डीसी निशांत कुमार यादव ने फील्ड में जाकर लिया फसल खराबे का जायजा, विशेष गिरदावरी कार्य को निर्धारित समयावधि में पूरा करने की दिए निर्देश

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-डीसी ने लघु सचिवालय के कॉन्फ्रेंस हॉल में पहले अधिकारियों के साथ की बैठक फिर किया ऊंचा माजरा, नरहेड़ा, भौड़ा खुर्द और घामड़ोज का दौरा

-बेमौसमी बरसात और ओलावृष्टि से प्रभावित फसलों के पंजीकरण व सूचना देने के लिए पुनः खोले गए एमएफएमबी व क्षतिपूर्ति पोर्टल
गुरुग्राम, 4 अप्रैल। गुरुग्राम जिला में बारिश और ओलावृष्टि से फसलों को पहुंचे नुकसान का जायजा लेने के लिए डीसी निशांत कुमार यादव मंगलवार को फील्ड में उतरे। डीसी ने पटौदी ब्लॉक के गांव ऊंचा माजरा, नरहेड़ा व भौड़ा खुर्द सहित सोहना ब्लॉक के गांव घामडोज़ के खेतों में जाकर निरीक्षण किया। डीसी ने निरीक्षण करने से पहले लघु सचिवालय स्थित कॉन्फ्रेंस हॉल में सोहना, पटौदी व गुरुग्राम के एसडीएम, तहसीलदार व नायब तहसीलदारों के साथ बैठक कर खराबे की गिरदावरी को लेकर आवश्यक निर्देश भी दिए।


डीसी ने कहा कि हाल ही में हुई बारिश व ओलावृष्टि के कारण सरसों व गेहूं की फसल खराबे की रिपोर्ट का आकलन किया जा रहा है। संबंधित अधिकारियों से रिपोर्ट तलब करते हुए प्रभावित किसानों को सरकार के मापदंडों के अनुरूप मुआवजा दिया जाएगा। उन्होंने बताया कि जिला के 225 गांवों में अभी कुल 8017 किसानों ने 43 हजार एकड़ भूमि पर फसल खराबे की सूचना क्षतिपूर्ति पोर्टल पर दर्ज की है। उन्होंने कहा कि जिन किसानों ने प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना या बागवानी बीमा योजना में पंजीकरण नहीं कराया है, ऐसे प्रभावित किसान प्राकृतिक आपदा जैसे ओलावृष्टि, बेमौसमी बारिश व अन्य कारणों से हुए फसलों के नुकसान की सूचना क्षतिपूर्ति पोर्टल पर दर्ज करा सकते हैं। उन्होंने बताया कि फसल खराबे की सूचना देने वाले किसानों का मेरी फसल।मेरा ब्यौरा पर पंजीकरण होना आवश्यक है।


डीसी ने बताया कि फील्ड से मिली रिपोर्ट के आधार पर मेरी फसल मेरा ब्यौरा पोर्टल को पुनः खुलवाया गया है। ऐसे में वे किसान जो किन्ही कारणों से पूर्व में पंजीकरण नही करा पाए थे। वे अब पंजीकरण कराने उपरांत क्षतिपूर्ति पोर्टल पर अपनी फसल खराबे की सूचना दे सकते हैं। उन्होंने कहा कि किसी किसान को पोर्टल पर कोई असुविधा हो रही है तो वे अपने नजदीकी सीएससी केंद्र पर जाकर भी अपना पंजीकरण व फसलों के नुकसान की सूचना दे सकते हैं। उन्होंने बताया कि जिले के प्रभावित किसानों की सुविधा के लिए फील्ड में उतरकर कार्य कर रहे संबंधित पटवारी व कानूनगो को आगामी पांच दिनों में खेत में जाकर सभी भौतिक निरीक्षण पूरे करने के आदेश दिए गए हैं। उन्होंने कहा कि पटवारी व अन्य कर्मचारी गांव वाइज बनाए गए शेड्यूल के अनुसार तय समय सीमा में गिरदावरी करें। डीसी ने कहा कि किसानों द्वारा दी गयी सूचना के तहत व पटवारी की फील्ड रिपोर्ट के आधार पर ही मई माह में मुआवजा उनके खातों में भेजा जाएगा। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि वे रिकॉर्ड का अच्छी तरह से मिलान करें, ताकि बाद में किसी प्रकार की परेशानी न हो। खराबा रिपोर्ट तैयार करते समय किसानों से भी बातचीत करें।
इस अवसर पर सोहना के एसडीएम प्रदीप सिंह, गुरुग्राम के एसडीएम रविन्द्र यादव, पटौदी के एसडीएम संजीव सिंगला, गुरुग्राम के तहसीलदार दर्पण कंबोज, पटौदी की तहसीलदार रीटा ग्रोवर, सोहना की तहसीलदार शिखा, फर्रुखनगर के तहसीलदार सज्जन कुमार सहित नायब तहसीलदार भी उपस्थित थे।

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