भारतीय उच्च स्तरीय प्रतिनिधिमंडल नॉर्वे की यात्रा पर : मत्स्य पालन व जलीय कृषि के क्षेत्र में द्विपक्षीय सहयोग

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नई दिल्ली :  मत्स्य पालन और जलीय कृषि के क्षेत्र में भारत और नॉर्वे के बीच द्विपक्षीय सहयोग को मजबूत करने के लिए केंद्रीय मत्स्य पालन, पशुपालन और डेयरी मंत्री श्री परशोत्तम रुपाला के नेतृत्व में एक उच्च स्तरीय प्रतिनिधिमंडल नॉर्वे की यात्रा पर है। प्रतिनिधिमंडल में मत्स्य पालन, पशुपालन और डेयरी राज्य मंत्री डॉ. एल मुरुगन, मत्स्य पालन विभाग की संयुक्त सचिव सुश्री नीतू कुमारी प्रसाद और अन्य वरिष्ठ अधिकारी हैं। कल ट्रॉनहैम स्पेक्ट्रम, क्लोस्टरगाटा में एक्वा नॉर 2023 ट्रेड शो, जो एक्वाकल्चर प्रौद्योगिकी और नवाचार के लिए दुनिया के सबसे बड़े ट्रेड शो में से एक है, के उद्घाटन समारोह में भाग लेने के बाद प्रतिनिधिमंडल ने एक्वाजेन का दौरा किया, जो एक शोध-उन्मुख प्रजनन कंपनी है। यह वैश्विक जलीय कृषि उद्योग में आनुवंशिक स्टार्टर सामग्री और निषेचित अंडे का विकास, निर्माण, वितरण करती है। श्री परशोत्तम रुपाला और डॉ. एल. मुरुगन ने एक्वाजेन के सीईओ श्री नट रोफ्लो के साथ संयुक्त सहयोग के अवसरों पर चर्चा की।

परशोत्तम रुपाला ने डॉ. एल मुरुगन के साथ प्रदर्शनी में जलीय कृषि और मत्स्य पालन से संबंधित उत्पादों और सेवाओं को प्रदर्शित करने वाले भारतीय प्रतिभागियों से बातचीत की। केंद्रीय मंत्री श्री परशोत्तम रुपाला ने वैश्विक बाजार में भारतीय जलीय कृषि और मत्स्य पालन उत्पादों की गुणवत्ता और विविधता को बढ़ावा देने में भारतीय प्रदर्शकों के प्रयासों की सराहना की। प्रतिनिधिमंडल ने जलीय कृषि और मत्स्य पालन क्षेत्र में सहयोग के लिए विभिन्न मुद्दों और अवसरों पर भी विचार-विमर्श किया।

 

कल नॉर्वे में भारत के उच्च स्तरीय प्रतिनिधिमंडल के लिए एनटीएनयू सीलैब के दौरे की भी व्यवस्था की गई थी। प्रतिनिधिमंडल को महासागर विज्ञान और प्रौद्योगिकी के विशेषज्ञ प्रोफेसर केजेलइंग रीटन और प्रोफेसर बेंग्ट फिनस्टैड ने जानकारी दी। एनटीएनयू सीलैब एक अंतःविषयी अनुसंधान केंद्र है जिसका उद्देश्य नीली अर्थव्यवस्था के लिए स्थायी समाधान विकसित करना है। प्रतिनिधिमंडल ने प्रयोगशाला सुविधा का भी दौरा किया और एनटीएनयू द्वारा किए जा रहे अत्याधुनिक अनुसंधान और नवाचारों को देखा। एनटीएनयू नॉर्वे में विज्ञान और प्रौद्योगिकी का सबसे बड़ा विश्वविद्यालय है।

प्रतिनिधिमंडल ने अपनी यात्रा के दौरान स्केलएक्यू के केज कल्चर के प्रदर्शन क्षेत्र को देखा, जो जलीय कृषि प्रौद्योगिकी तथा नवाचार में एक अग्रणी कंपनी है। प्रतिनिधिमंडल ने स्केलएक्यू के वरिष्ठ प्रबंधन के साथ भी बातचीत की और मत्स्य पालन और जलीय कृषि के क्षेत्र में सहयोग और सहयोग के संभावित क्षेत्रों पर चर्चा की।

प्रतिनिधिमंडल को स्केलएक्यू द्वारा प्रस्तुत विभिन्न उत्पादों और सेवाओं के बारे में जानकारी दी गई, जिसमें मछली फार्म समाधान, केज और हेचरी सिस्टम तथा सैमन उद्योग के लिए विशेष उपकरण शामिल हैं। प्रतिनिधिमंडल ने जलीय कृषि की उत्पादकता और स्थिरता को बढ़ाने के लिए स्केलएक्यू द्वारा उपयोग की जाने वाली कुछ नवीन प्रौद्योगिकियों का लाइव प्रदर्शन भी देखा।

प्रतिनिधिमंडल को स्केलएक्यू द्वारा पेश किए गए विभिन्न उत्पादों और सेवाओं के बारे में जानकारी दी गई, जो विश्व स्तर पर ग्राहकों को नवाचार, प्रौद्योगिकी और उपकरण प्रदान करता है। प्रतिनिधिमंडल ने स्केलएक्यू के वरिष्ठ प्रबंधन के साथ भी बातचीत की और सहयोग तथा साझेदारी के संभावित क्षेत्रों पर चर्चा की। यह यात्रा उपयोगी और फलदायी रही तथा दोनों पक्षों ने जलीय कृषि क्षेत्र में भारत और नॉर्वे के बीच संबंधों को और मजबूत करने में अपनी रुचि व्यक्त की।

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