मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने हरियाणा में शुरू की नई कवायद : बेसहारा या बेघर बच्चों को सरकारी नौकरी

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-बेसहारा या बेघर बच्चों को सरकारी नौकरी देकर उनके चेहरों पर मुख्यमंत्री लाये मुस्कान

-विधुर व अविवाहितों को भी मासिक वित्तीय सहायता देने की शुरू की एक नई पहल

-मनोहर लाल ने घोषणाओं के मात्र 24 घंटों के अंदर क्रियान्वयन कर देश के समक्ष प्रस्तुत किये उदाहरण

नई दिल्ली, 25 जुलाई: हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने पिछले साढ़े 8 वर्षों में समाज में एकरूपता व समरसता लाने के कई उदाहरण देश के समक्ष प्रस्तुत किये हैं, जो न केवल केंद्रीय स्तर पर सराहे गए हैं बल्कि अन्य राज्य भी अनुसरण कर रहे हैं। मुख्यमंत्री ने मात्र 24 घंटों के अंदर-अंदर घोषणाओं को धरातल पर उतार कर यह दिखाया है कि राजनीति जनसेवा का एक माध्यम बन सकती है। घोषणाओं को तुरंत ही क्रियान्वित होते हुए देखकर लोगों में श्री मनोहर लाल की कार्यशैली के प्रति विश्वास बढ़ता नजर आ रहा है।

कोरोना काल के दौरान सोनीपत में एक कार्यक्रम के दौरान जब बेसहारा, बेघर, सरेंडर या माता- पिता द्वारा त्यागे गए बच्चों ने मुख्यमंत्री के समक्ष आगे पढ़ने की इच्छा जाहिर की थी तो उसी समय मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को ऐसे बच्चों के पालन – पोषण, मुफ्त शिक्षा व रोजगार के लिए कोई नई योजना बनाने की बात कही। अधिकारियों के साथ विचार-विमर्श कर मुख्यमंत्री ऐसे बच्चों के कल्याणार्थ हरिहर योजना लेकर आए, इसके अंतर्गत बेसहारा बच्चों को राज्य के बाल देखभाल संस्थानों से 18 वर्ष की आयु पूरी करने वाले परित्यक्त और अभियुक्त बच्चों को शैक्षणिक, वित्तीय व अनुकम्पा के आधार पर रोजगार के लाभ प्रदान किये जायेंगे। इस योजना के लिए मुख्यमंत्री ने तत्काल मंजूरी दी। मुख्यमंत्री 22 जून, 2023 को ऐसे 12 बच्चों के चेहरों पर मुस्कान लाये जब उन्होंने चंडीगढ़ में अपने निवास स्थान संत कबीर कुटीर उनको सरकारी विभागों में नौकरी के नियुक्ति पत्र सौंपे। कहने को तो भले ही कहावत है कि जिसका कोई नहीं उसका खुदा होता है, परंतु मुख्यमंत्री मनोहर लाल को हरियाणा में ऐसी मिसाल कायम कर दी जिसकी चर्चा देश भर में हो रही है।

विधुर व अविवाहितों को भी मासिक वित्तीय सहायता देने की शुरू की एक नई पहल

इसी प्रकार हाल ही में विधुर तथा अविवाहित पुरुषों और महिलाओं को 2750 रुपये की मासिक वित्तीय सहायता उपलब्ध करवाकर एक और अनूठी पहल कर मुख्यमंत्री ने देश के समक्ष उदाहरण प्रस्तुत किया है । जिसके अंतर्गत 45 से 60 वर्ष की आयु के अविवाहित पुरुषों और महिलाओं को भी 2750 रुपये मासिक वित्तीय सहायता प्रदान की जाएगी , जिनकी परिवार की वार्षिक आय 1.80 लाख रुपये से कम है । इसके अलावा, वे विधुर जिनकी आयु 40 वर्ष हो गई है तथा उनकी पारिवारिक वार्षिक आय 3 लाख रुपये से कम होगी, वे भी 2750 रुपये मासिक की वित्तीय सहायता लेने के पात्र होंगे। यह योजना 1 जुलाई, 2023 से लागू होगी। मुख्यमंत्री द्वारा सभी प्रकार की सामाजिक सुरक्षा पेंशन की राशि को बढ़ाकर 3 हजार रुपये किया जाएगा।

इसी प्रकार हरियाणवी समाज में उम्रदराज अविवाहित पुरुषों की भी सुध मुख्यमंत्री ने ली और 1 जुलाई, 2023 से अन्य सामाजिक सुरक्षा पेंशन की तर्ज पर उनको भी 2750 रुपये मासिक वित्तीय सहायता देने की घोषणा कर बड़े – बड़े राजनेताओं के मुँह बंद कर दिए। मुख्यमंत्री स्वयं सार्वजनिक मंचों से कहते हैं कि उन्हें वोट बैंक की राजनीति नहीं करनी केवल राष्ट्रहित ही उनके लिए सर्वोपरि है, जनता को उनके काम पसंद हैं तो आगे भी साथ दें, पिछले साढ़े 8 वर्षों में किये गए कार्यों से 21 नहीं तो 19 अवश्य करेंगे।

लोगों की समस्याओं का त्वरित समाधान हो रहा

मुख्यमंत्री ने अपनी घोषणा के मात्र 24 घंटों में मंत्रिमंडल से अनुमोदित करवाकर एक रिकॉर्ड कायम किया है। इससे पहले भी मुख्यमंत्री भिवानी, पलवल, कुरुक्षेत्र, सिरसा व महेंद्रगढ़ जिलों में जनसंवाद कार्यक्रम के दौरान लोगों द्वारा उठाई गई मांग को 24 घंटों के अंदर अंदर पूरा करवाकर एक उदाहरण प्रस्तुत किया था। हर जिले में तीन – तीन दिनों के जनसंवाद कार्यक्रम के दौरान लोगों द्वारा रखी गई मांगों को त्वरित पूरा होते देख मुख्यमंत्री की कार्यशैली के प्रति लोगों का विश्वास बढ़ता नजर आया, क्योंकि मुख्यमंत्री स्वयं खाट व मुड्ढों पर बैठकर एक मुखिया की तरह लोगों की बात सुनते हैं और तत्काल मुख्यमंत्री कार्यालय के अधिकारियों को निर्देश देते हैं कि समस्या का हर हाल में समाधान हो। अपने पिछले कार्यकाल में जब पढ़ी लिखी पंचायतें की बात आई थी तो सर्वोच्च न्यायालय तक लड़ाई लड़ने में मुख्यमंत्री पीछे नहीं रहे और अंततोगत्वा सर्वोच्च न्यायालय ने अपने निर्णय में अन्य राज्यों को हरियाणा का अनुकरण करने की सलाह दी।

प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने वर्ष 2015 में पानीपत की ऐतिहासिक धरा से बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ अभियान की शुरुआत की थी, उस समय मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल ने सरकारी प्रयासों के साथ – साथ सामाजिक संगठनों, खापों व समाज के अन्य प्रबुद्ध लोगों से अपील कर इस अभियान को सफल बनाया और हरियाणा में लिंगानुपात में उल्लेखनीय सुधार हुआ। एक बार फिर मुख्यमंत्री ने संत – महात्माओं से नशे व जल संरक्षण के प्रति लोगों को जागरूक करने की अपील की है और संत – महात्माओं ने इसके लिए अलख जगाने की शुरुआत गत दिनों पंचकूला से की और अब यह अभियान गति पकड़ चुका है। इस अभियान में समाज हित व राष्ट्र हित की झलक देखने को मिल रही है।

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