महिलाओं को स्वावलंबी व आत्मनिर्भर बना रहा राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन

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-कई महिलाओं ने एचएसआरएलएम के सहयोग से शुरू किए स्टार्ट-अप

-रेखा रानी तथा सुनीता एचएसआरएलएम के माध्यम से बनीं सशक्त

नई दिल्ली, 11 अगस्त : हरियाणा सरकार द्वारा शुरू की गई राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन योजना महिलाओं के लिए किसी वरदान से कम नहीं है। यह मिशन महिलाओं को न केवल आत्मनिर्भर बनाने के दिशा में एक बड़ा कदम है बल्कि वे इसके तहत घर से बाहर निकलकर अपना व्यवसाय भी चला पा रही हैं तथा अपने परिवार का भरण-पोषण कर रही हैं। इस योजना की विशेष बात यह है कि इस योजना में उन महिलाओं को शामिल किया जा रहा है जिनकी आर्थिक स्थित बहुत ही कमजोर है। योजना के तहत समूह बनाकर ऐसी महिलाओं को बैंक के माध्यम से मामूली ब्याज दर पर बैंक से ऋण उपलब्ध करवा कर उनका व्यवसाय शुरू करवाया जाता है। सरकार की इस योजना से महिलाओं की आर्थिक स्थिति भी सुधरने लगी है और वे अपने पैरों पर खड़ी हो रही हैं।

रेखा को मिली एक नई राह

यमुनानगर के गॉंव मिलक खास की श्रीमती रेखा रानी जो राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन के तहत स्वावलम्बी व आत्मनिर्भर बन पाई हैं, उन्होंने बताया कि वे पहले एक मज़दूर के तौर पर कार्य करती थी और काफी मेहनत करने के बाद भी परिवार का पालन-पोषण करना मुश्किल होता था। उन्होंने बताया कि वे 2019 में एचएसआरएलएम से जुड़ी और ₹100 मासिक की बचत शुरू की। उसके बाद रेखा ने समूह से ₹5000 लेकर सिलाई मशीन खरीदी और सिलाई का काम शुरू किया। इसके साथ ही उन्होंने IIBF से प्रशिक्षण लिया और उसके बाद समूह से 20000 रूपए लेकर कॉमन सर्विस सेंटर शुरू किया। रेखा ने बताया कि इसके पश्चात उनका आत्मविश्वास बढ़ा और उन्हें सेंट्रल बैंक ऑफ़ इंडिया से पीएमएफएमई योजना के तहत ₹18 लाख का ऋण मिला और उन्होंने सोया फ़ूड इंडस्ट्री में स्टार्ट-अप स्थापित किया। रेखा ने बताया कि इस दौरान उनके एसएचजी और एचएसआरएलएम ने काफी मार्गदर्शन किया और अब उनकी आय ₹40000-50000 के बीच है और वह अब आगे अपना व्यवसाय बढ़ाने का सोच रही हैं।

सुनीता का बढ़ा आत्मविश्वास

एचएसआरएलएम के माध्यम से अपना आत्मविश्वास बढ़ा पाई पलवल के एक छोटे से गाँव सरौली की सुनीता ने बताया कि पहले वे एक गृहिणी थी और उनके पति भी बेरोज़गार थे। इस तरह उनके परिवार को काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ता था। परन्तु जब 2017 में जब वे एचएसआरएलएम से जुडी तो उनको लगा कि वे भी काफी कुछ कर सकती हैं। इस तरह उनका आत्मविश्वास बढ़ा और इसके पश्चात उन्होंने आरएसईटीआई से प्रशिक्षण लिया और जूट बैग और स्कूल बैग बनाने का उद्यम शुरू किया। आज वह अपने उत्पाद को अपनी दुकान की तरह हर प्लेटफार्म पर एडवांस आर्डर के साथ अपने ग्राहकों को बेचती है। सुनीता ने बताया कि इसके द्वारा अब वे ₹25000 से 30000 रुपया महीना कमाने में सक्षम हुई हैं।

रेखा और सुनीता का कहना है कि हरियाणा में राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन के माध्यम से महिलाओं का सामाजिक एवं आर्थिक विकास हो रहा है। उन्होंने बताया कि आजीविका मिशन ने उनकी व उनके परिवार की दशा बदल दी है। ग्रामीण क्षेत्र में बहुत सी महिलाएं घर का काम करने के बाद अपने आपको खाली महसूस करती हैं। इस योजना के माध्यम से परिवार को आगे बढ़ाने व परिवार को आर्थिक सहयोग देने के उद्देश्य से उन्होंने हरियाणा राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन में शामिल होकर जीवन की नई शुरुआत की है। हरियाणा में इस कार्यक्रम का प्रभावी कार्यान्वयन किया जा रहा है।

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