधिकार अधिनियम के प्रति आमजन में जागरूकता बढ़े और विभाग भी इसकी बारीकियों से अवगत हों, इसके लिए जागरूकता कार्यक्रम भी आयोजित किए जाएंगे। उन्होंने मुख्य आयुक्त को भरोसा दिलाया कि सेवा अधिकार के तहत जो भी दिशा-निर्देश होंगे, उनकी प्रभावी रूप से पालना करवाना सुनिश्चित किया जाएगा।
इस अवसर पर गुरूग्राम एचएसवीपी के प्रशासक बलप्रीत सिंह, हरियाणा के राईट टू सर्विस कमीशन के सचिव दीपक कुमार, सीटीएम दर्शन यादव सहित जिला प्रशासन के अन्य अधिकारी उपस्थित रहे।