राष्ट्रपति ने इंडिया स्मार्ट सिटीज़ अवार्ड प्रतियोगिता 2022 के विजेताओं को सम्मानित किया

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इंदौर : राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने आज इंदौर में इंडिया स्मार्ट सिटीज़ अवार्ड प्रतियोगिता (आईएसएसी) 2022 के चौथे संस्करण के विजेताओं को सम्मानित किया। आईएसएसी का आयोजन स्मार्ट सिटीज़ मिशन, आवासन और शहरी कार्य मंत्रालय के तहत किया जा रहा है। सम्मेलन में मध्य प्रदेश के राज्यपाल मंगूभाई सी. पटेल, आवासन और शहरी कार्य मंत्री  हरदीप सिंह पुरी, मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, आवासन और शहरी कार्य राज्य मंत्री कौशल किशोर और मध्य प्रदेश के शहरी विकास मंत्री भूपेन्द्र सिंह सहित विभिन्न गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।

कार्यक्रम को संबोधित करते हुए राष्ट्रपति ने शहरी विकास में देश के समग्र निवेश में वृद्धि पर प्रसन्नता व्यक्त की। इस कदम की सराहना करते हुए उन्होंने कहा कि पिछले दशक में शहरी विकास में हमारे देश का कुल निवेश पहले की तुलना में 10 गुना से भी अधिक हो गया है। उन्होंने कहा, “उत्कृष्ट व्यवहारों को लागू करने और व्यावहारिक व्यवसाय मॉडल विकसित करने में स्मार्ट सिटी मिशन का योगदान बहुत महत्वपूर्ण है।”

राष्ट्रपति ने शहरी विकास से संबंधित क्षेत्रों पर जी-20 के फोकस के बारे में भी बात की। उन्होंने कहा कि अर्बन-20, जो जी-20 का एक उप-समूह है, उसने शहरों के बीच कनेक्टिविटी की एक स्थायी प्रथा स्थापित करने का प्रयास किया। इसके माध्यम से यह सामूहिक संदेश भी दिया गया कि सतत विकास की प्राथमिकता को आगे बढ़ाने में शहरों के प्रबंधन की महत्वपूर्ण भूमिका है। इसलिए, हमें दुनिया के सर्वोत्तम प्रबंधित शहरों के उत्कृष्ट व्यवहारों और व्यवसाय मॉडल से सीखना चाहिए तथा अपने सफल प्रयासों को अन्य देशों के साथ भी साझा करना चाहिए। उन्होंने कहा, “समग्र और सतत विकास के लिए स्थानीय और वैश्विक स्तर पर सहयोग आवश्यक है।”

स्मार्ट शहरों में इंटीग्रेटेड कमांड एंड कंट्रोल सेंटर (आईसीसीसी) के महत्व को ध्यान में रखते हुए, राष्ट्रपति ने कहा कि सभी 100 स्मार्ट शहरों में आईसीसीसी हैं, जो डेटा का उपयोग करके निर्णय ले रहे हैं। सीसीटीवी निगरानी कैमरे आज कानून व्यवस्था को मजबूत करने में मदद कर रहे हैं। राष्ट्रपति ने कहा, “लेकिन विशेषकर महिलाओं की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए और अधिक कड़े कदम उठाने की जरूरत है। मुझे विश्वास है कि इन 100 स्मार्ट शहरों में किए जा रहे प्रयास हमारे 4800 से अधिक कस्बों और शहरों के लिए बहुत उपयोगी साबित होंगे।”

कार्यक्रम के दौरान राष्ट्रपति ने देश के विभिन्न शहरों से आए महापौरों और नगर निगम आयुक्तों से नए आत्मविश्वास और नई ऊर्जा के साथ आगे बढ़ने का आग्रह किया। उन्होंने कहा, “मुझे आशा है कि आप सभी इस सम्मेलन में साझा की गई सफल प्रयासों की जानकारी का उपयोग अपने-अपने शहरों में करेंगे। ऐसा करके आप सभी इस आयोजन को और अधिक सार्थक बनाएंगे।”

सभा को संबोधित करते हुए, आवासन और शहरी कार्य मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने योजनाबद्ध शहरीकरण के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के परिवर्तनकारी दृष्टिकोण को साझा किया। उन्होंने इस बात पर प्रकाश डाला कि स्मार्ट सिटी मिशन माननीय प्रधानमंत्री के ‘न्यू अर्बन इंडिया’ के दृष्टिकोण का प्रतीक है और यह 2047 तक भारत के विकसित देश बनने के उद्देश्य का एक प्रमुख घटक है।

 

श्री पुरी ने कहा कि स्मार्ट सिटी मिशन ने भारत के शहरी ईको-प्रणाली में नवाचार को बढ़ावा दिया है, साथ ही भारत के 100 सबसे बड़े शहरों में मुख्य बुनियादी ढांचे का निर्माण और सेवाओं को मजबूत किया है। उन्होंने कहा कि इसने सरकार, वैश्विक संगठनों, साझेदार शहरों, शिक्षा जगत और उद्योग के साथ गहरी साझेदारी को बढ़ावा दिया है।

श्री पुरी ने इसके महत्व पर प्रकाश डालते हुए कहा कि इसने विशेष प्रयोजन वाहनों (एसपीवी) के माध्यम से अति आवश्यक तकनीकी और प्रबंधन सहायता प्रदान करके देश में शासन के तीसरे स्तर को सशक्त बनाया है। इसने नागरिक-केंद्रित भविष्य के लिए तैयार तरीके के जरिये सामाजिक, आर्थिक, संस्थागत और भौतिक बुनियादी ढांचे के निर्माण का नेतृत्व किया है।

श्री पुरी ने कहा कि कैमरे, आईओटी डिवाइस, सेंसर और अन्य प्रौद्योगिकियों के उपयोग के माध्यम से 100 ऑपरेशनल इंटीग्रेटेड कमांड एंड कंट्रोल सेंटर (आईसीसीसी) को वास्तविक समय पर निर्णय लेने की क्षमता प्रदान करते हैं। इसने शहर की जिम्मेदारियां निभाने वालों के लिए महामारी के दौरान ‘वॉर रूम’ के रूप में काम किया है, जिसमें जानकारी एकत्र करने, रणनीतियां विकसित करने और नागरिक कार्यों को निष्पादित करने के कामकाज किये गये।

स्मार्ट सिटी मिशन की उपलब्धियों पर ध्यान आकर्षित करते हुए केंद्रीय मंत्री ने कहा कि कुल 1,71,044 करोड़ रुपये की 7,934 परियोजनाओं को मंजूरी दी गई है और मिशन के तहत 1,10,794 करोड़ रुपये मूल्य की अन्य 6,069 परियोजनाओं को पूरा कर लिया गया है। जून 2024 तक 60,250 करोड़ रुपये की 1,865 परियोजनाओं को जून 2024 तक पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है। इसके अलावा अब तक लगभग 25,000 करोड़ रुपये की पीपीपी की आपूर्ति कर दी गयी है। उन्होंने इस बात पर प्रकाश डाला कि मिशन के तहत 2,700 किलोमीटर से अधिक स्मार्ट सड़कों का निर्माण किया गया है; करीब 7,000 स्मार्ट क्लासरूम बनाए गए हैं; 50 लाख से अधिक एलईडी/सोलर लाइटें लगाई गई हैं और 300 से अधिक स्मार्ट स्वास्थ्य केंद्रों का निर्माण किया गया है। उन्होंने कहा कि सार्वजनिक सुरक्षा में सुधार के लिए 1,884 आपातकालीन कॉल बॉक्स और 3,000 सार्वजनिक संबोधन प्रणालियां और यातायात प्रवर्तन प्रणालियाँ स्थापित की गई हैं।

शहरी प्रशासन में उत्कृष्टता के लिए इंदौर शहर की सराहना करते हुए, श्री हरदीप एस पुरी ने कहा कि इंदौर पुरस्कार और प्रशंसा जीतने का पर्याय है। इसने अपशिष्ट प्रबंधन, कार्बन क्रेडिट, डिजिटल प्रौद्योगिकी और सार्वजनिक खुले स्थानों में भी नवाचारों का बीड़ा उठाया है। इंदौर न केवल भारत में, बल्कि दुनिया भर के शहरों के लिए शहरी प्रशासन और नागरिक भागीदारी का एक मॉडल रहा है। उन्होंने कहा कि शहर ने निरंतरता के लिए एक नया मानदंड स्थापित किया है।

श्री पुरी ने अपनी परियोजनाओं और पहलों के लिए पुरस्कार प्राप्त करने वाले 31 शहरों को बधाई दी। उन्होंने कहा, “आपकी मान्यता उचित है; इस वर्ष पुरस्कारों के लिए 840 से अधिक आवेदन प्राप्त हुए।”

मंत्री ने शहरों में दूसरे और तीसरे स्थान पर रहने के लिए सूरत और आगरा और राज्यों में तमिलनाडु, राजस्थान और उत्तर प्रदेश की भी सराहना की।

इससे पहले दिन में, मध्य प्रदेश के राज्यपाल श्री मंगूभाई सी. पटेल ने निम्नलिखित चार दस्तावेज़ जारी किए, जैसे, (ए) आईएसएसी पुरस्कार 2022 सार-संग्रह, (बी) एससीएम के न्यूज़लेटर का सार-संग्रह, (सी) यूएन हैबिटेट द्वारा रिपोर्ट: स्मार्ट शहर मिशन – सतत विकास लक्ष्यों का स्थानीयकरण और (डी) आईएसएसी पुरस्कार 2023 पुस्तिका (ई-रिलीज़)।

सम्मेलन में सभी 100 स्मार्ट शहरों की उत्साहपूर्ण भागीदारी देखी गई, जो शहरी नवाचार में सबसे आगे रहकर शहर के विकास के अभ्यास में एक आदर्श बदलाव का नेतृत्व कर रहे हैं। इस आयोजन ने न केवल शहरों को मिशन के तहत किए गए उनके अनुकरणीय कार्यों को प्रदर्शित करने के लिए एक मंच प्रदान किया, बल्कि सहकर्मियों से सीखने और उत्कृष्ट व्यवहारों का प्रसार करने में भी सक्षम बनाया।

सम्मेलन में स्मार्ट सिटीज मिशन के तहत शहरों द्वारा शुरू की गई पुरस्कार विजेता परियोजनाओं का व्यापक प्रदर्शन किया गया, जिसे 2,000 से अधिक लोगों ने देखा। इसमें पांच राज्य/केंद्रशासित प्रदेश स्टॉल, 13 शहर स्टॉल और 15 से अधिक प्रोजेक्ट मॉडल थे। इसके अलावा, एक स्मार्ट स्ट्रीट बनाई गई, जिसमें पैदल चलने योग्य सड़कें, इंटेलिजेंट ट्रैफिक मैनेजमेंट सिस्टम (आईटीएमएस) और स्मार्ट संकेतक शामिल थे। इंदौर, सूरत, चंडीगढ़, अहमदाबाद, बेलगावी, रांची आदि शहरों के पुरस्कार विजेता सिटी सीईओ के साथ संवाद भी आयोजित किया गया, जिसमें प्रेरक चर्चा हुई और सहकर्मियों से सीखने का अवसर मिला।

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